यह कहानी है मध्यप्रदेश के शहडोल के डॉ पंकज शर्मा (जन्म: 4 जुलाई 1981) की जो एक सक्रिय समाजिक कार्यकर्ता हैं। जो अपनी प्रशिक्षक की नौकरी छोड़कर युवाओं को रोजगार दिलाने का संकल्प लेकर और देश के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों को उनका ‘शहीद’ का संवैधानिक अधिकार दिलाने हेतु प्रणबद्ध हैं और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
डॉ पंकज ने वर्ष 2014 में अपने युवा मित्रों के साथ एक सामाजिक एन.जी. ओ. शहीद भगतसिंह यूथ फाउंडेशन एंड सोसाइटी की स्थापना की। जिसके बाद से वे इस संस्था के माध्यम से सम्पूर्ण मध्यप्रदेश और भारत में लोगो को भारत को स्वतंत्र कराने वाले लाखों शहीदों, क्रांतिकारियों को शहीद का संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं और इसी जागरुकता को स्थायीभाव बनाने के लिए प्रतिवर्ष 23 मार्च को ” एक शाम शहीदों के नाम” का भी भव्य कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं, जिसमें हजारो देशभक्त शिरकत करते हैं, इस कार्यक्रम की सबसे अनोखी और खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में शहीदों के परिवारों को ही बुलाया जाता है और जो राजनीति से परे है।
इस कार्यक्रम में शहीद भगतसिंह का परिवार और सगे भतीजे,अशफाक उल्ला खां का परिवार उनके परपोते, नेता जी सुभाषचन्द्र बोष का परिवार, तात्या टोपे का परिवार, लक्ष्मीबाई का परिवार, सुखदेव,राजगुरु का परिवार, महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद का परिवार और कई शहीदों के परिवार सम्मलित होते हैं यह कार्यक्रम सम्पूर्ण रूप से निःशुल्क संचालित होता है। डॉ पंकज के द्वारा देश सेवा, और युवाओं के लिए एक मुहिम चलाई गयी है एक कदम उत्थान की ओर, इस मुहिम के माध्यम से निःशुल्क शहीद भगतसिंह फिजिकल ट्रेनिंग सेंटर का भी संचालन पिछले 10 वर्षों से किया जा रहा है, जिसके माध्यम से पुलिस, आर्मी, आरपीएफ, और सभी वर्दीधारी पदों पर होने वाली भर्तियों को निःशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग का संचालन किया जाता है। यह ट्रेनिंग सेंटर ISO 1900:2015 प्रमाणित है जो कि पूर्णतः निःशुल्क है, इस ट्रेनिंग सेंटर से अभी निःशुल्क ट्रेनिंग से 60 से ज्यादा युवाओं का सबइंस्पेक्टर और भारतीय सेना में चयन हो चुका है।
शहीद भगतसिंह ट्रेनिंग सेंटर के संचालक डॉ पंकज के प्रयासों से ही इस ट्रेनिंग सेंटर से एक 18 वर्षीय युवती ने अक्टूबर 2020 मनाली की 19500 फिट की फ्रेंडशिप पीक को टीम ने फतेह किया था, यह युवती विंध्य क्षेत्र की पहली पर्वतारोही है। अभी हाल में ही शहीद भगतसिंह यूथ सोसाइटी के प्रयासों से भारत माता का एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाना है जिसका भूमि पूजन हाल ही में 23 अगस्त 21 को किया गया है, यह भारत माता मंदिर भारत का चौथा मन्दिर और मध्यप्रदेश का दूसरा एवं महाकौशल प्रान्त का प्रथम मन्दिर कहलायेगा। यह मंदिर निर्माण समाज के सहयोग से निर्मित हो रहा है जिसकी लागत लगभग 62 लाख रुपये की है।
शहीद भगतसिंह यूथ सोसाइटी के प्रयासों से कोरोना महामारी के के कारण लगे लॉकडाउन के समय 86 दिनों में लगभग 79 हजार लोगों को बैठाकर भोजन करवाया गया,यह एक अनोखा प्रयोग था कि बिना पैक किया हुआ भोजन, बिना पालीथिन के, बिठाकर भोजन करवाना एक असम्भव जैसा कार्य किया गया, इस भोजन व्यवस्था, और वितरण में लगभग 80 कार्यकर्ता लगे रहे जो झुग्गी झोपड़ियों, मजदूरों,गरीब परिवारों, राहगीरों, जिले के पुलिस थानों, हॉस्पिटल, नगरीय निकायों में भोजन की व्यवस्था की गयी जिससे प्रशासन द्वारा इस अभूतपूर्व कार्य के लिए डॉ पंकज को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
भारत के मध्य प्रदेश के शहडोल में जन्मे पंकज शर्मा वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में निर्धारित तय उम्र सीमा को पार कर गये, जबकि वे 2001 से इस परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, बस अब क्या था..?,जिस दिन परीक्षा तिथि घोषित होने के उपरांत ही आयु सीमा पार कर गये, फिर उसी समय भीष्म प्रतिज्ञा ली कि अब 100 युवाओ को पुलिस,सब इंस्पेक्टर और भारतीय सेना में रोजगार हेतु संकल्पित रहना है और फिर पंकज ने एक कदम उत्थान की ओर नामक मुहिम चलाते हुए अपना कार्य नि:शुल्क संचालित कर दिया।
ये पेशे से एक फिजिकल ट्रेनर और प्रशिक्षक हैं, और मध्यप्रदेश के शासकीय विभाग में 6 वर्ष कार्यरत रहे किन्तु उन्होने 6 वर्ष के बाद ही अपनी शासकीय संविदा नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और करियर छोड़कर युवाओं के भविष्य निर्माण के लिए काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में डॉ पंकज अपने जन्म स्थान शहडोल में ही रहते हैं,और एक प्राइवेट कंपनी में कार्य करते हैं। उनके परिवार में उनके माता-पिता,उनकी पत्नी,दो पुत्र,रहते हैं, सामाजिक कार्यों के अतिरिक्त वे एक प्रसिद्ध प्रशिक्षक भी हैं। इनके सामाजिक कार्यो की सराहना में दैनिक अखबारों में इनके कार्यो की अच्छी खबरे भी प्रकाशित होती हैं उन्हें सम्मान स्वरुप मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश द्वारा कोरोना वोलेंटियर सम्मान और प्रशस्ती पत्र और नगरीय प्रशाशन द्वारा सम्मानित पत्र भी मिला हुआ है।
डॉ.पंकज आज के युवाओं के लिए प्रेरणा के एक बड़े स्रोत हैं।