हिंदू ! तुमने क्या कर डाला ?
बलात्कार पीड़िता के वंशज , डीएनए अपना मिला रहे ;
इनका तो मिल ही जायेगा , हिंदू को साजिशन फंसा रहे ।
जिससे इनका डीएनए मिलता , उसको हिंदू मत मानो ;
सदा वही हैं वही रहेंगे , इन सबको भी म्लेच्छ ही जानो ।
बहुत बड़ा धोखा खाया है , देश की हिंदू जनता ने ;
कितने पौराणिक मंदिर तोड़े , कितना लूटा इस नेता ने ।
मुगलों से व अंग्रेजों से , एक इंच भी नहीं है पीछे ;
अब्बासी – हिंदू है सबसे आगे , सबको छोड़ा है पीछे ।
तुष्टिकरण किया है जितना , उतना कोई न कर पाया ;
कितने गले कटे हिंदू के ? क्या कोई उनको गिन पाया ?
हिंदू को केवल मूर्ख बनाया , सबसे ज्यादा इसी ने कूटा ;
जिसको हृदय – सम्राट बनाया , उसने ही हिंदू को लूटा ।
हिंदू का सब कुछ लूट रहे हैं , हिंदू के सपने धूल धूसरित ;
सारे धार्मिक अधिकार छीनते और भर रहे दिलों में नफरत ।
नफरत की मार्केटिंग करता , लाशों का व्यापारी है ;
चरित्र नहीं जिसके जीवन में , कितना दुराचारी है ?
हिंदू ! तुमने क्या कर डाला ? कैसा ये नेता चुन डाला ?
फूलों के हार के बदले तुमने, गले में मौत का फंदा डाला ।
धीरे-धीरे कस रहा है फंदा , हिंदू ! इसकी रस्सी काटो ;
अब्राहमिक की कठपुतली है , इस चुनाव में डोरी काटो ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , इसको पूरी तरह हराओ ;
अबकी केवल धर्मनिष्ठ ही , हिंदूवादी-सरकार बनाओ ।
धर्मनिष्ठ सरकार ही केवल , भारतवर्ष बचा सकती है ;
कानून का शासन लागू करके, गुंडागर्दी को मिटा सकती है ।
अब्बासी – हिंदू गुंडों का साथी , अब्राहमिक – एजेंडा है ;
हिंदू – धर्म मिटा देने का , इसका ग्लोबल – एजेंडा है ।
दुर्भाग्य सदा से ये हिंदू का , सर्वाधिक गद्दार मिले ;
सबसे ज्यादा वामी , कामी , चरित्रहीन , मक्कार मिले ।
हिंदू को सबसे बड़ा है खतरा , चरित्रहीन नेताओं से ;
इसी से हिंदू पिटता आया , पिद्दी – पिद्दी सत्ताओं से ।
चीन ने मारा , पाक ने मारा , बांग्लादेश तक पीट रहे ;
फिर भी पूँछ हिलाते रहते , टुकड़खोर सब ढीठ रहे ।
पर अब ऐसा लगने लगा है , अंधकार सब खत्म हो रहा ;
“एकम् सनातन भारत” आने से, धर्म का सूरज उदय हो रहा ।