ये सभी पालतू बाबा हैं
यदि अच्छे-लोगों को चैन से जीना , गुंडागर्दी से बचना है ;
एकमात्र बस यही मार्ग है , कानून का शासन लाना है ।
जस का तस कानून हो लागू , पक्षपात बिल्कुल न हो ;
निर्भय हो सारी सरकारें , जेहादी को छूट न हो ।
उन्हें छूट शाहीन-बाग की , रोड-जाम हो खुल्लम-खुल्ला ;
हिंदू संग कितनी बेईमानी ? जजिया पाये कठमुल्ला ।
कायर कमजोर नपुंसक नेता,कानून व्यवस्था चौपट करता ;
हर क्षण तृप्तिकरण बढा़कर , हिंदू की गर्दन कटवाता ।
हिंदू भी कम नहीं है दोषी , क्यों ऐसे नेता चुनता ?
राजनीति के शाप जो नेता , क्यों उनको सत्ता देता ?
जब तक हिंदू पथभ्रष्ट रहेगा , ऐसा ही शासन पायेगा ;
रहेगा जब तक भेड़ व बकरी , ऐसे ही हांका जायेगा ।
हिंदू की मानसिकता मुर्गी , एक दूजे से नहीं है मतलब ;
कमाया खाया और अघाया , धर्म से कुछ भी न मतलब ।
गुरु भी उनको कैसे मिलते ? सौ में नब्बे गुरु-घंटाल हैं ;
गुरु-घंटाल भी पीछे रह गये , अब तो गुरु – घड़ियाल हैं ।
जिंदा – साबुत निगल रहे हैं , अपने शिष्यों – चेलों को ;
सच्चे – धर्म को भुला चुके हैं , लगा रहे हैं मेलों को ।
नाच – गानों के लगे हैं मेले , भीड़ का रेलमपेला है ;
सच्चे – धर्म का मर्म न जाने , जैसा गुरु सो चेला है ।
डॉलर , दीनारी व सरकारी , ये सभी पालतू – बाबा हैं ;
पाल रहा अब्बासी – हिंदू , सारे फर्जी – बाबा हैं ।
अब्बासी – हिंदू तो पूरा फर्जी , सौ में नब्बे बाबा फर्जी ;
सारे हिंदू ! फौरन जागो , वरना आगे तेरी मर्जी ।
जिस किसी भी हिंदू को बचना है , उसे जागना ही होगा ;
रामायण-गीता-महाभारत , सही अर्थ में जानना होगा ।
हिंदू का रक्षक धर्म-सनातन , पूरी तरह से अपनाओ ;
एक मार्ग ही शेष है केवल , अब अच्छी-सरकार बनाओ ।
“सत्यनिष्ठ – सरकार” बनाओ , मक्कारों को दूर करो ;
अब्बासी – हिंदू है सबसे घातक , हर हालत में दूर करो ।
अब तक विकल्पहीन था हिंदू,अब्बासी-हिंदू इसी से आया ;
अब सर्वोत्तमविकल्प मिला है,”एकम् सनातन भारत” आया
“एकम् सनातन भारत” का प्रण है , “राम-राज्य” को पायेंगे
कानून का शासन,न्याय का शासन, धर्म का शासन लायेंगे ।