पिछले करीब दो दशक से त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार थी, लेकिन वहां से एक भी न्यूज दिल्ली और देश तक नहीं पहुंचती थी। कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री माणिक सरकार के समय त्रिपुरा की हालत बेहद खास्ताहाल थी, लेकिन दिल्ली की वामपंथी और अंग्रेजी मीडिया ने कभी वहां की दुर्दशा की रिपोर्टिंग नहीं की। लेकिन ज्यों ही त्रिपुरा की कम्युनिस्ट सरकार की हार हुई, बौखलाई वामपंथी और अंग्रेजी मीडिया ने भाजपा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री बिप्लव देव को बदनाम व उनकी छवि खराब करने का संगठित अभियान शुरु कर दिया है। मुख्यधारा की मीडिया ट्रोल की तरह व्यवहार करते हुए उनके खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चला रही है। ऐसे ही एक अभियान को चलाते हुए मशहूर वामपंथी अखिबार द टेलीग्राफ और सरकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई पकड़ी गयी है! न्यूज एजेंसी एएनआईए ने भी मामला दर्ज कराया है कि उसका फेक एकाउंट बनाकर झूठी खबर प्रसारित किया जा रहा है।
#त्रिपुरा में भाजपा की जीत को अब तक नहीं पचा पा रहे वाम बुद्धिजीवियों के जरिए @BjpBiplab की छवि खराब करने का खेल मीडिया और सोशल मीडिया के बदस्तूर जारी है.@ANI ने फेक अकाउंट पर मामला दर्ज कराया है. खबरों की गलत reporting को लेकर @PTI_News और #thetelegraph को rejoinder भेजा है. pic.twitter.com/ECB2GZC2c3
— Sanjay Mishra (@sanjayswadesh) May 1, 2018
आपको ज्ञात हो कि बंगाल से निकलने वाला द टेलीग्राफ आनंद बाजार पत्रिका समूह का अखबार है, जिसके मालिक अभीक सरकार कार्ड होल्डर कम्युनिस्ट हैं। इसी समूह का एबीपी न्यूज किस तरह से वामपंथी प्रापोगंडा चलाता है, यह सबके सामने हैं। यह वही The telegraph है, जिसने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लिए Anti-National जैसे नेम कॉलिंग या ट्रॉल शब्द का इस्तेमाल अपने अखबार की कवर स्टोरी में किया था। इसी तरह सरकारी एजेंसी PTI में अभी भी कांग्रेसियों का कब्जा है। मोदी सरकार के साढ़े चार साल के बावजूद पीटीआई से कांग्रेसी संपादकों को विदा नहीं किया गया है, जिसका परिणाम समय-समय पर सरकार को बदनाम करने वाली झूठी खबर के रूप में मिलता रहता है।
त्रिपुरा CM को ट्रोल कर रहे लोगों से जावेद अख्तर ने कहा- अपने भी गिरेबां में झांक लो https://t.co/8qqVXr4eGs
— Sanjay Mishra (@sanjayswadesh) April 19, 2018
वर्तमान घटनाक्रम में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव को बदनाम करने के लिए The telegraph और PTI ने उनके नाम पर झूठी खबर चला दी और सोशल मीडिया पर मौजूद कांगी-वामी पत्रकारों व कार्यकर्ताओं ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्टीकरण दिया कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जो चलाया जा रहा है, लेकिन वामपंथी टेलीग्राफ और कांग्रेसी पत्रकारों के कब्जे वाली पीटीआई ने तो किया ही था मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए, इसलिए उन्होंने सही खबर को फिर भी नहीं चलाया और झूठ चलाते रहे!
Those who make fun of Tripura CM pan shop remark see this link https://t.co/OvPT27pj6o
Pan trade is no more the traditional one. There is chocolate pan,
Chocolate With Caramel Sweet, almond, strawberry ..what not. Pan is one of the biggest trade in Benaras
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) April 30, 2018
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने द टेलीग्राफ और पीटीआई को नोटिस जारी किया है। टेलीग्राफ को मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिखा कि आपने गलत तरीके से मुख्यमंत्री को कोट करते हुए खबर प्रकाशित की है। 30 अप्रैल को अगरतला के बुद्धमंदिर में मुख्यमंत्री बिप्लव देव ने जो कही भी नहीं, उसे भी उनके नाम पर टेलीग्राफ ने प्रकाशित कर दिया है। टेलीग्राफ ने मुख्यमंत्री को कोट करते हुए लिखा था-‘बुद्धा वॉक टू जापान’। मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिखा है कि वीडियो क्लिप साक्ष्य के रूप में उपलब्ध है, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा है कि भगवान बुद्ध ने भारतवर्ष में अहिंसा व शांति का संदेश दिया, जो यहां से निकल कर वर्मा, जापान, तिब्बत सहित पूरी दुनिया में आज फैला है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऐसा ही नोटिस पीटीआई को भी जारी किया है।
One good thing that is happening is that thanks to BJP in Tripura, what happens in Tripura becomes national news. Otherwise no one used to bother about Tripura till CPM was in power https://t.co/wTtt2dqXvB
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) April 30, 2018
वहीं दूसरी ओर न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक रिपोर्ट दर्ज कराया है कि उसका फेक एकाउंट बनाकर उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। एएनआई के फेक एकाउंट से भी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव को बदनाम करने का संगठित अभियान मुख्यधारा की वामपंथी व अंग्रेजी मीडिया के ट्रोलर चला रहे थे।
PM @narendramodi wrote to Tripura CM @BjpBiplab on March 23rd inviting him for the May 2nd meeting. These letters were sent to all the members of the committee. Bjp leaders are now curious why the invitation sent to him a month ago was interpreted as summon!!
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) May 1, 2018
दरअसल वामपंथी सरकार के दशकों तक चले शासन में हुए घपले-घोटाले पर कार्रवाई से बौखलाई वामपंथी व अंग्रेजी मीडिया ने मुख्यमंत्री बिप्लव देब पर दबाव बनाने के लिए उनके खिलाफ झूठी खबर चलाने और उन्हें ट्रोल करने का खेल खेला है, ताकि वह दबाव में आकर सभी तरह की जांच को रोक दें। अंग्रेजी मीडिया का एक बड़ा वर्ग वामपंथी विचारधारा से प्रेरित है, जिसके कारण वह देश में कांग्रेस व कम्युनिस्ट के अलावा किसी भी अन्य सरकार को झूठ फैलाकर गिराने का खेल खेलता रहता है।
#त्रिपुरा की पूर्व वामसरकार की गबन का एकनया मामला सामने आया है.मिनी डीप ट्यूबवेल बनानेके नाम पर लगभग 80से90 करोड़ की धांधली नजर आ रही है.@BjpBiplab ने प्रिंसिपल सचिव के नेतृत्व में कमेटी बनाकर पूरे मामले की छानबीन के निर्देश दिए हैं.वाम बुद्धिजीवियों की बौखलाहट का कारणये तो नहीं
— Sanjay Mishra (@sanjayswadesh) May 1, 2018
ज्ञात हो कि कठुआ रेप केस मामले में भी अंग्रेजी पत्रकार शेखर गुप्ता, बरखा दत्त और स्वाति चतुर्वेदी ने घटना के तीन महीने बाद झूठ प्रसारित करते हुए ट्वीटर पर संगठित अभियान चलाकर इसे हवा दी थी, जिसकी पुष्टि ट्वीटर एनालिसिस से होती है। इंडिया स्पीक्स डेली पर इस बावत खबर भी प्रकाशित की गई थी।
URL: the teligraph and pti exposed for fake news against Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb
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