विपुल रेगे। जब बॉक्स ऑफिस पर अभिनेता कमल हासन की एंट्री होती है तो गर्मी थोड़ी बढ़ जाती है। उनकी नई फिल्म विक्रम ने बॉक्स ऑफिस की खिड़कियों पर तपन बढ़ा दी है। बहुत समय बाद वे ऐसी एक्शन-थ्रिलर लेकर आए हैं, जो टिकट का पैसा वसूल कराती है। कमल हासन के प्रशंसकों के लिए विक्रम वीकेंड का हॉटकेक है, जिसे चखने के लिए दर्शक बड़ी संख्या में सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं। ये एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसकी पहचान रहस्य के कुहांसे में छुपी हुई है।
निर्देशक लोकेश कंगाराज की विक्रम ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसे एक युवा प्रभंजन ने वृद्धाश्रम से गोद लिया है। इस व्यक्ति का नाम करण है। जब वह प्रभंजन के घर रहने जाता है तो उसके बाद शहर में एक अनजान गिरोह सक्रिय हो जाता है। ये गिरोह उन लोगों को मार रहा है, जिनका एक ड्रग्स केस से संबंध है। एक दिन करण को भी एक रहस्यमयी ढंग से मार दिया जाता है। इन सबके पीछे एक ऐसा ड्रग कंटेनर है, जो मिसिंग है।
संथानम नामक एक खूंखार ड्रग डीलर उस कंटेनर को खोज रहा है। कहानी में सस्पेंस जबर्दस्त ढंग से डाला गया है। इंटरवल तक दर्शक अनुमान नहीं लगा पाता कि आगे क्या होने जा रहा है। जब एक के बाद एक रहस्योद्घाटन होते हैं तो दर्शक को कॉफी वाली किक का अनुभव होता है। इस रहस्य भरी कहानी को समीक्षा में और अधिक बताना दर्शक के साथ अन्याय होगा। लोकेश कंगाराज की गिनती तेलुगु सिनेमा के प्रतिभाशाली फिल्म निर्देशकों में की जाती है।
गत वर्ष लोकेश द्वारा निर्देशित मास्टर ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी। एक प्रतिभासंपन्न युवा जब कमल हासन जैसे अनुभवी दिग्गज कलाकार के साथ मिलता है तो परदे पर जादू घटित होता है। कमल हासन के किरदार पर उन्होंने बहुत परिश्रम किया है। वे 67 वर्ष के हो चुके हैं और आज भी ऊर्जावान दिखाई देते हैं। उनकी ऊर्जा से सिनेमा का परदा स्पंदित होने लगता है।
इस आयु में घूंसा चलाने, नाचने और अभिनय करने के लिए बहुत ऊर्जा की आवश्यकता होती है और कमल हासन तो स्वयं एक पॉवर बैंक हैं। विगत कुछ वर्षों से कमल जिस सफलता की तलाश में थे, वह विक्रम से पूरी हो गई। बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता विजय सेथुपति इस फिल्म में बहुत ही मजबूत किरदार में दिखाई देते हैं। वैसे भी लोकेश कंगाराज उन्हें शक्तिशाली किरदारों में ही लेते हैं।
ये एक ऐसा खलनायक है, जो रक्तपात करने में ज़रा भी नहीं सोचता। विजय ने कमल हासन जैसे अभिनेता को शानदार टक्कर दी है। उनका किरदार बहुत शक्तिशाली बनाया गया है। एक तीसरे अभिनेता का उल्लेख किये बिना विक्रम की बात अधूरी ही रहती है। अमर की भूमिका में फहाद फाज़िल ने शो लूट लिया है। फहाद को हम पुष्पा में इंस्पेक्टर शेखावत की भूमिका में देख चुके हैं। वे तेलुगु सिनेमा के अत्यंत हुनरमंद अभिनेताओं में माने जाते हैं।
स्पेशल एजेंट के किरदार में फहाद अपनी छाप छोड़ने में सफल रहते हैं। किरदारों का ज़िक्र अभी ख़त्म नहीं हुआ है। अभी तो इस केक की चेरी बाकी है। एक और स्पेशल एजेंट टीना के किरदार में जब वासंती अपना असली रुप प्रकट करती है तो दर्शक ताली बजाए बिना नहीं रह पाते। पांच मिनट के रोल में इस अदाकारा ने परदे पर आग लगाकर रख दी है। ये किरदार जब परदे पर अपने असली रुप में आता है तो दर्शकों के होश उड़ जाते हैं।
फिल्म तीन घंटे की है लेकिन कहीं से भी दर्शक को बोरियत महसूस नहीं होती। विक्रम एक फुल पैक्ड एंटरटेनमेंट है। बॉक्स ऑफिस पर विक्रम सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही है। हिन्दी पट्टी में इसे देखने वाले दर्शक अभी कम है। हालाँकि हिन्दी की डबिंग बहुत बढ़िया ढंग से की गई है। इस सप्ताह अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज सैंडविच बनती नज़र आ रही है। एक ओर से विक्रम और एक ओर से मेजर ने इसे दबाया हुआ है।
दक्षिण की दो फिल्मों से मुकाबला आसान नहीं है, जिसमे कि विक्रम ने तो वर्ल्ड वाइड ग्रांड ओपनिंग ली है। कुल मिलाकर विक्रम एक मनोरंजक फिल्म है। इसे छोटे बच्चों को नहीं देखनी चाहिए क्योंकि हिंसा बहुत है। बाकी आयुवर्ग के लिए विक्रम एक शानदार फिल्म है।