Latest उपदेश एवं उपदेशक News
जीवन के क्षुद्रतम तथ्य भी अव्याख्य हैं। जब मैं कहता हूं जीवन अतर्क्य है, तब मैं कह रहा हूं कि जीवन अव्याख्य, इनडिफाइनेबल है।
आप उसकी व्याख्या नहीं कर सकते। जी सकते हैं, कह नहीं सकते,…
यह उनका सदा का रूप था। अभी— अभी तो खूब खिल गया था, निखार आ गया था। लेकिन मुझे बचपन से याद है।
जब उनके पास बहुत सुविधा भी नहीं थी तब भी लुटाने में…
ओशो के शब्दों में कैलाश का रहस्य!
कैलाश - एक अद्भुत तीर्थ दो-तीन बातें सिर्फ उल्लेख कर दूं, क्योंकि…
श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष की आजादी के युद्ध में अग्रणी सेनानी थे; लड़ रहे थे। फिर अचानक आप पलायनवादी कैसे हो गये
श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की…
दादू के चेले तो अनेक थे पर दो ही चेलों का नाम मशहूर है। एक रज्जब और दूसरा सुंदर।
आज आपको सुंदर कि विषय में एक घटना कहता हूं। दादू की…
मुझे निरंतर लोग कहते हैं कि हम यह चाहते हैं-शांति चाहते हैं, आनंद चाहते हैं, आत्मा चाहते हैं।
आप तो सब चाहते हैं, लेकिन चाहने से जगत में कुछ भी…