प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में लुटियन्स दिल्ली के मठाधीशों को खान मार्केट गैंग कहा था। यह गिरोह बौखला उठा है। इसी के मद्देनजरलुटियन्स पत्रकारों पर एक वीडियो श्रृंखला शुरू की जा रही है। इस श्रृंखला में पहला नाम है करण थापर का…
औपनिवेशिक डीएनए और मानसिकता वाला करण थापर!
करण थापर के दादा दीवान बहादुर कुंज बिहारी थे। कुंज बिहारी थापर भी हयात खान, चौधरी गज्जन सिंह तथा राय बहादुर लाल चंद समेत उन चार लोगों में शामिल थे जिन्होंने पजांब के गवर्नर सर मैकल ओ-ड्वायर के फंड में 1.75 लाख रुपये चंदा दिया था। ड्वायर वही व्यक्ति था जिसने जलियांवाला बाग नरसंहार के दौरान ब्रिगेडियर जनरल रेनॉल्ट डायर पर कार्रवाई का बचाव किया था। ब्रिटिश सरकार के प्रति अपनी वफादारी के लिए कुंज बिहारी थापर भी 1920 में ब्रिटिश साम्राज्य से पुरस्कृत हुए थे।
कुंज बिहारी थापर के तीन बेटे थे दया राम, प्रेम नाथ तथा प्राण नाथ। जनरल प्राण नाथ थापर (२३ मई, १९०६ – २३ जून, १९७५ ) भारतीय सेना के पांचवे सेना प्रमुख थे। करण थापर के पिता जनरल प्राण नाथ थापर एकमात्र ऐसे सेना प्रमुख थे जिन्होंने युद्ध हारा था। 1962 में चीन से लड़ाई हारने के कारण ही उन्हें 19 नवंबर 1962 को अपमानित होकर जबरन इस्तीफा देना पड़ा था। इतिहासकार रोमिला थापर प्राण नाथ थापर की भतीजी है।
प्राण नाथ थापर ने राय बहादुर बशीरम सहगल की सबसे बड़ी बेटी बिमला बशीराम से विवाह किया । वे राय बहादुर रामसरन दास की पोती थीं । बिमला थापर, गौतम सहगल की बहन थीं, जिनकी पत्नी नयनतारा सहगल ,विजयलक्ष्मी पंडित की बेटी थीं और जवाहरलाल नेहरू की भतीजी थीं। नयनतारा सहगल अंग्रेजी लेखिका हैं। नयनतारा सहगल जवाहरलाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी की तीन बेटियों में से दूसरी बेटी थी। जनरल थापर और श्रीमती बिमला थापर के चार बच्चे थे, जिनमें से सबसे छोटे करण थापर हैं ।
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