संदीप देव। चंपत राय जी के इस बयान का हम स्वागत करते हैं कि ‘राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है।’ फिर वहां संघी चंपत राय, कार सेवकों पर गोली चलवाने का आदेश देने वाले तब के मुलायम सरकार के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा नकली शंकराचार्य घोषित वासुदेवानंद ट्रस्ट में क्यों बैठे हैं? यह लोग तुरंत ट्रस्ट से त्यागपत्र दें और ट्रस्ट में रामानंद संप्रदाय के साधुओं को जगह दें!
अब जब शंकराचार्यों और कार सेवा में मारे गये लोगों के परिजन को न बुलाने और बॉलीवुड के अभिनेता-अभिनेत्रियों जिनका राम मंदिर आंदोलन में कोई योगदान नहीं था, उनको बुलाने पर सवाल उठने लगा है तो सनातनधर्मियों को पुनः बांटने का उपक्रम कर रहे हो?
मुल लिंक अमर उजाला– https://www.amarujala.com/ram-mandir/ayodhya-ram-mandir-champat-rai-said-that-temple-belongs-to-ramanand-sect-not-to-shaiva-shakta-and-sannyasis-2024-01-08?pageId=1
अरे तुम संघियों की सरकार ने हिंदुओं को बांटने के लिए मंडल कमीशन (जनसंघ की जनता पार्टी सरकार में 1979 में बनी और भाजपा समर्थित जनता दल सरकार में 1990 में लागू) और हिंदुओं का अधिकार छीनने के लिए अल्पसंख्यक आयोग (जनसंघ की जनता पार्टी सरकार में 1978 में स्थापित) बना कर हिंदुओं का कम नुकसान किया है, जो अब हिंदुओं को संप्रदाय में बांटने का घृणित खेल खेलने में जुट गये हो?