प्राचीन मंदिरों को युवाओं के बीच लोकप्रिय करवाने में प्रवीण मोहन नामक युवा को श्रेय दिया जाए तो कोई गलत बात नहीं होगी। भारत की स्थापत्य कलाओं को प्रवीण मोहन जिस ढंग से परिभाषित करते हैं, वह युवाओं को बहुत पसंद आता है। वे भारतीय मंदिर निर्माण कला को वैज्ञानिक ढंग से समझाते हैं और पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया के मंच पर एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। इन दिनों प्राचीन मंदिरों को लेकर सोशल मीडिया पर जो जूनून देखा जा रहा है, उसमें प्रवीण मोहन की अहम भूमिका है। लेकिन यू ट्यूब इस होनहार यूट्यूबर से इन दिनों नाराज़ चल रहा है और उसने प्रवीण का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है। यूट्यूब के इस कृत्य की सर्वत्र आलोचना हो रही है।
पिछले एक वर्ष से सोशल मीडिया जंगी मैदान बना हुआ है। फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर राष्ट्रवादियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग के बीच एक हार्डकोर प्रचार युद्ध चल रहा है और अब तो ये अपने चरम पर है। यूट्यूब चुन-चुनकर राष्ट्रवादियों के चैनल हटा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये वर्ग विशेष द्वारा की जा रही ‘मास रिपोर्टिंग’ का परिणाम है। प्रवीण मोहन का मामला भी ऐसा है। टुकड़े-टुकड़े गैंग इस बात से बौखला गया है कि कोई हिन्दू युवा भारत की प्राचीन पर अपना वैज्ञानिक दृष्टिकोण दे रहा है और उसे पसंद किया जा रहा है। आपको याद होगा कुछ समय से सोशल मीडिया पर तमिलनाडु के दो हज़ार वर्ष प्राचीन ‘पंचवर्णा स्वामी मंदिर’ मंदिर की फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में साइकिल चलाते एक व्यक्ति की कलाकृति दीवार पर बनाई गई है। प्रवीण मोहन ने ही सबसे पहले इस कलाकृति का वीडियो अपलोड किया था।
ये आमतौर पर देखा जाता है कि जैसे ही कोई राष्ट्रवादी योद्धा समाज को जागृत करने का काम सफलतापूर्वक करने लगता है तो टुकड़े-टुकड़े गैंग उसको सर्वस्व समाप्त करने का प्रयास करती है। स्वयं इंडिया स्पीक्स डेली का यूट्यूब चैनल इस गैंग की साजिश का शिकार हो गया। हमारा चैनल एक सप्ताह के लिए बैन कर दिया गया है। इस कारण हमें ‘वीमियो‘ (Vimeo video platform) पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। हमारी आवाज़ सुनी जा रही थी। हमारे अकाट्य तर्कों के सामने गैंग बेबस हो चुका था। मास रिपोर्टिंग ही हमें रोकने का एकमात्र मार्ग है, जिस पर वे चल रहे हैं। लेकिन ऐसे धक्कों से हम गिरने वाले नहीं हैं। हमारी ताकत आप लोग हैं। जब तक आप लोगों का साथ है, हमें कोई गिरा या झुका नहीं सकेगा। एक सोची-समझी रणनीति के तहत ये खेल हमारे विरुद्ध खेला जा रहा है।
सोशल मीडिया का ये प्रचार युद्ध सबसे घातक स्तर पर पहुँच चुका है। वामी-कामी गैंग यहाँ के चुने हुए योद्धाओं को समाप्त कर सोशल मीडिया पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है, जो वह अब तक नहीं कर सका है। इसका कारण है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय राष्ट्रवादी मीडिया समूहों को आप लोगों की ताकत मिल रही है। वहां मैन स्ट्रीम मीडिया में टुकड़े-टुकड़े गैंग शक्तिशाली है क्योंकि वहां आप लोगों की शक्ति आमतौर पर काम नहीं करती। वे सोशल मीडिया के चुने हुए योद्धाओं को एक-एक कर ख़त्म कर देना चाहते हैं। प्रवीण मोहन का चैनल सस्पेंड होना इस बात का प्रमाण है। वे सीधे आपके योद्धाओं पर प्रहार करते हैं लेकिन आप नहीं करते। यहीं कारण है कि फेसबुक पर भगवान राम के नाम से सैकड़ों अश्लील पेज चलाए जा रहे हैं। उनकी रिपोर्ट होती है लेकिन गिनती के लोग ही इसमें समय बर्बाद करते हैं।
प्राचीन भारत का सही इतिहास और उनकी बारीकियों को पहचानने वाले विशेषज्ञ यहां सम्मानित नहीं होते। भारतीय पुरातत्व के विशेषज्ञों को यहाँ कोई नहीं पूछता। वेदों का ज्ञान रखने वाले आपसे बहुत कुछ कहना चाहते हैं लेकिन आप सुनना नहीं चाहते। आप केवल राजनीति सुनना और पढ़ना चाहते हैं। क्या भारत की विरासत के प्रति हमारी कोई जवाबदेही नहीं है? मेरे कहने का आशय है कि इस युद्ध में हर विषय में पारंगत विशेषज्ञों को न केवल साथ लेना होगा बल्कि उनको उचित सम्मान भी देना आपका ही काम है। उनके लिए लड़ना भी आपको ही पड़ेगा। ये समझिये कि सामने खड़े विशुद्ध दुष्टों की सेना से निपटने के लिए ये लोग आपके सिपाही हैं। इन सिपाहियों के पीछे खड़े रहकर उत्साहवर्धन करना आपका ही काम है। इसे राष्ट्रहित में दी गई आहुति समझिये।
It looks like if any thousand uses complaint about a channel you tube suspends it account. ISD Members can do an experiment on this.