राहुल के राफेल विरोध तथा अगस्ता वेस्टलैंड के दलाल मिशेल के बारे में एक नया खुलास सामने आया है। राहुल गांधी का राफेल विरोध तो महज दिखावा है बल्कि वे राफेल विरोधी लॉबी के दबाव में काम कर रहे हैं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला के मुख्य आरोपी तथा गांधी परिवार के निकट माने जाने वाले क्रिश्चियन मिशेल के बारे में भी बड़ा खुलासा हुआ है।
मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड के दलाल होने के साथ ही यूरोफाइटर के बिचौलिया के रूप में भी काम करता था। अमेरिकी कंपनी यूरोफाइटर वही है, जो लड़ाकू विमान के टेंडर में राफेल बनाने वाली कंपनी डेसाल्ट से कीमत के मामले में पिछड़ गया था। उसके बाद से ही वह अपने बिचौलिए मिशेल एवं उसके सहयोगी के माध्यम से राफेल का सौदा रद्द कराने का प्रयास कर रहा है। यूपीए सरकार के समय इसी वजह से राफेल मामले को ठंडे बस्ते में डालते हुए इसमें अडंगा लगाया गया था। अब जब मोदी सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ करार कर लिया है तो राहुल गांधी इसे रद्द कराने के लिए अनाप-शनाप अरोप के साथ मैदान में आ डटे हैं। ज्ञात हो कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में ‘मिशेल मामा’ की गांधी परिवार के साथ सांठ-गांठ इटली से लेकर भारत तक की अदालत में उछलता रहा है। आरोप के मुताबिक मिशेल जैसे यूरोफाइटर के लॉबिस्टों के दबाव में राहुल गांधी कर रहे हैं राफेल का विरोध!
मालूम हो कि यूरोफाइटर का संबंध कमलनाथ के सहयोगी सुधीर चौधरी से बताया जा रहा। मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया के हवाले से ये सारे खुलासे करते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या यह सच नहीं है कि क्रिश्चियन मिशेल सोनिया गांधी की मनमोहनी सरकार के दौरान राफेल के विरोध में यूरोफाइटर के पक्ष में लॉबी कर रहा था?
भाजपा ने सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा राफेल मामले को उठाना सिर्फ दिखावा है। पार्टी ने कहा कि वास्तव में वह राफेल विरोधी लॅाबी के दबाव में काम कर रहे हैं। केंद्रीय रविशंकर प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि राफेल सौदे के संबंध में मीडिया में एक महत्वपूर्ण खबर आई है और इससे स्पष्ट होता है कि क्यों कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल का इतना विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया है कि क्या राफेल का इसलिये विरोध हो रहा है क्योंकि यूरोफाइटर के लॉबिस्ट का दबाव था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में ऐसा कोई भी रक्षा सौदा नहीं हुआ जिसमें सौदेबाजी नहीं हुई हो।
रविशंकर प्रसाद के अनुसार क्रिश्चन मिशेल और हस्के से जुड़े जो दस्तावेज मिले हैं, वे विस्फोटक हैं। वे यूरोफाइट के बिचौलिये के रूप में भी काम कर रहे थे। 2011-12 में निविदा में सबसे कम कीमत होने के बाद भी राफेल सौदे को इसलिए अंतिम रूप नहीं दिया गया क्योंकि यूरोफाइटर के लिए लॉबिंग हो रही थी? किसके दबाव में पुनर्विचार की बात कही गई? राहुल गांधी इसलिए राफेल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यूरोफाइटर के लिए लॉबिस्ट का दबाव था? क्या कोई कमीशन नहीं मिला था? राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कब तक देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करेंगे? वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद भले ही आज इस मामले को उठा रहे हो लेकिन इस मामले में इंडिया स्पीक्स डेली ने पहले ही खबर प्रकाशित कर चुकी है।
मालूम हो कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला के मामले में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने स्वीकार किया था कि उसमें घोटाला हुआ था और उस मामले में रिश्वत दी गई थी। इंडिया टुडे ने उसके बयान के हवाले से 2013 में अपने यहां यह स्टोरी प्रकाशित की थी।
मोदी सरकार द्वारा यूपीए सरकार के समय हुए सारे रक्षा सौदों की जांच की खबर सामने आते ही राहुल गांधी के बहनोई राबर्ट वाड्रा के करीबी रहे मनोज अरोड़ा ने गिरफ्तार होने के डर से अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी है। ईडी का कहना है कि रक्षा सौदे मामले में अरोड़ा अहम व्यक्ति है। उसे विदेशों में वड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और इस तरह की संपत्तियों के लिये धन की व्यवस्था करने में उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जब इसकी जांच कराने की खबर आ रही है तो गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी है। सवाल उठता है कि अगर किसी प्रकार के रक्षा सौदे में उनकी संलिप्तता नहीं है तो फिर वे अग्रिम जमानत लेना क्यों चाहते हैं?
URL : Rahul Gandhi protesting against Rafael due to give contract for Eurofighter!
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