विश्वके लगभग सारे नेता , अपने देश पे मरते हैं ;
पर नब्बे – प्रतिशत अपने नेता , देश लूटते रहते हैं ।
राष्ट्र से इनको कुछ न मतलब , राष्ट्र-विरोधी कार्य करें ;
धर्म के भी पक्के-दुश्मन हैं , प्रायः पाप के काम करें ।
हिंदू – मंदिर लूट रहे हैं , जजिया में धन देने को ;
शिव – परिवार के मंदिर तोड़े , गलियारा बनवाने को ।
हिंदू का विश्वास तोड़कर , गुंडों पर विश्वास करें ;
न्याय का कोई कार्य नहीं है , पर नोबेल की आस करें ।
तीनों अंग कर दिये घायल , चौथा मरणासन्न है ;
सारे हिंदू अब तो चेतो , जीवन – संकट आसन्न है ।
सोशल-मीडिया ही केवल है , राष्ट्र की चिंता करने को ;
वरना भारत के नेताओं ने , छोड़ दिया है मरने को ।
नष्टप्राय जब होगा भारत , इनको नहीं ठहरना है ;
कई देशों में ठौर – ठिकाना , भाग वहीं पर जाना है ।
केवल हम हिंदू को ही , इस देश में जीना-मरना है ;
सावधान अब तो हो जाओ , क्या बेमौत ही मरना है ?
ज्ञान चक्षु अपने सब खोलो , शस्त्र-शास्त्र पारंगत हो ;
अपने सच्चे इतिहास को जानो ,धर्म की पूरी संगत हो ।
केवल धर्म-सनातन हमको,सही राह दिखला सकता है ;
वरना अब्बासी हिंदू- नेता , हिंदू-धर्म मिटा सकता है ।
हिंदू जुलूस पर कितने हमले,कितनों की ही जान गयी ;
पर सरकारी व अब्बासी-हिंदू की , पहचान हो गयी ।
सदा सावधान इनसे रहना है , इनसे सत्ता लेना है ;
अब केवल योगी – हेमंता , नेतृत्व देश का देना है ।
साफ-साफ सबको बतला दो, योगी नहीं तो वोट नहीं ;
योगी ही पीएम घोषित हों , वरना पार्टी को वोट नहीं ।
केवल कट्टर – हिंदू ही जीतें , वोट उन्हीं को देना है ;
दल कोई हो या निर्दलीय हो , केवल उन्हें जिताना है ।
अब फौरन अपना नेता बदलो , योगी-हेमंता ले आओ ;
अपना कायाकल्प करो तुम, देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”