राजा रामचंद्र की जय हो
हिंदू – धर्म की रक्षा करने , “एकम्-सभा” को लाना है ;
वरना ऐसी सरकार के चलते , धर्म नष्ट हो जाना है ।
मंदिर का धन लूट – लूट कर , जजिया में बंट जाता है ;
हिंदू – मंदिर नहीं सुरक्षित , गलियारा बनवाता है ।
चरित्र की रक्षा परमावश्यक, वरना सब कुछ चला जायेगा ;
ब्लैकमेल जब करेंगे गुंडे , शेर भी कुत्ता बन जायेगा ।
हरदम पूंछ हिलायेगा व कतर से भी डर जायेगा ;
शाहीन – बाग व रोड – जाम में , पूरा नंगा हो जायेगा ।
नंगनाच हर तरफ ही होगा , कानून का शासन जायेगा ;
लूटमार तब करेंगे रक्षक , जंगलराज हो जायेगा ।
नंगा – शासन ऐसा ही होता , गुंडा मौज मनाता है ;
शांतिप्रिय जितना हिंदू है , अपना गला कटाता है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , गर्दन को कटने से बचाओ ;
जीवित रहने का एक मार्ग है,अबकी अच्छी सरकार बनाओ
क्योंकि लड़ना भूल गये हो , जातिवाद में टूट गये हो ;
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , कायर-कमजोर बन गये हो ।
इसीलिए परमावश्यक है कि अच्छी सरकार बने ;
सत्यनिष्ठ हो , चरित्रवान हो , धर्म का ही दरबार बने ।
राजा रामचंद्र की जय हो , ऐसा दरबार बनाना है ;
“एकम् सनातन भारत” लाकर , हमको धर्म बचाना है ।
धर्म बचेगा – चरित्र बचेगा , तब सब-कुछ बच जायेगा ;
वरना अब्बासी-हिंदू के रहते , गजवायेहिंद हो जायेगा ।
चरित्रहीन, बेईमान ,मूर्ख ही , अब्बासी-हिंदू के पीछे हैं ;
अपना स्वार्थ सिद्ध करने को , गिरते कितना नीचे हैं ?
इनके घर की जितनी बेटी हैं , सब इसका भुगतान करेंगी ;
जान-माल-इज्जत जायेगी , बलात्कार की भेंट चढ़ेंगी ।
संकट से केवल वही बचेगा , धर्म-सनातन का अनुयायी ;
धर्म को जिसने भी छोड़ा है , समझो घर में आग लगायी ।
हर स्थिति में धर्म बचाओ व अच्छी – सरकार बनाओ ;
“एकम् सनातन भारत” सूर्योदय,पूरे देश में दिन को लाओ ।
धर्म – सूर्य लाना ही होगा , तब ही अंधकार जायेगा ;
कितनी सीधी-सरल बात है ? सबको इसे समझना होगा ।
जितनी हैं विकराल समस्या,इन सबका बस एक ही हल है ;
“एकम् सनातन भारत” को जिताओ, एकमात्र हिंदूबल है ।