आज शिवशक्ति धाम में 18 जनवरी 2023 से आरम्भ हुए 108 दिवसीय माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न हुई।पूर्णाहुति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उत्साह और नव संकल्प के साथ महायज्ञ में अपनी आहुति समर्पित की।यह महायज्ञ सनातन धर्म की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओ के समूल विनाश तथा सभी भक्तगणों की सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।महायज्ञ की पूर्णाहुति पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने महायज्ञ में किसी भी तरह से सहयोग करने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के लिये माँ और महादेव से प्रार्थना की और उनके यश,बल, आयु और समृद्धि में अतुलनीय उत्थान की प्रार्थना की।
आज के महायज्ञ का भंडारा बहुत ही श्रद्धा के साथ डासना के वैश्य समाज ने किया जिसमें लगभग 5 हजार से अधिक लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया।इस व्यवस्था में अजय अग्रवाल पप्पू,आशाराम गोयल,नरेंद्र गोयल,संजय मित्तल,नितिन सिंघल,शिवानंद सिंघल,सुनील जिंदल,सुनील गर्ग,रामकुमार मित्तल,सतीश गोयल तथा अन्य प्रतिष्ठित वैश्य भाइयो का सहयोग रहा।
माँ बगलामुखी महायज्ञ की पूर्णाहुति महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के द्वारा व सहस्त्र चण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति विद्वान आचार्यो के द्वारा सम्पन्न कराई गई।महायज्ञ में डॉ भीष्म कपूर,दिनेश अग्रवाल,आचार्य दीपक तेजस्वी,धीरज नागर,डॉ उदिता त्यागी,श्रीमती शशि चौहान,श्रीमती बीना मित्तल,पंकज मित्तल,अक्षय त्यागी,राजेश यादव,अनिल यादव,मुकेश त्यागी,संजय त्यागी,पंकज प्रधान,ममता अरोड़ा,मोहित बजरंगी के साथ अनेक भक्तजनों का सहयोग रहा।महायज्ञ की पूर्णाहुति में बड़ी संख्या में साधु संतों ने भी भाग लिया।
महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ ही आज शिवशक्ति धाम डासना में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया था।रक्तदान शिविर में सबसे पहला रक्तदान शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने किया।
इस अवसर पर रक्तदान की महिमा बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि रक्तदान महादान है।रक्तदान करके मानव के अमूल्य जीवन की रक्षा की जाती है।रक्तदान करने वाला व्यक्ति मंगल दोष से मुक्त हो जाता है जिससे उसे शस्त्र या दुर्घटना के द्वारा अकाल का भय नही रहता।
प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में एक बार अवश्य की रक्तदान करना चाहिये। माँ के महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ ही यह भी तय किया गया कि सनातन धर्म की रक्षा के उद्देश्य से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज एक हजार युवाओ के जत्थे के साथ कावंड आकर पारदेश्वर महादेव को समर्पित करेंगे।