एक किताब में यह दावा किया गया है कि हिंदू आतंकवाद की थ्योरी साबित करने के लिए सोनिया गांधी की मनमोहन सरकार ने भाजपा कार्यालय की रेकी कराई थी। यही नहीं, एनआईए के एक अंडरकवर एजेंट को भाजपा कार्यालय सहित विश्व हिंदू परिषद और असीमानंद के आश्रम में तैनात किया गया था, ताकि इनको फंसाया जा सके। ब्लूम्सबरी से प्रकाशित ‘आतंक से समझौता’ पुस्तक मंे लेखक प्रवीण तिवारी ने एनआईए के उस अंडर कवर एजेंट से बात करते हुए इसका खुलासा किया है।
लेखक प्रवीण तिवारी लिखते हैं, “मैं एक ऐसे शख्स की तलाश में था जो खुद इसकी जांच के दौरान एक एजेंट के तौर पर शामिल था। अपनी इसी तलाश के दौरान मुझे जानकारी मिली एक ऐसे अधिकारी के बारे में जो अमसीमानंद के आश्रम में साधु बनकर रहा, जो विश्व हिंदू परिषद और भाजपा दफ्तर में भी भेष बदल कर रहा था। एक ऐसा अधिकारी जिसे जांच के दौरान किए गये सभी फोन टैपिंग की पूरी जानकारी थी। एक ऐसा अधिकारी जो साध्वी प्रज्ञा और सुनील जोशी के संबंधों के बारे में खुद जांच पड़ताल कर रहा था।”
इस अधिकारी से जब पत्रकार और पुस्तक लेखक मिले तो उस अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि उसे यूपीए सरकार ने अंडर कवर एजेंट के रूप में भाजपा कार्यालय में तैनात किया था। उस अधिकारी के मुताबिक, “हां मैं खुद एक कार्यकर्ता के तौर पर इन कार्यालयों में अंडर कवर एजेंट बनकर रहा था। कई दिनों तक मैं बीजेपी काया्रलय में कई लोगों का पीछा करता रहा। हमंे शक था कि इन लोगों के तार कहीं न कहीं हमारे निशाने पर आए धमाके के किरदारों से जुड़े हो सकते हैं। विहिप कार्यालय और संघ का दफ्तार दोनों ही हमारे आॅपरेशन के दायरे में था।”
हिंदू आतंकवाद की थ्योरी गढने के बाद कांग्रेस ने राजनीतिक पार्टी भाजपा और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन संघ को पूरी तरह से खत्म करने की योजना बनाई थी ताकि भविष्य के खतरे के रूप में उभर रहे नरेंद्र मोदी को खत्म किया जा सके। ऐसे कई खुलासों से भरी आतंक से समझौता पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें।