कोई मीडिया संस्थान अपनी पत्रिका के मुख पृष्ठ पर किसे जगह देता है या किसे साल का नेता (लीडर ऑफ द इयर) चुनता है , उस पर पूरी तरह उसका अख्तियार होत है और होना भी चाहिए। लेकिन जिस व्यक्ति के प्रति देश भर में नकारात्मक व्यक्तित्व की आम अवधारणा बन गई हो उसे लीडर ऑफ द इयर चुने जाने से कहीं न कहीं पत्रकारिता पर सवाल जरूर खड़ा होता है। इंडिया टुडे ग्रुप ने जिस प्रकार राहुल गांधी को साल का नेता चुना है इससे तो साफ हो गया है वह अब पत्रकारिता नहीं बल्कि राहुल गांधी की ब्रैंडिग करने में जुट गया है। लगता है इंडिया टुडे ने राहुल गांधी की ब्रैंडिंग करने का जिम्मा अपने सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई को सौंप दिया है।
Rahul Gandhi emerges as the #Newsmaker2018. Watch what kept him in the news throughout the year.
Live https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/BRyBn91UaM
— IndiaToday (@IndiaToday) December 28, 2018
इंडिया टुडे ने ट्वीट कर लिखा है कि साल 2018 में राहुल गांधी न्यूजमेकर के रूप में उभरे हैं। इसके साथ ही उसने लिखा है कि आखिर क्या चीज राहुल गांधी को साल भर खबरों में रखा है। इसके बाद अपने वीडियो में राहुल गांधी के साल भर के बयान और उपलब्धियों को दिखाया और बताया गया है। क्या देश को पता नहीं है कि इस साल के अंत में यानि दिसंबर में तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस मिली जीत के अलावा राहुल गांधी की उपलब्धि शून्य ही कही जाएगी। सवाल उठता है कि महज एक महीने खबर में रहने का मतलब पूरा साल खबर में रहना होता है? लेकिन राजीव सरदेसाई ने जिस प्रकार अपने अंदाज में राहुल गांधी का महिमामंडन किया है उससे तो साफ जाहिर होता है कि अब उन्हें राहुल गांधी की ब्रैंडिंग करने की नई जिम्मेदारी मिल गई है। वैसे भी वे पहले से राहुल गांधी की ब्रैंडिंग करते रहे हैं। राजदीप सरदेसाई पहले से ही राहुल गांधी को गांधी-नेहरू खानदान का सबसे पढ़ा लिखा व्यक्ति मानते हैं।
Q. What kept Rahul Gandhi in news throughout the year?
A. Eminent Journalists
Who else? https://t.co/gulBMHmaCY
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) December 29, 2018
इंडिया टुडे द्वारा राहुल गांधी को स्थापित करने भर से उसके प्रति देश के आम नागरिकों की अवधारणा नहीं बदल जाएगी, तभी तो इंडिया टुडे पर सवाल भी उठने लगा है और इंडिया टुडे द्वारा पूछे सवाल का जवाब भी।
तभी तो फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर इंडिया टुडे के सवाल का जवाब दिया है। इंडिया टुडे ने पूछा था कि आखिर किस वजह सेराहुल गांधी पूरे साल न्यूज में बने रहे। विविके ने राजदीप सरदेसाई की ओर इशारा करते हुए लिखा है कि देश के महत्वपूर्ण पत्रकारों ने, और कौन? इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस पेटीकोट पत्रकार सालों से राहुल गांधी की ब्रैंडिंग करने में लगे हैं। वैसे भी इंडिया टुडे ग्रुप को तो कांग्रेस का भजनगायक माना ही जाता है। इससे पहले भी इंडिया टुडे के अरुण पुरी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ब्रैंडिंग कर चुके हैं।
ताज्जुब है जो राहुल गांधी पिछले दस सालों से हर मोर्चे पर अपनी और पार्टी की भद्द पिटाता रहा है वह लीडर्स ऑफ द इयर कैसे चुना जा सकता है। दिमाग पर पूरा जोर डालने के बाद भी याद करना चाहे तो राहुल का राफेल का मुद्दा उठाना यादा आता है, जबकि उस पर भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उन्हें मुंह की खानी पड़ी। राहुल गांधी के सूट-बूट वाली सरकार के नारे पर अरुण जेटली का सूझ-बूझ वाली सरकार का नारा ज्यादा भारी रहा। राहुल गांधी के चौकीदार चोर के नारे की सुप्रीम कोर्ट ने हवा निकाल दी। ऐसे राहुल गांधी की ब्रैंडिंग का जिम्मा लेकर इंडिया टुडे ने फिर अपनी साख पर बट्टा तो लगा ही लिया है।
URL : India Today and Rajdeep took responsibility of Rahul’s branding!
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