कुछ पत्रकारों को झांसे में लेकर राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते हुए दिल्ली की सत्ता कब्जाने में सफल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर वही दांव चलने का प्रयास किया है। लेकिन इस बार पत्रकारों ने न केवल करारा जवाब दिया है बल्कि रिश्वत देने के मामले में कड़ा विरोध भी जताया है। मालूम हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को 4 फरवरी को पत्र लिखकर देश भर के पत्रकारों को टोल टैक्स में छूट देने का अनुरोध किया है। असल में केजरीवाल ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही यह पासा फेंका है। जिस प्रकार उन्होंने हरियाणा के कुछ पत्रकारों के हवाले से लिखा है कि उन्हें हरियाणा के सभी टोल पर छूट मिलनी चाहिए। इससे साफ है कि केजरीवला ने लोकसभा में दिल्ली सहित हरियाणा के पत्रकारों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत का यह फंदा फेंका है। अरविंद केजरीवाल अपने राजनीतिक सफर में पत्रकारों को प्रभावित करते रहे हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते की काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। केजरीवाल के रिश्वत देने के इस प्रयास को पत्रकारों ने अपने विरोध से धराशायी कर दिया है।
अरविंद केजरीवाल के इस प्रयास पर करारा प्रहार करती हुई पत्रकार दीप्ति ने अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से पूछा है कि आपने ऐसा सोच भी कैसे लिया कि हम पत्रकारों को आपके मुफ्त उपहार या यूं कहें कि खैरात की जरूरत भी है? क्या आप पत्रकारों तथा प्रेस की बेहतरी सुनिश्चित करना चाहते हैं? अगर आप वास्तव में देश के चौथे स्तंभ का आदर करते हैं तो फिर उन पत्रकारों को क्यों ब्लॉक कर देते हैं जो आपसे असहज प्रश्न पूछते हैं? इससे साफ हो जाता है कि एक बार फिर आसानी से वश में आने वाले पत्रकारों को प्रभावित कर चुनावों में अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
पहले जिनको नेताओं के VIP रवैए से कोफ़्त थी, वो अब पत्रकारों को कह रहे हैं तुम्हारी गाड़ी भी टोल की VIP लाइन से मुफ़्त निकलवाए देंगे!
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) February 6, 2019
ये वही केजरीवाल हैं जिन्हें VIP कल्चर से कोफ्त होती थी। वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना ने अरविंद केजरीवाल के इस प्रयास का विरोध करते हुए लिखा है कि वीआईपी कल्चर से कोफ्त होने वाले केजरीवाल अब पत्रकारों को वीआईपी बनाने पर तुले हैं। देश के पत्रकारों की गाड़ी टोल की वीआईपी लाइन से मुफ्त में निकलवा कर उन्हें भी वीआईपी बनाना चाहते हैं।
Why?? Journalists don’t need this magnanimity!! We are ok paying our toll taxes. Thank you. https://t.co/LvGcNpeSEr
— Navika Kumar (@navikakumar) February 6, 2019
वरिष्ठ पत्रकार और टाइम्स नाऊ के प्राइम टाइम की शानदार एंकर नाविका कुमार ने तो केजरीवाल से सीधे प्रश्न पूछते हुए अपने ट्वीट में लिखा है कि आखिर आप ऐसा करना क्यों चाहते हैं? पत्रकारों को आपकी इस दरियादिली की कोई जरूरत नहीं है। हमलोग अपना टोल टैक्स का खर्च वहन कर सकते हैं।
पत्रकारों को खैरात नहीं चाहिए! यह साफ-साफ चुनाव से पहले रिश्वत का फंदा है। हमें ईमानदारी से रिपोर्टिंग करने दें। हम टोल-टेक्स वहन करने में सक्षम हैं! https://t.co/GrBdMlQOUp
— संदीप देव #SandeepDeo (@sdeo76) February 6, 2019
केजरीवाल के इस खैराती प्रयास पर इंडिया स्पीक्स डेली के संस्थापक संपादक संदीप देव ने भी करारा प्रहार किया है। उन्होंने तो इसे चुनावी रिश्वत तक कह डाला है। उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि पत्रकार अपना भार उठाने में सक्षम हैं, बस इतना करें कि हम पत्रकारों को ईमानदारी से अपनी रिपोर्टिंग करने दें।
आदरणीय दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी हमें टोल टैक्स में छूट नहीं चाहिए बस सड़क दुर्घटना में तीन महीने पहले मौत हो चुकी दिल्ली के पत्रकार और @AAPDelhi पार्टी को कवर करने वाले पत्रकार स्वर्गीय रमेश सिंह को आर्थिक मदद कर दें बड़ी मेहरबानी होगी।
— Ravish Ranjan Shukla (@ravishranjanshu) February 4, 2019
पत्रकार रवीश रंजन शुक्ला ने केजरीवाल को याद दिलाते हुए लिखा है कि अरविंद जी हम पत्रकारों को टोल टैक्स में छूट नहीं, सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए पत्रकारों को आर्थिक मदद कर दीजिए। आम आदमी पार्टी को कवर करने वाले पत्रकार स्वर्गीय रमेश सिंह की तीन महीने पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। लेकिन आज तक उनके परिवारों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है। इतना करें कि उन मृतक पत्रकार के परिवारों को आर्थिक मदद कर दें। आपकी यही बड़ी मेहरबानी होगी।
Why? except army & emergency response vehicles there should be no exemptions. All must pay toll tax but governments must provide our money's worth. https://t.co/IApnaiaNYb
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) February 6, 2019
इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक और एंकर गौरव सावंत ने अपने ट्वीट में केजरीवाल को जवाब देते हुए लिखा है कि क्यों किसी पत्रकार को टोल टैक्स में छूट मिलनी चाहिए? उन्होंने कहा है कि सेना और आपातकालीन सेवा में लगे वाहनों के अलावा किसी वाहनों को टोल टैक्स से छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने लिखा है कि सभी को टोल टैक्स चुकाना चाहिए, लेकिन हां सरकार को भी उसी अनुरूप सुविधा मुहैया करानी चाहिए।
केजरीवाल द्वारा मस्जिदों को 44,000 रुपया महीना देने की घोषणा के बाद अब दिल्ली के सारे मंदिरों के बिजली कनेक्शन काटने का आर्डर
BSES ने दिल्ली में 350 से ज्यादा मंदिरों के बिजली कनेक्शन काट दिए
केजरीवाल सरकार का आर्डर – कटेंगे सभी मंदिरों के कनेक्शन
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 6, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी और पार्टी की साख बचाने के लिए पत्रकारों को ही रिश्वात देने का प्रयास नहीं किया है, बल्कि निर्लज्जता के साथ सांप्रदायिक कार्ड खेलने पर उतर आए हैं। आम आदमी पार्टी से निलंबित दिल्ली विधानसभा के विधायक कपिल मिश्रा ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी मसजिदों को 44 हजार रुपये मासिक देने की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के सारे मंदिरों की बिजली कनेक्शन काटने का आदेश जारी किया है। केजरीवाल के आदेश से ही BSES ने दिल्ली के साढ़े तीन सौ से अधिक मंदिरों के बिजली कनेक्शन काट दिए हैं।
अगले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में लगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वजह से अभी तक जेएनयू देशद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई है। जेएनयू देशद्रोह मामले में उमर खालिद और कन्हैया कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने में दिल्ली सरकार अवरोध बनी हुई है। दिल्ली पुलिस ने जब चार्जशीट दाखिल की थी तो कोर्ट ने दिल्ली सरकार से आदेश लेने के बाद दोबारा चार्जशीट दाखिल करने को कहा था। जबकि केजरीवाल सरकार शुरू से ही आदेश देने में आनाकानी कर रही है। अब जब दिल्ली पुलिस ने कहा है कि केजरीवाल सरकार आदेश देने में आनाकानी कर रही है तो कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकती है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से चार्जशीट दाखिल करने को कह दिया है। एक तरफ मसजिदों को 44 हजार रुपये मासिक अनुदान दूसरी तरफ मंदिरों में अंधेरा व्याप्त करने का आदेश राजनीतिक ध्रुवीकरण नहीं तो और क्या है?
URL : journalists responded on kejriwal exemption from toll tax!
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