सच को दबाने का मतलब झूठ को उछाल कर बदनाम करना ही होता है। छह साल बाद इस बार प्रयागराज में चल रहे कुंभ को लेकर मीडिया का एक वर्ग और विरोधी सच को दबाकर योगी और मोदी सरकार को बदनाम करने में जुटा है। हिंदुस्तान अखबार ने एक स्टोरी प्रकाशित कर कुंभ की व्यवस्था से लकेर उस पर सरकार की फिजुलखर्ची पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि इस बार प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले पर 4,200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं जो पहले के मुकाबले तीन गुणा ज्यादा है। लेकिन उद्योग मंडल कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) कुंभ के तथ्यों को उजागर कर न केवल हिंदुस्तान अखबार बल्कि विरोधी गिरोह के मुंह पर करारा तमाचा जड़ने का काम किया है।
At Rs 4,200 crore, 2019 #KumbhMela2019 is the costliest everhttps://t.co/qniZQrBZEY pic.twitter.com/VSb8XfJp1e
— Hindustan Times (@htTweets) January 15, 2019
सीआईआई ने बताया है कि मोदी और योगी सरकार ने इस कुभ मेले पर जरूर 4,200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इसके खिलाफ नकारात्मक स्टोरी चलाने वालों को यह भी ध्यान देना चाहिए कि सरकार ने इस 4,200 करोड़ रुपये कहां और क्यों खर्च किया है, इसके साथ ही सरकार को इससे हांसिल क्या हुआ है? तो ममझिए… सरकार ने 50 दिनों तक चलने वाले इस कुभं के दौरान 6 लाख लोगों को रोजगार मिलना है। इतना ही नहीं इस कुंभ मेले से सरकार को 1.20 लाख करोड़ रुपये का राजस्व भी आने वाला है।
अब आप ही बताइये सरकार के साथ देश और राज्य की जनता के लिए यह मुनाफा का सौदा है या फिर घाटे का। सीआईआई का कहना है कि योगी सरकार के इस आयोजन से न केवल यूपी को लाभ होने वाला है, इससे देश के अन्य पर्यटन समृद्धि राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, राजस्थाम तथा पंजाब को भी लाभ पहुंचने वाला है। कुंभ मेले का दर्शन करने आने वाले विदेशी सैलानी उन राज्यों का रुख कर रहे हैं।
नकारात्मक सोच वालों को हर जगह नकारात्मकता ही दिखाई देती है। नहीं कुंभ मेले से न केवल सरकार का राजस्व बढ़ने वाला है बल्किन आम लोगों को रोजगार भी मिलेगाा। 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलने वाले इस कुंभ मेले के दौरान महज आतिथ्य क्षेत्र में ही ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने वाला है। एयरलाइंस और हवाई अड्डों के आसपास से करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजी रोटी मिलेगी। इस मेले के दौरान 45,000 टूर ऑपरेटरों को रोजगार उपलब्ध होगा। सीआईआई ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके मुताबिक ऐसे कई अन्य क्षेत्र हैं जहां रोजगार बढ़ेंगे। मालूम हो कि इस कुंभ में 15 करोड़ लोगों के पहुंचने की संभावना है।
जो लोग खर्च को लेकर मोदी-योगी सरकार पर सवाल उठाने में जुटे हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पिछली सरकारों ने कुंभ मेले पर कितना खर्च किया और इससे सरकार को तथा क्षेत्रीय लोगों को क्या और कितना फायदा मिला था।
URL : there is slaps on face of Hindustan newspaper and anti-gang of kumbh
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