संदीप देव
इकोनोमिक टाइम्स के अनुसार बीफ एक्सपोर्टर कंपनी अल्लाना संस ग्रुप की 100 यूनिट पर जनवरी 2019 में लगातार दो दिन तक इनकम टैक्स का रेड पड़ा था।
SBI द्वारा जारी चुनावी बांड डाटा के अनुसार, इस छापे के करीब छह महीने बाद 9 जुलाई 2019 में इसी ग्रुप की कंपनी ने 2 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड एवं उसी वर्ष 9 अक्टूबर को उसने फिर 1 करोड़ का बांड खरीद कर ‘किसी’ राजनीतिक पार्टी को चंदा दे दिया!
इसी ग्रुप की अन्य कंपनियों ने भी जुलाई 2019 से जनवरी 2020 तक करोड़ों के बांड और खरीदे। कुल मिलाकर अल्लाना ग्रुप की सभी कंपनियों ने 5-7 करोड़ का बॉन्ड खरीदा आई० टी० छापे के बाद और ‘किसी’ राजनीति दल को चंदा दे दिया!
आई० टी० रेड के बाद बॉन्ड खरीद कर इस कंपनी ने किस राजनीतिक पार्टी को चंदा दिया, यह तब तक पता नहीं चलेगा जब तक एस० बी० आई० यूनिक कोड का डाटा चुनाव आयोग को उपलब्ध नहीं कराती।
परंतु यह वही बीफ एक्सपोर्टर ग्रुप है जिसकी कंपनी ने दिसंबर 2015 में भाजपा को भी 2.50 करोड़ का डोनेशन दिया था।
बीफ एक्सपोर्टर कंपनी से चंदा लेना गैरकानूनी नहीं है, परंतु जिस पार्टी का नेता ‘पिंक रिवोल्यूशन’ रोकने के नाम पर जनता से वोट मांग कर 2014 में सत्ता में आया हो, वो कम से कम पशुओं के मांस की कमाई से चंदा नहीं लेगा, यह उम्मीद तो की ही जा सकती है!
चुनाव में ‘पिंक रिवोल्यूशन’ का नारा और चुनाव बाद उसी ‘पिंक रिवोल्यूशन’ करने वालों से चंदा; यह साफ-साफ पाखंड है!
अंत में, विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़े:-https://www.thequint.com/news/politics/two-beef-exporting-companies-donated-rs-5-crores-electoral-bonds-sbi-data-reveals?s=35