ओ! भारत के भाग्य विधाता कुछ अपना जलवा दिखलाओ
जनगणमनअधिनायक तुम हो तुम अपना जौहर दिखलाओ
सरकारों में चोर घुसे हैं, कानून व्यवस्था चौपट हो गई ;
गद्दार बने हैं देश के हीरो ,बेशर्मी की हद ही हो गई ।
तुम क्या केवल ध्वज मात्र हो ,सारा देश तुम्हारे पीछे ;
आजादी तुमने दिलवाई ,अब क्यों किए हुए सर नीचे ।
कुछ ऐसा जादू दिखलाओ ,राष्ट्रप्रेम की अलख जगाओ;
भूल चुके जो राष्ट्र का गौरव ,उनको उसकी याद दिलाओ।
याद दिलाओ उन्हें शिवाजी ,भगत सिंह की वो कुर्बानी ;
याद करें वे झांसी रानी ,सारे गुरुओं की वो कहानी ।
हंसते-हंसते प्राण दे दिए, शीश दिया पर सिरर न दिया ;
राष्ट्र की खातिर मरना सीखा ,पर अपना सम्मान न दिया।
इतिहास राष्ट्र का भरा पड़ा है ,ऐसे ही बलिदानों से ;
पर गद्दारों ने साजिश रचकर ,बदला इतिहास बेईमानी से।
अब सच्चा इतिहास बताओ, स्वर्णिम युग की याद दिलाओ;
देशभक्तों को आगे लाओ ,आक्रांताओं का मान घटाओ ।
आजादी किसने दिलवाई, सबको सच्ची बात बताओ ;
आजाद हिंद के फौजी वीरों की कुर्बानी ,ये बतलाओ ।
वीर सुभाष की ये आजादी ,सबको सच्ची बात बताओ;
गोरे भागे उन से डरकर ,ये सारा इतिहास बताओ ।
पर गोरों ने साजिश रचकर, गद्दारों को सत्ता दे दी ;
गद्दारों ने राष्ट्र को तोड़ा ,देश की अस्मत गिरवी रख दी।
सत्तर साल की ये गद्दारी ,खुलेआम सबको बतलाओ ;
जितने भी है राष्ट्र के दुश्मन, उनके चेहरों को दिखलाओ।
सही बात जनता जानेगी ,राष्ट्र का गौरव पहचानेगी ;
देश के दुश्मन डूब जाएंगे, राष्ट्रप्रेम की लहर उठेगी ।
कानून का शासन लागू होगा ,सबको सब कुछ मिल जाएगा
चारों ओर तरक्की होगी, राष्ट्र का स्वर्णिम युग लौटेगा ।
“वंदे मातरम- जय हिंद”
रचयिता :बृजेश सिंह सेंगर” विधिज्ञ”