अर्चना कुमारी। आईएसआईएस मॉड्यूल के तीन आतंकी दिल्ली पुलिस ने दबोचे ,जिसकी तलाश राष्ट्रीय जांच एजेंसी की भी थी। खुलासा हुआ है तीनों आतंकी दिल्ली समेत देश के अन्य भागों में बम धमाके की तैयारी कर रहे थे। उनकी योजना जान माल की क्षति पहुंचाने के अलावा देश भर में दहशत फैलाना था।
उनके निशाने पर कुछ दक्षिणपंथी नेता भी शामिल थे । पकड़े गए तीनो आतंकियों मो.शाहनवाज आलम उर्फ शैफी उज्जमा, मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना और मोहम्मद अरशद वारसी ने पूछताछ के दौरान बताया की तीनों पेशे से बीटेक इंजीनियर हैं। इनमें से शाहनवाज खनन, अरशद वारसी मैकेनिकल और रिजवान ने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रखी है।
इनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने की सामग्री, पिस्टल, कारतूस और बम बनाने के लिखित दस्तावेज और किताबों के अलावा अन्य सामान बरामद किया गया है। तीनों का जिहाद के प्रति ब्रेनवाश हो चुका है और इनमें से जुलाई महीने में पुणे पुलिस ने शाहनवाज को बाइक चोरी करते समय उसके साथियों इमरान व यूनुस के साथ पकड़ा था तब सुरक्षा एजेंसियों को पता नहीं था कि यह आतंकी है लेकिन छापेमारी के समय शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया था।
बाद में एनआईए ने इनकी गतिविधि को देश विरोधी पाया और पिछले माह 12 सितंबर को इसकी गिरफ्तारी पर तीन लाख का इनाम घोषित किया था। एनआईए को मामले में एक और मोहम्मद रिजवान की तलाश है जो अबतक फरार है।
उसकी भी गिरफ्तारी पर तीन लाख का इनाम रखा गया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आतंकियों को सोमवार अदालत में पेश किया गया, जहां से उनको सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस रिमांड पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के अलावा एनआईए टीम इनसे पूछताछ कर रही है।
आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन लोगों ने दक्षिण और पश्चिम भारत के कई इलाकों की बम धमाके के लिए रेकी कर ली थी। निशाने पर देश के कई महत्वपूर्ण स्थानों के अलावा कई बड़े लोग शामिल थे। अगले साल फरवरी में शाहनवाज को अपनी योजना को अंजाम देने का टारगेट दिया गया था। दरअसल दिल्ली पुलिस लंबे वक्त से इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और आईएसआईएस पर नजर रख रही थी। इसी कड़ी में इस कुख्यात मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया।
सूचना मिली थी कि आईएसआईएस का एक कुख्यात आतंकी शाहनवाज दक्षिण-पूर्व दिल्ली के जैतपुर में छिपा हुआ है। इस पर्वटीम ने छापेमारी कर शाहनवाज को दबोच लिया। इसके बाद इसके दो साथी रिजवान उर्फ मौलाना को लखनऊ और अरशद वारसी को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि यह इन लोगों ने पश्चिम घाट और दक्षिण भारत में अपने ठिकाने बनाने के प्रयास किए थे। इसके अलावा विभिन्न जंगलों में कई-कई दिन बिताकर आरोपियों ने विस्फोटक के परीक्षण किए थे। इसके पास बम बनाने की विधि से जुड़े दस्तावेज और लिटरेचर सीमापार पाकिस्तान से आया था।
जबकि खनन इंजीनियर शाहनवाज केमिकल की मदद से विस्फोटक की क्षमता बढ़ाने में माहिर बताया जाता है। इनका आका कौन है, इस बारे में पूछताछ की जा रही है जबकि आरोपी इंटरनेट के माध्यम से आका के संपर्क में थे और इन आतंकियों को सोशल मीडिया से भी दिशा-निर्देश मिलते थे। पुलिस का दावा है कि जांच में पता चला है कि शाहनवाज मूलरूप से हजारीबाग झारखंड का रहने वाला है। एक नामी संस्थान से माइनिंग (खनन) में इजीनियरिंग के अलावा उसे इस्लाम का ज्ञान है।
उसने गुजराती युवती से शादी करके उसका धर्म परिवर्तन करवाया था। बाद में उसका नाम मरियम रखकर उससे शादी कर ली थी। दूसरा आरोपी मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है। उसका जन्म सऊदी अरब के जद्दा शहर में हुआ था। 2009 में उसने भारत में ही मदरसे से आलमियत का कोर्स किया था।
उसने गाजियाबाद के एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है और इसके बाद वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज चला गया था। एक अन्य आरोपी झारखंड के रहने वाले अरशद वारसी ने अलीगढ़ विविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की थी। वह जामिया इस्लामिया से पीएचडी कर रहा है। वह अपना परिवार चलाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है।