जनरल रावत की मौत का बदला , हमको आज चुकाना है ;
देश-विरोधी जितनी साजिश , सबकी जड़-मूल मिटाना है ।
हर साजिश का सूत्रधार है , भारत का अब्बासी – हिंदू ;
इसको अब भी न समझा तो , मिट जायेगा देश से हिंदू ।
म्लेच्छों से लड़ने से डरते , वे ही सेक्युलर बनते हैं ;
फिर भी नहीं वे बच पाते हैं , अपना गला कटाते हैं ।
डरने वाला कैसे मरता है ? वो तो कुत्ते की मौत ही मरता ;
निर्भय, निडर, साहसी मानव , शान से जीता शान से मरता ।
सत्य-मार्ग पर चलने वाला , धर्म के लिये लड़ने वाला ;
मरकर वही अमर होता है , जीवन सफल बनाने वाला ।
जो डरपोक है स्वार्थी – हिंदू , चरित्रहीन – मक्कार है ;
अब्बासी-हिंदू का ये साथी है , इसके जीवन को धिक्कार है ।
गंदी-साजिश ने जनरल को लीला , बहुत बड़ी क्षति पहुंचाई ;
अग्निवीर निकला साजिश से, सेना की कितनी शक्ति घटाई ?
चीन के हाथों भूमि गंवाई , मणिपुर की हत्या करवाई ;
ऐसे तो पूरा देश मिटेगा , पर हिंदू को अक्ल न आई ।
हमको अब देश बचाना होगा , हिंदू ! तुम्हें जागना होगा ;
आने वाले संसद-चुनाव में , अच्छी-सरकार बनाना होगा ।
अब्बासी-हिंदू को हराना होगा, उसको अंजाम भुगतना होगा ;
ईवीएम मिटाना होगा , निष्पक्ष – चुनाव कराना होगा ।
ये चुनाव सामान्य नहीं है , जीने-मरने का प्रश्न निहित है ;
हर हाल में अब अच्छा शासन हो,देश का भाग्य सन्निहित है ।
अबकी हिंदू ! चूक गये तो , फिर न अवसर पाओगे ;
किसी तरह से बचे हो अब तक , फिर न तुम बच पाओगे ।
अब्बासी – हिंदू ने जाल बिछाया , हिंदू की बर्बादी का ;
सदा से ये हिंदू का दुश्मन , ये दलाल प्रतिवादी का ।
हिंदू की जीवन-मृत्यु की बाजी , इस चुनाव में लगी हुयी है ;
क्या किस्मत का फैसला होगा,दुनिया की आंखें लगी हुयी हैं ।
हिंदू जीतेगा मानवता जीतेगी, अब्बासी-हिंदू मुॅंह की खायेगा ;
“राम-राज्य” यदि भाग्य में होगा,एकम् सनातन भारत आयेगा।
हिंदू ! किस्मत का फाटक खोलो , इस दल को सहयोग करो ;
हर हिंदू ! सहयोग को करना , सर्वश्रेष्ठ ये कार्य करो ।
हिंदू विजय सुनिश्चित कर लो,बलिदान व्यर्थ न जनरल का हो;
आतंक मिटे सारी दुनिया से , विश्वयुद्ध तब कभी न हो ।