संदीप देव।आज एक लंबी यात्रा जारी है। यात्रा के बीच थोड़ा सुस्ताने के लिए एक होटल पर रुके। होटल के प्रांगण में लाल और गुलाबी गुलाब के पौधे लगे थे। मेरी श्रीमती जी को गुलाब का फूल मुझसे भी अधिक प्रिय है।
गाड़ी में बैठे-बैठे उन्होंने मुझे आदेश दिया, ‘मुझे गुलाबी गुलाब का फूल लाकर दीजिए!’
मैंने इधर-उधर नजर दौड़ाई। सोचा, ‘फूल कैसे तोड़ूं? कहीं कोई टोक देगा तो?
सोच ही रहा था कि श्रीमती जी की आवाज कानों में पुनः गूंजी, ‘सोच क्या रहे हैं! फूल लेकर आइए!’
पत्नी की इच्छा पूरा न करने वाले पति के लिए शास्त्रों में सम्मानजनक शब्द नहीं लिखे गये हैं। वैसे भी प्रेम में मन की दुविधा यदि है तो वह प्रेम नहीं है!
मैं फूल तोड़ने के लिए आगे बढ़ा। पहले फूल का डंठल पकड़ कर फूलों को सहलाया! आखिर उसे उसकी डाली से तोड़ने जो जा रहा था!
इतने में होटल का एक स्टाफ पास आया। मुझे लगा, शायद मुझे रोकने या टोकने आया है! सोचा, टोका भी तो पूछ कर फूल तो तोड़ ही लूंगा, आखिर अर्द्धांगिनी ने मांगा है! खाली हाथ तो नहीं ही लौटूंगा!
होटल का स्टाफ मुझे देखकर मुस्कुराया। उसकी मुस्कुराहट ने मुझे हौसला दिया कि फिक्र नॉट, होटल वाले की सहमति है, गुलाब तोड़ लो!
मैं फूलों को सहलाते-सहलाते ही उन फूलों में सबसे सुंदर फूल ढूंढने लगा। नाक बढ़ाकर फूलों की सुगंध से अंतस को भिगोने लगा! कुछ फूल बड़े थे, लेकिन उन पर धूल की परत आ पड़ी थी। फिर इस फूल पर नजर गई। खिली और महकती हुई!
ऐसा लगा जैसे मुझे देखकर वह थोड़ा और खिल उठी! कुछ क्षण मेरे और फूल के बीच मौन में जैसे कुछ आदान-प्रदान हुआ। एक स्पंदन-सा! मैंने अपना दूसरा हाथ भी बढ़ा दिया। एक हाथ से फूल तोड़ने में फूल और डाली दोनों को झटका लग सकता था!
आखिर मैं उस पौधे के समक्ष एक याचक बन कर गया था! उसे झटका देना तो कृतघ्नता होती! एक हाथ से डाली को पकड़ा और दूसरे से फूल के डंठल को। फूल को सहला ही रहा था कि वह टूट कर मेरी हथेली में आ गया!
ऐसा लगा, जैसे वह मेरी राह ही देख रहा था। आसमान में सूरज अस्ताचल थे। संध्या के बाद वैसे भी फूल मुरझा जाते हैं। शायद वह गुलाबी गुलाब कह रहा था कि “इससे पहले कि मैं मुरझा जाऊं तुम मुझे अपने ‘गुलाब’ के हाथों में सौंप दो!”
फूल लेकर मैं अपनी भार्या के पास पहुंचा। उनकी आंखें चमक उठी। उनकी आंखों की उस चमक से मैं भी चमक उठा और गुलाब कुछ और महक उठा! गुलाब उनके हाथ में था और संतोष मेरे हृदय में! Shweta Deo सिर्फ तुम्हारे लिए 🌹