प्रधान सेवक
श्री मान नरेंद्र मोदी जी
सादर प्रणाम
आज आपका ध्यान अपने व्यसाय मे चल रही सरकारी अधिकारियों की नजरअंदाजी की और दिलाना चाहता हूँ । आपने भारतीय उत्पादों की समस्या का निदान ओरीजन ऑफ कंट्री की शर्त लागू करके किया था जिसे नाकारा जा रहा है । सिर्फ नकाराजाना होता तो समस्या इतनी गम्भीर नहीं होती बल्की यहाँ भ्रम उत्पन्न करने के लिए चीन से आयातात माल को मेक इन इंडिया के नाम पर भारत मे निर्मित होना दिखलाया जा रहा है जो एक गम्भीर चिंता का विषय है ।
दिवाली की लडियों के इम्पोर्टरों की नाजायज हरकतों का प्रमाण है की चीन से बनकर आने वाले माल पर मेक इन इंडिया का लोगो छपा आ रहा है
लडी यदि भारत में बनेगी तो उत्पादक गर्व से उसे मेड इन इंडिया लिखेगा ना की मेक इन इंडिया । चाईना से आने वाले कनटेनरों की जाँच करवाए । हर डिब्बे पर मेक इन इंडिया लिखा है । पिछले वर्षों मे ओरीजन ऑफ कंट्री की शर्त जो लागू हुई थी उसे नकारते हुए इम्पोर्टर मेक इन इंडिया छपा माल मंगवा रहा है जिस पर ओरीजन ऑफ कंट्री नहीं लिखा है ।
कस्टम अधिकारियों का इसे नजरअंदाज कर सामान रीलीज करना मात्र नियमों की अनदेखी करना ही नही है बल्की भारतीय उत्पादकों की कमर तोडने जैसा है। पिछले दिनों जो कनटेनर इसके नीमित पकडे गए उन्हे भारतीय बीएसआई नम्बर होने के हवाले से रीलिज कर दिया गया है जबकी उस पर ओरीजन ऑफ कंट्री नही लिखा है ।
इम्पोर्टर के द्वारा मेड फाॅर इंडिया लिखवाया जाए तो नियमों के अनुसार एकबार नजरअंदाज करने का करण भी तब सम्भव है जब ओरीजन ऑफ कंट्री लिखा हो। सरकारी अफसरों की यह लापरवाही देश के श्रमिकों के लिए घातक है । यहाँ मेक फाॅर इंडिया यदि छपवाकर मंगाया जाए तो उस माल की गुणवत्ता भारतीय मानको के अनुरूप होनी चाहिए जैसे उसमें लगने वाला टू पिन प्लग/ टाॅप भारतीय मानको के अनुसार होना चाहिए जबकि वह चाईना के मानको वाला पतली खोखली पिन वाला है ।
दूसरी समस्या चीन से स्मगलिंग के जरिए आने वाले सामान की है जो बिना आयात शुल्क दिए आता है । जैसे की आपको पिछले पत्र मे आवगत कराया था की चीन ने भारत मे आने वाले कच्चे एवमं तैयार माल पर अतिरिक्त सरकारी शुल्क लगा दिया है जिससे वह भारत के इम्पोर्टर के लिए मंहगा हो गया है जबकी पाकिस्तान अथवा अफगानिस्तान अथवा श्रीलंका के लिए रियायत के करण सस्ता है ।
स्मगलिंग द्वारा यह माल दूसरे रास्तों से भारत में आ रहा है जो चिंता का विषय है । ऐसे कई साधन अपनाए जा रहे हैं की कनटेनर महाराष्ट्र और गुजरात मे उतरते हैं और सरकारी अफसरों की मिलीभगत से बिना आयात शुल्क दिए लॉजिस्टिक कम्पनियों के द्वारा भारत के हर हिस्से मे भेजे जा रहे हैं । आपने तथा आपके दिशानिर्देश पर आपके कार्यालय के अधिकारियों ने पहले भी हमारी समस्याओं के उपयुक्त निवारण किया है । आशा है की सरकारी कानूनों एवं नियमों को तोड कर राष्ट्रवाद की अवधारणा पर चल रहे इस कुठाराघात पर भी आप कुछ साहसिक कदम उठाएँगे ।