संदीप देव। JNU में ‘ब्राह्मणों भारत छोड़ो’ का नारा बुलंद किया जा रहा है!
• बौद्धों को ब्राह्मणों से दिक्कत!
• तुर्कों को ब्राह्मणों से दिक्कत!
• मुगलों को ब्राह्मणों से दिक्कत!
• पुर्तगालियों को ब्राह्मणों से दिक्कत!
• फिर अंग्रेज आए, उन्हें भी ब्राह्मणों से दिक्कत!
• फिर संविधान बना, संविधान बनाने वालों को भी ब्राह्मणों से दिक्कत!
• स्वतन्त्रता बाद हमारी सरकारों को भी ब्राह्मणों से दिक्कत!
• नवबौद्धों/अंबेडकरवादियों को भी ब्राह्मणों से दिक्कत!
• खालिस्तानियों को भी ब्राह्मणों से दिक्कत !
अच्छा एक बात नोट कीजिए, जिनको भी ब्राह्मणों से दिक्कत रही है, वो चाहे आक्रांता हों, सरकारें हो, व्यक्तिवादी हों संगठन हो या पार्टियां; वो भारतीय समाज, हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति से भी घृणा करने वाले और हिंदू समाज को खंड-खंड तोड़ने वालों में शामिल रहे हैं!
ब्राह्मणों में कुछ तो बात है! उनका जीवन भी महत्वपूर्ण है!