जीवन का उद्देश्य सार्थक , हर हिंदू को पाना है ;
हिंदू -राष्ट्र बनाना है और भ्रष्टाचार भगाना है ।
लक्ष्मी पूजन बंद करो सब ,काली मां को लाना है ;
अस्त्र शस्त्र सारे काली के, काली के संग लाना है ।
अपनी सारी कमजोरी त्यागो,हिन्दू शौर्य जगाना है;
वंदे मातरम ही राष्ट्रगान है, सबको मिलकर गाना है।
धर्म सनातन स्थापित कर , मानवता को बचाना है;
गुंडागर्दी जड़ से मिटा कर ,शांति व्यवस्था लाना है।
कभी नहीं हो खून खराबा, केवल शक्ति से संभव है;
गांधी को कचरे में फेंको , वरना शांति असंभव है ।
गांधीवाद कपटी व कायर , धूर्त और मक्कार है ;
धर्म सनातन का ये दुश्मन व गुंडों का यार है ।
गांधीवादकीओट में छुपकर, राष्ट्र का सौदा करते हैं;
सीधे हिंदू को मूर्ख बनाकर , उल्लू सीधा करते हैं।
गांधी अंग्रेजों का पिट्ठू , उनकी जान बचाता था ;
धर्मसनातन कभी न जाना, अपनीपूजा करवाता था।
हर हिंदू होशियार बने अब , भला बुरा अपना जाने ;
हजारसाल से भटक रहा, अब सही राह अपनी जाने।
एकमात्र है धर्म सनातन , जो धरती को बचायेगा ;
वरना गुंडों का खून खराबा , मानव धर्म मिटायेगा ।
जब न मानव धर्म बचेगा , मानव भी मिट जाएगा ;
मानवता की रक्षा करने , धर्म सनातन आयेगा ।
धर्म ध्वजा के नीचे आकर , हिंदू राष्ट्र बनाना है ;
सभी करें मां काली पूजन ,गुंडा तत्व मिटाना है ।
अंतिममौका हिंदूसंभले वरना सबकुछ छिन जाना है;
अभी भी मौका काली पूजो , हर हिंदू को बचाना है।
एक साथ हों सारे हिंदू , परम लक्ष्य को पाना है ;
हिंदू राष्ट्र बनाओ भारत , राम राज्य को लाना है ।
“वंदे मातरम -जय हिंद”
रचनाकार: बृजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”