विपुल रेगे। भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय आम आदमी पार्टी पर आक्रामक ढंग से हमले कर रहे हैं। इन हमलों के लिए मालवीय ने यमराज और चित्रगुप्त का सहारा लिया है। उनके ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो सीरीज चल रही है। इन वीडियोज में यमराज और चित्रगुप्त बने कलाकार आम आदमी पार्टी की सरकार को दिल्ली की दुर्दशा के लिए कोस रहे हैं। श्री अमित मालवीय ने सोचा था कि इस अभिनव रचनात्मक प्रयोग पर जनता वाहवाही करेगी लेकिन उनका वार उल्टा पड़ गया है।
दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं और इस माहौल में राजनीतिक दल आपसे में तल्ख़ हो ही जाते हैं लेकिन यहाँ तो श्री मालवीय हद से बाहर चले गए हैं। वे भाजपा और आम आदमी पार्टी की चुनावी लड़ाई में यमराज और चित्रगुप्त को उतार लाए हैं। भाजपा आईटी सेल की इस अनोखी वीडियो सीरीज का परिणाम क्या रहा है, ये आप श्री मालवीय के ट्वीटर अकाउंट पर जाकर तसल्ली से पढ़ सकते हैं।
मालवीय स्वयं ट्वीटर बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई इस वीडियो सीरीज का रिव्यू देख सकते हैं। ये अलबेला वीडियो फेसबुक पर भी दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि फेसबुक यूजर्स गाली खाना नहीं चाहते हैं।क्या आईटी सेल के तरकश में तीर कम पड़ गए हैं, जो उसे वेदों में वर्णित मृत्यु के देवता यमराज की छवि का सहारा लेना पड़ रहा है?
श्री मालवीय की आईटी सेल को किसने अधिकार दिया कि यमराज को रोड एक्सीडेंट और लीवर की बीमारी की बात करते दिखाए। क्यों न श्री मालवीय समय में थोड़ा पीछे जाए। 20 सितंबर 2022 को भाजपा शासित मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अजय देवगन की ‘थैंक गॉड’ फिल्म को लेकर सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा था।
पत्र में उन्होंने फिल्म को बैन करने की मांग करते हुए लिखा था कि ‘भगवान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।’ क्या अब श्री विश्वास सारंग वैसे दुखी नहीं हो रहे होंगे, जैसे देवगन की फिल्म का प्रोमो देखते हुए हुए थे। धार्मिक मान्यताओं के विरोध और समर्थन का पाला अपने हिसाब और सुविधा के अनुसार बदल लेने वाली पार्टी को ये ध्यान नहीं रहा कि बस दो महीने पहले ही तो वे लोग चित्रगुप्त की छवि को गलत ढंग से पेश करने के लिए फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे थे।
और अब तो मामला उच्च न्यायालय में चला गया है। क्या अब याचिकाकर्ता को एक केस श्री अमित मालवीय पर नहीं कर देना चाहिए ? दिल्ली नगर निगम के चुनाव एक पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं लेकिन इतने महत्वपूर्ण भी नहीं कि आप हमारे मृत्यु के देवता को बीच में ले आए।