“संदीप-देव” को गुरु बनाओ
अज्ञान , स्वार्थ ,भय , भ्रष्टाचार , कायरता , यथास्थितिवाद ;
अधिसंख्यक-हिंदू फँसे हैं इसमें , इसी वजह से मुर्दाबाद ।
जिंदाबाद अगर होना है , धर्म – मार्ग पर आना होगा ;
धर्म – सनातन सर्वश्रेष्ठ है , अब्बासी – हिंदू से बचना होगा ।
हिंदू की बरबादी के , सर्वप्रमुख हैं ये ही कारण ;
सदियों से हिंदू मार खा रहा , यूँ ही पिटता नहीं अकारण ।
और भी इससे बुरी बात है , मार्गदर्शक गद्दार हैं ;
इक्का-दुक्का अपवाद हैं केवल , बाकी गुंडो के यार हैं ।
एक तो गुंडो से डरते हैं , दूजे उनसे सप्लाई मिलती ;
गंदी-इच्छायें पूरी होतीं हैं , दौलत , मदिरा , औरत मिलती ।
मार्गदर्शक का मतलब समझो , नेता , बाबा और लेक्चरर ;
हिंदू को गलत-मार्ग बतलाते , नहीं चूकते कोई अवसर ।
नब्बे – प्रतिशत हनीट्रेप हैं , कामवासना के पुतले ;
ब्लैकमेल ये सब होते हैं , सब के सब मादा निकले ।
आज है धर्म को जितना संकट , इतना पहले कभी नहीं था ;
मार्गदर्शक ही भटके हुये हैं , पहले ऐसा कहीं नहीं था ।
हिंदू ! इनका चक्कर छोड़ो , शास्त्रों को खुद ही पढ़ना है ;
व “संदीप-देव” का चैनल देखो , पूरा अर्थ समझना है ।
एकमात्र ये ही चैनल है , संपूर्ण – सत्य बतलाता है ;
लेफ्ट-राइट से पूर्ण-अछूता , धर्म-सनातन जीवन जीता है ।
उपरोक्त बुराइयाँ जो हिंदू में , सबसे पहला अज्ञान है ;
अज्ञान दूर होगा जैसे ही , फिर सब कुछ आसान है ।
प्रथम-वरीयता इसको देना , सबसे पहले अज्ञान मिटाओ ;
सच्चे-गुरु बहुत दुर्लभ हैं , “संदीप-देव” को गुरु बनाओ ।
ज्यों-ज्यों अज्ञान मिटेगा तेरा , त्यों-त्यों जीत सुनिश्चित होगी ;
सारे – संकट दूर हटेंगे , सरकारें भी श्रेष्ठ बनेगीं ।
प्रजातंत्र जब अपनाया है , अच्छी-सरकार है परमावश्यक ;
अब तक की घटिया-सरकारें , इन्हें हटाना अब आवश्यक ।
जब तक निष्पक्ष-चुनाव न होंगे , ऐसा होना नामुमकिन है ;
ई वी एम हटाना होगा , तब ही होगा ये मुमकिन है ।
साथ ही दलों का दलदल छोड़ो , धर्मनिष्ठ-दल को लाओ ;
ऐसा एकमात्र ही दल है, “एकम् सनातन भारत” दल लाओ ।
हिंदू ! अपना अज्ञान मिटाओ, साथ ही ई वी एम हटाओ ;
फिर तो वो दिन दूर नहीं है , जब तुम “राम-राज्य” पाओ ।