एकम् सनातन भारत जानो
नब्बे – प्रतिशत चोर – उचक्के , बेईमान हैं सत्ता में ;
हिंदू का दुर्भाग्य यही है , धर्मद्रोह है नेता में ।
जिस देश के नेता ऐसे हों, उसको दुश्मन की दरकार नहीं ;
ये ही चट कर रहे देश को , क्योंकि अच्छी सरकार नहीं ।
अब तो ये स्पष्ट हो चुका , ये भारतवर्ष मिटा डालेंगे ;
अंग्रेज , मुग़ल जो कर न पाये , ये उसको भी कर डालेंगे ।
काट रहे हैं वो ही डाली , जिस पर कि ये बैठे हैं ;
जितने भी दुर्गुण होते हैं , इनके भीतर पैठे हैं ।
जब तक इनकी सरकार रहेगी , भारत यूँ बेहाल रहेगा ;
क्या हिंदू यूँ ही लुटे-पिटेगा ? जान-माल-सम्मान मिटेगा ।
पता नहीं क्यों महामूढ़ है ? भारत का हिंदू इतना ;
अपना भला-बुरा न सोचे , बस पिटता रहता है कितना ?
कब तक यूँ ही पिटा करोगे ? कब तक गला कटाओगे ?
कब तक अब्बासी – हिंदू नेता से , हिंदू ! धोखा खाओगे ।
बहुत खा लिया धोखा तुमने, अब तो हिंदू ! होश में आओ ;
अब विकल्प मिल गया तुम्हें है,अब अच्छी सरकार बनाओ।
“एकम् सनातन भारत” जानो , ये तुम्हें बचाने आया है ;
कानून का शासन , न्याय का शासन , धर्म बचाने आया है ।
अच्छा जीवन अब दूर नहीं है, हिंदू ! तुमको ये करना है ;
आने वाले संसद – चुनाव में , अच्छी-सरकार बनाना है ।
एकमात्र दल “एकम्-सभा” है , अच्छी- सरकार बनायेगा ;
जान-माल-सम्मान बचाकर , न्याय का शासन दे पायेगा ।
सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत हैं इसके , उन सातों-सिद्धांत को जानो ;
ठीक तरह से उन्हें समझकर ,तब ही तुम इस दल को मानो
हिंदू के संकट हटेंगे सारे , देश भी संकटमुक्त बनेगा ;
सदियों तरसा है जिसको हिंदू , वो हिंदू आजाद बनेगा ।
आजाद नहीं सदियों से हिंदू , अब्राहमिक गुलामी है ;
अभी भी ये अब्बासी – हिंदू , बढ़ा रहा ये गुलामी है ।
हालांकि ये भी है गुलाम , आका इसके कन्वर्जन माफिया ;
ब्लैकमेल वे सब करते हैं , जानते इसकी काली दुनिया ।
जीवन के अध्याय हैं काले , इसी से उनसे डरता है ;
ज़रखरीद ये गुलाम है उनका , हिंदू के गले कटाता है ।
“संदीप-देव” का चैनल देखो , हिंदू ! अपनी आंखें खोलो ;
“एकम्-सभा” सत्ता में लाओ,हिंदू ! चैन से अब तो जी लो ।