- गौरक्षा आंदोलन स्वामी करपात्री जी महाराज और हमारे शंकराचार्यों ने नहीं बल्कि शायद मोदी जी या किसी अन्य राजनेता ने किया था और लाठियां भी खाई थीं
- नरसिंह राव के समय राम मंदिर बनने के लिए रामालय ट्रस्ट पर हस्ताक्षर वर्तमान पुरी शंकराचार्य जी के स्थान पर मोदी जी ने नहीं किए थे, क्योंकि उस समय मंदिर के बगल से मस्जिद का निर्माण भी किया जा रहा था।और शायद इसीलिए नरसिंहराव ने पुरी शंकराचार्य जी को नहीं बल्कि मोदी जी को अनेकों यातनाएं दी थीं
- जब रामसेतु को तोड़ने का षडयंत्र रचा जा रहा था तब उसके विरोध में हमारे शंकराचार्य नहीं बल्कि संभवतः मोदी जी खड़े हुए थे
- राम मंदिर आंदोलन भी हमारे सर्वोच्च धर्मगुरु चारों पीठों के शंकराचार्यों और साधु संतों ने नहीं बल्कि मोदी जी ने ही किया था और जेल भी गए थे
- साईं को हिंदू मंदिरों से बाहर करने का अभियान भी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने नहीं बल्कि मोदी जी ने ही चलाया था
लेकिन कांग्रेस की राजनीति के कारण संभवतः मोदी जी असफल हो गए - वर्तमान में नेपाल और भारत सहित पूरे अखंड भारत को हिंदुराष्ट्र बनाने का अभियान भी पुरी शंकराचार्य जी नहीं बल्कि मोदी जी चला रहे हैं और शायद इसीलिए मोदी जी पूरे वर्ष भर नेपाल और भारत में यात्राएं कर हिंदुओ को जाग्रत कर रहे हैं और अभी संभवतः रायपुर (छत्तीसगढ़) में हैं
- जब तक भारत में पूर्णरूप से गौहत्या बंद नहीं होती और भारत पूर्णतः गौहत्या के कलंक से मुक्त नहीं होगा तब तक मैं अपना सर्वोच्च सम्मान रूपी वैभव छत्र, चंवर और स्वर्ण चांदी जड़ित सिंहासन धारण नहीं करूंगा
ये गौमाता की रक्षा के लिए अपने सम्पूर्ण गौरवमयी वैभव को त्यागने का संकल्प भी पुरी शंकराचार्य जी ने नहीं बल्कि मोदी जी ने लिया है
8.. वर्तमान में गौमाता – राष्ट्रमाता अभियान भी चारों पीठों के शंकराचार्यों के सानिध्य में नहीं हो रहा बल्की मोदी जी के सानिध्य में हो रहा है
धर्म रक्षा के लिए ऐसे अनेकानेक अभियान हमारे सर्वोच्च धर्मगुरु शंकराचार्यों के सानिध्य में नहीं बल्की मोदी जी के सानिध्य में ही हुए हैं
सही कहा न जागरूक हिंदू
ब्रह्मलीन श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज राममंदिर आंदोलन के लिए जेल में गए आपको ज्ञात नहीं होगा
राम मंदिर नरसिंहराव के शासनकाल में ही बन गया होता अगर उस समय वर्तमान पुरी पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने उसके समर्थन में हस्ताक्षर कर दिए होते और आज मोदी जी को मुफ्त में ये श्रेय नहीं मिलता
किंतु उन्होंने उस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर इसलिए नहीं किए क्योंकि उसी राममंदिर के बगल में एक नई बाबरी मस्जिद भी बन जाती जिसके दुष्परिणाम स्वरूप आज हम सब काशी मथुरा विवाद की तरह मंदिर के किसी कोने में भगवान राम की पूजा कर रहे होते
किंतु ये भी आपको ज्ञात नहीं होगा
पुरी शंकराचार्य जी ने 15 माह में नेपाल सहित भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संकल्पित होकर अभियान चलाया है और इसके लिए वे पूरे भारत और नेपाल में भ्रमण कर संगोष्ठि कर रहे हैं क्या यह आपको पता है ।यदि पता है तो आपने इस अभियान हेतु कितना सहयोग किया
चारों पीठों के शंकराचार्यों के सानिध्य में इसी संवत्सर में गौमाता के राष्ट्रमाता घोषित करने हेतु अभियान चलाया जा रहा है किंतु ये भी आपको ज्ञात नहीं होगा
आज भी कोई शंकराचार्य राममंदिर निर्माण में बनाई गई रूप रेखा का समर्थन नहीं कर रहे क्योंकि उसकी व्यवस्था धर्म विरुद्ध है, अशास्त्रीय है किंतु आपको ज्ञात नहीं होगा
आप शंकराचार्यों को मठों में आराम करने वाले और उदासीन बता रहे हैं अब आप मुझे बताइए कि हिंदू होने के नाते सनातन हिंदू धर्म की रक्षा और उसके प्रचार प्रसार के लिए आपने अभी तक क्या किया
- जब आपको ये नहीं पता कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण में शंकराचार्यों की क्या भूमिका रही और न ही इसे जानने का प्रयास किया ।
- जब आपको ये नहीं पता कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए शंकराचार्यों ने क्या किया या क्या कर रहे हैं ।
- जब आपको ये नहीं पता की गौमाता की रक्षा के लिए शंकराचार्य कौनसा अभियान चला रहे हैं ।
- जब आपको ये नहीं पता कि भारत ही नहीं बल्की अखंड भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर राम राज्य स्थापित करने के लिए शंकराचार्य कौनसा अभियान चला रहे हैं और वह लगभग सफलता के निकट ही है जिसकी शुरुआत नेपाल से होने ही वाली है ।
- सनातन धर्म के सर्वोच्च आचार्यों से अयोध्या मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के विधि – विधान से संबंधित परामर्श तक नहीं लिया गया
क्योंकि “शंकराचार्य किसी राजनैतिक दल या किसी राजनेता का समर्थन नहीं करते ,उनका गुणगान नहीं करते बल्कि गलती करने पर उन्हें खुले मंच से ललकारते हैं , इस लिए सौ करोड़ हिंदुओ के सर्वोच्च आचार्यों का तिरस्कार किया गया किंतु फिर भी इससे तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता तो
फिर तुम हिंदू बचे कहां तुम केवल राजनेताओं के चाटुकार हो जो केवल राजनेताओं की चरण वंदना करते हैं और तुम्हारा भविष्य अंधकारमय है
शारीरिक और आर्थिक सहयोग तो छोड़िए क्या इन अभियानों से संबंधित आपने एक पोस्ट भी सांझा की नहीं की होगी क्योंकि आज हिंदू समाज को राजनेताओं की चरणवंदना से समय मिले तो अपने धर्माचार्यों का सानिध्य लें
धिक्कार है ऐसे तथाकथित हिंदुओं पर 😡
जिन्हें अपने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु “शंकराचार्यों ” का सानिध्य एवं मार्गदर्शन प्राप्त नहीं है।
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