सरकारें पूरी तरह से कानून लागू करती नहीं, और दो कदम चल कर फिर चार कदम पीछे खींच लेती हैं। परिणाम क्या होता है?
हिंदू बिना तैयारी के जोश में सड़क से सोशल मीडिया तक कूद पड़ता है और फिर मारा जाता है। फिर चंद पोस्ट/ट्वीट/वीडियो उस पर बनाकर हिंदू पार्टी, संगठन और आम हिंदू आराम से दूसरे मुद्दों पर सरक जाता है।
उदाहरण के लिए- CAA की नियमावली अभी तक बनी नहीं, लेकिन दिल्ली दंगे में 53 जान चली गई, NRC लागू हुआ नहीं, लेकिन बंगाल में सैकड़ों हिंदू मार दिए गये और एक लाख से अधिक का पलायन हुआ।
370 अधूरे ढंग से हटने के कारण धर्म पूछकर कश्मीर में हिंदू मारे जाने लगे। किसान कानून लागू हुआ नहीं और झंडा फेंकने से लेकर, प्रधानमंत्री को रोकने, युवती का दुष्कर्म से लेकर जिंदा काटने-जलाने तक की घटनाएं हुई। और अब हिजाब पूरी तरह से बैन हुआ नहीं, और हिंदू मारे जा रहे हैं।
हिंदुओं पहले स्वयं को संगठित और मजबूत करो, फिर एक्शन में आओ, अन्यथा तुम्हारी मौत बस राजनीति और सोशल मीडिया का मैटर ही बनती रहेगी!
पहले अपने मोहल्ले में ग्रुप बनाओ, स्ट्रीट पावर हासिल करो, क्योंकि सरकारें, कानून, संविधान, कोर्ट, मीडिया, कथित बुद्धिजीवी- कोई भी फिलहाल तुम्हारे पक्ष में नहीं आएंगे। तुम्हारे पक्ष में बोलने पर भारत का सेक्यूलरिज्म आहत होता है! इसे गहराई से समझो!