“ए सी वाई पी एल” की ट्रेनिंग
गाय काट कर खाने वाला , नरभक्षी सा होता है ;
अब्बासी-हिंदू धर्म का दुश्मन , लाखों-गायें कटवाता है ।
अब्राहमिक जितने भी देश हैं , गाय-मांस खाने वाले ;
अब्बासी-हिंदू उनके गुलाम हैं ,उनके पेटों को भरने वाले ।
गौ रक्षक को गुंडा कहता , अब्बासी-हिंदू गायें कटवाता ;
अब्राहमिकों के पेटों को भरने , गाय-मांस निर्यात कराता ।
लाखों-गायें रोज कट रही , अब्बासी-हिंदू का काम है ;
सबसे बड़ा यही है पापी , अब्राहमिकों का गुलाम है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अपना धर्म बचाना है ;
वरना पाप के भागी होगे , पाप का बोझ उठाना है ।
हिंदू को पाप से बचना है , तो अच्छी-सरकार बनाना है ;
अच्छा शासन – धर्म का शासन , गायें कटने से बचाना है ।
धर्म के मूलाधार यही हैं , गौ-गंगा व वेद-उपनिषद ;
सबसे पहले गाय विराजे , अंतिम-पड़ाव है उपनिषद ।
गायों का संहार हो रहा , कैसा हिंदू – देश है ?
पाप का भागी हर-हिंदू होगा , धर्म का ये संदेश है ।
रुधिर गाय का जहाँ गिर रहा , वो तो नर्किस्तान है ;
अब्बासी-हिंदू की ये साजिश है , बनता पाकिस्तान है ।
सबसे ज्यादा मूर्ख भरे हैं , हिंदू के इस देश में ;
गौ – गंगा सब छोड़ रहे हैं , गायत्री के देश में ।
हिंदू की बुद्धि में पड़े हैं पत्थर,अब्बासी-हिंदू को माने नेता ;
शाहीन-बाग में पूँछ हिलाता , बात-बात पर रोता नेता ।
ये गुलाम है जेहादी का , अब्राहमिक इसका एजेंडा ;
धर्म-सनातन मिटा रहा है , ये इसका ग्लोबल-एजेंडा ।
“ए सी वाई पी एल” की ट्रेनिंग , हिंदू-द्रोही इसे बनाया ;
कमजोर नसें उनके कब्जे में , अपनी धुन पर इसे नचाया ।
ये बंदर है वे हैं मदारी , दिन और रात नाचता है ;
जगह-जगह पूरे भारत में , हिंदू को साफ कराता है ।
केरल से कश्मीर लगायत , मनीपुर बंगाल है ;
हरियाणा का नूंह जल रहा , पूरा भारत बेहाल है ।
पूरा हिंदुस्तान जलेगा , सोचो क्या तुम बच पाओगे ?
हिंदू ! अब तुम तभी बचोगे , जब अच्छा-शासन लाओगे ।
अच्छा शासन-धर्म का शासन,”एकम् सनातन भारत” देगा ;
गौ – गंगा – गायत्री रक्षित , “राम-राज्य” सा शासन होगा ।