पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मत के आतंकवादी कैंप पर भारतीय वायु सेना के हमले के बाद जिस तरह से कांग्रेस, बीएसपी, सपा, तृणमूल कांग्रेेस और पेटीकोट पत्रकारों ने सवाल उठाया, आज उनके मुंह पर जबरदस्त तमाचा पड़ा है।
दो अंग्रेजी न्यूज चैनल वह सबूत सामने ले आए हैं, जो यह साबित करता है कि भारतीय वायु सेना के बम गिराने से बालाकोट में 263 आतंकवादी मारे गये थे। टाइम्स नाउ के खुलासे के मुताबिक बालाकोट के आतंकवादी कैंप में जिस वक्त बम गिराया गया था, उस वक्त वहां 263 आतंकवादी मौजूद थे। भारतीय खुफिया एजेंसी ने वायु सेना को इसकी पूरी जानकारी दी थी।
टाइम्स नाउ के अनुसार, वायुसेना ने हमले से पांच दिन वायुसेना ने खुफिया जानकारी से यह सूचना हासिल की थी कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के 263 आतंकवादी जमा हुए हैं। इनको प्रशिक्षण देने के लिए 18 जैश कमांडर भी शिविर में मौजूद थे। 263 में से 83 आतंकवादी दौरा-ए-आम यानी प्रारंभिक प्रशिक्षण के कोर्स में शामिल थे तो 91 आतंकवादी दौरा-ए-खास यानी एडवांस आतंकवादी कोर्स मंे प्रशिक्षण ले रहे थे। 30 दौरा-ए-मुतुलाह के लिए जमा था तो 18 से 20 रेग्यूलर स्टाफ थे। 263 में से 25 को फिदाईन यानी आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया जा रहा था, जिसे निकट भविष्य में भारत में हमला करने के लिए भेजा जाने वाला था।
ज्ञात हो कि 26 फरवरी को वायु सेना के हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने अपनी पहली प्रेस वार्ता में यह कहा था कि भारत को यह सूचना मिली थी कि बालाकोट में भारत पर हमला करने के लिए फिदाईन तैयार किया जा रहा है, इसलिए भारत ने सुरक्षा के लिहाज से कदम उठाते हुए आतंकवादी शिविर को नष्ट किया था।
भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 से बालाकोट में कुल चार मिसाइल दागे थे, जिसमें सारे आतंकवादी मारे गये थे। भारतीय वायु सेना ने आतंकियों को मारने के लिए इजराइल में बने spice 2000 missile (Bomb) का उपयोग किया था। इस हमले में एक भी आतंकी के बचने की संभावना न के बराबर है।
वहीं रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत ने बालाकोट के एक स्थानीय नागरिक का Audio री किया है, जिसमें वह कह रहा है उसने उस रात बम गिरते देखा था, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गये थे। रिपब्लिक भारत की रिपोर्ट के अनुसार, एयर स्ट्राइक के चश्मदीद का दावा: पाक आर्मी ने सबूत मिटाने के लिए आतंकियों की लाशों को बोरी में बांधकर कुनहार नदी में फेंका।
बालाकोट स्ट्राइक का चश्मदीद
- ‘हां, मैंने बम बरसते देखे थे’
- ‘स्टाइक के वीडियो व्हाट्सएप पर’
- ‘लोगों के मोबाइल छीने गए’
- ‘मैंने आतंकियों की लाशें देखी थीं’
- ‘आतंकियों की लाशें जलाई गईं’
- ‘पेट्रोल डालकर जलाई लाशें’
- ‘मेडिकल मदद भी नहीं दी गई’
एयर स्ट्राइक के चश्मदीद ने कहा ‘हिंदुस्तानी जंगी जहाजों के जो बालाकोट पर हमला किया था। जिसके बाद वहां मंजर बहुत ही दर्दनाक था। हमले में घायल जख़्मी लोग चीख-चीख कर पाक आर्मी के सामने मदद मांग रहे थे। लेकिन बेरहम और ज़ालिम पाकिस्तान आर्मी ने तो उन्हें मेडिकल सुविधाएं दी और न तो वहां तक डॉक्टर को जाने दिया।’
चश्मदीद ने कहा ‘ पाकिस्तान आर्मी ने भारतीय जंगी जहाजों से मारे गए ज्यादातर तादाद में आतंकियों के लाश को जलाई हैं। पाक आर्मी ने अपनी गाड़ियों से पेट्रोल निकाला है जो पेट्रोल इनके पास था उससे भी लाशों को जलाया है।और जो बच गए थे उसे बोरी में बांध कर कुनहार नदी में फेंक दिया, ताकि कोई भी सुराग न मिल सके, लेकिन इतना रफा – दफा करने के बावजूद भी लोगों के पास वीडियो व्हाट्सअप पर मौजूद है वे एक – दूसरे को भेज भी रहे हैं ।
चश्मदीद की माने तो हमले के बाद बालाकोट का मंजर बहुत दर्दनाक था। क्योंकि पाकिस्तान आर्मी बालाकोट को दिन -रात के लिए घेरे में ले लिया था लोगों के मोबाइल छीने जा रहे थे। इलाके में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दिया गया था ताकि वीडियो फोटो लोग न फैला सके।
“ये हिंदुस्तानी जंगी जहाजों ने जो बालाकोट पर हमला किया है मैं तकरीबन सबको जानता हूं इनका ज्यादातर ताल्लुक जैश-ए-मोहम्मद से है इसमें जो ज्यादातर मारे गए हैं जैश-ए-मोहम्मद से हैं अब मैं कुछ नाम तुम्हारे साथ शेयर कर रहा हूं इनको जरा अपने माइंड में रखना अब्दुर रज्जाक है एक लाहौर के मेजर कराची का अल्ताफ अली चौधरी है रावलपिंडी का मदस्सर अली बहावलपुर के उस्ताद मोहसिन, बन्नू के दो भाई, अली खटक, बहादुर खटक ये दोनों मारे गए हैं गुजरावालां का था एक उसी तंजीम का था वो बड़ा मेजर बंदा उन्होंने मारा है जैश-ए-मोहम्मद से उसका ताल्लुक था
सॉफ्टवेयर का एक्सपर्ट राणा मोहसुन अली, मियांवली के तौफीक उमर, मोईन अली, सरदार सुहेल, डेरा गाजी खान के कैप्टन रिटायर्ड मुश्ताक, मंडी बावलदीन के शैरयारदीन मॉडल टाउन कराची के वीडियो एडिटिंग स्पेशलिस्ट अली शेख नाम है उसका डेरा इस्माइल खान के आईडी एक्सपर्ट इंजीनियर राणा, ये कुछ नाम है जो मेरे इल्म में थे मैं इनकी पूरी इत्तला दे रहा हूं ये कन्फर्म नहीं है कि इनकी तादाद कितनी है समझ गए हो?
इस फौज ने दिन रात बालाकोट को घेरे में लिया हुआ है लोगों को मार रहे हैं मोबाइल इनसे छीने जा रहे हैं इन्होंने इलाके में इंटरनेट भी बंद कर दिया है ताकि वीडियो, फोटो लोग न फैला सके, लेकिन ये मौके का मंजर था बड़ा दर्दनाक था क्योंकि जख्मी लोगों को ये मेडिकल सुविधाएं भी नहीं दे रहे थे और जो जख्मी थे यकीन मानिए वो चीख-चीखकर इनसे मदद मांग रहे थे लेकिन ये फौजी थे यकीन मानिए इतने बेरहम और जालिम थे इन्होंने डॉक्टर तक वहां नहीं जाने दिया है
तकरीबन ज्यादातर तादाद में इन्होंने लाशें जलाई भी हैं गाड़ियों से पेट्रोल निकाला है जो पेट्रोल इनके पास था लाशों को जलाया भी है और जो बच गए थे एक नदी है कुनहार उसमें उन्हें फेंक दिया, ताकि कोई भी सुराग न मिल सके, लेकिन इतना रफा-दफा करने के बावजूद भी लोगों के पास वीडियो व्हाट्सअप पर मौजूद है वे एक – दूसरे को भेज भी रहे हैं ऐसा मुझे लग रहा है हिंदुस्तानी हमले से जैश-ए-मोहम्मद और ISI में जबरदस्त खौफ है और अब इन्होंने सभी लड़के वजीरिस्तान अफगानिस्तान बॉर्डर के इलाके में भेज दिए हैं। समझ गए हो न। जबसे ये सारा कुछ हुआ है इन्होंने सारे लड़के शिफ्ट कर दिए हैं वजीरिस्तान अफगानिस्तान बॉर्डर के इलाके में भेज दिए हैं
अगर अगला हमला हिंदुस्तानी जंगी जहाज पाकिस्तानी आर्मी कैंप पर करते हैं उनको मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी। अब हमें उम्मीद है कि हिंदुस्तानी फौजें जो हमला कर रही हैं और दहशतगर्दों को मार रही हैं। हमेशा-हमेशा के लिए हमें इनसे निजात मिल जाएगी।”
बालाकोट में मारे गए 10 बड़े आतंकियों के नाम
- कराची का अल्ताफ अली चौधरी
- रावल पिंडी का मुदस्सर अली
- बहावलपुर- उस्ताद मोहसिन
- बन्नू के अली खटक-बहादुर खटक
- गुजरावालां का जैश का बड़ा कमांडर
- सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट- राणा मोहसिन
- मियांवली का तौफीक अहमद
- पाक सेना का रिटायर्ड कैप्टन मुश्ताक
- आईडी एक्सपर्ट इंजीनियर राणा
- एडिटिंग एक्सपर्ट-अली इसर
वहीं दूसरी तरफ सीआरपीएफ आईजी जुल्फिकार हुसैन, कश्मीर के आईजी एस पी पाणि और लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों ने सुरक्षाबलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलवामा हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया। आज सेना ने एक प्रेस वार्ता कर कहा है कि 14 फरवरी को पुलवामा में हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के मास्टर माइंड सहित 18 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। पिछले 21 दिन में 18 आतंकियों को मार कर सेना ने कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ कर रख दी है ।
सुरक्षाबलों ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले की साजिश रचनेवाले आंतकी मुदासिर अहमद उर्फ ‘मोहम्मद भाई’ को मार गिराया है। सेना ने बताया है कि वह दक्षिणी कश्मीर के त्राल क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के दौरान मारा गया। सेना ने बताया है कि जैश का आतंकी मुदस्सिर ही पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था। उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों ने 18 आतंकियों को ढेर किया है ।
That’s what we want..
No prob. If Pappu & Co. don’t believe, we the general mass is all ready to believe it.