पंडित अजय शर्मा, काशी। जब अस्पताल नहीं थे तो बच्चे की नाभि कौन काटता था मतलब पिता से भी पहले कौन सी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी ? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था ? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियनो के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं । आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपडे धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी की आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी ? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
और कहते है की छुआछूत था ? यह छुआ छूत की बीमारी मुgलो और अंग्रेजों ने सनातन धर्म को तोड़ने के लिए एक षड्यंत्र के रूप में डाली थी जातियाँ थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।
अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते, निषादराज, केवट, आदिवासी, वनवासी उनके सहायक न होते जाति में मत टूटीये, धर्म से जुड़िये देश जोड़िये। सभी को अवगत कराएं सत्य सनातन संस्कृति एवं सभ्यता से जुड़ी सभी जातियाँ सम्माननीय हैं।