By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
      • मनोविश्लेषण
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • JOIN US
Reading: उत्पातों का कारण एवं शान्ति के उपाय
Share
Notification
Latest News
कलियुग चरम पर है !
अपराध
हिंदू पता चलते किया लड़की से बलात्कार,मुस्लिम लड़की को छोड़ दिया, गाजियाबाद गैंगरेप मामले में 24 घंटे में दो एनकाउंटर, 5 आरोपी गिरफ्तार !
अपराध
मणिपुर में उग्रवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी में 13 लोगों की मौत !
अपराध
इस्लामिक जिहादियों के भारतवर्ष के सबसे बड़े शत्रु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के लिये संत समाज का समर्थन जुटाने के लिये हरिद्वार में सात दिवसीय पदयात्रा करेंगे यति सन्यासी
मुद्दा
नंगाई की इस ऊंचाई का विरोध शोभा डे ने किया तो क्या बुरा किया ?
बॉलीवुड न्यूज़ सेलिब्रिटी
Aa
Aa
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speaks Daily > Blog > धर्म > सनातन हिंदू धर्म > उत्पातों का कारण एवं शान्ति के उपाय
सनातन हिंदू धर्म

उत्पातों का कारण एवं शान्ति के उपाय

ISD News Network
Last updated: 2023/09/06 at 11:06 AM
By ISD News Network 52 Views 6 Min Read
Share
6 Min Read
SHARE

श्वेता पुरोहित।  ज्योतिषाचार्य डॉ. भोजराज द्विवेदी द्वारा लिखित ‘आचार्य वराहमिहिर का ज्योतिष में योगदान’ पुस्तक के कुछ अंश अप्राकृतिक उपद्रवो-उत्पातों के बारे में वराहमिहिर की अवधारणा एकदम स्पष्ट है। वे कहते हैं- “मनुष्यों के अविनय से पाप इकट्ठे होते हैं, उन पापों से उपद्रव होते हैं। दिव्य आन्तरिक्ष और भौमादि ग्रहों के उत्पात उन उपद्रवों को सूचित करते हैं। अप्रसन्न देवतागण इन उत्पातों को उत्पन्न करते हैं। जिसके निवारण के लिये राजा को शान्ति करानी चाहिये।”

शिवालय की भूमि पर गोदोहन, कोटि संख्यक (रुद्र) हवन, गाय, अन्न, पृथ्वी और सुवर्ण के दान कैसे भी दिव्य उत्पात हों शान्त हो जाते हैं। अग्नि जनित विकार की शान्ति के लिये आक की लकड़ी, सरसों और घृत से अग्नि में हवन करना चाहिये। ब्राह्मणों को सुवर्ण दक्षिणा देकर तृप्त करना चाहिये। इस तरह अशुभ फल की शांति होती है।

जल सम्बन्धी विकार होने पर वरुण-मन्त्रों से पूजा, जाप और हवन करने से अशुभ फल का निवारण हो जाता है ।

More Read

भगवान के व्यूहावतार, वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न एवं अनिरूद्ध की कथा
वासुदेव संकर्षण प्रद्युम्न अनिरुद्ध नाम विवेचन
अशांति से जूझ रही दुनिया को हिन्दू धर्म के मूल्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए
चार मंदिरों में की तोड़फोड़, प्रतिमाओं को किया खंडित !

उत्पाताध्याय के अन्त में वराहमिहिर एक बहुत ही सुन्दर वाक्य कहते हैं कि गणित को नहीं जानने वाले मनुष्य भी पूर्वोक्त उत्पातों को जानकर यशस्वी और राजा के प्रिय होते हैं। यह मुनि का वचन गोपनीय कहा गया है, जिसको जानकर मनुष्य त्रिकालदर्शी हो जाता है।

उत्पातों का कारण व फल

उत्पात किसे कहते हैं- उत्पातों की व्याख्या करते हुये वराहमिहिर कहते हैं कि देवमूर्ति या देवस्थानों का बिना कारण फटना, अचानक उल्कापात, दिग्दाह, भयंकर वायु या धूलि संघात, यात्रा के गाड़ी का उलटना, बिना बादल के बरसात, विकारयुत वायु के साथ वृष्टि, विना अग्नि की ज्वाला, रात्रि को इन्द्रधनुष दिखाई देना, सन्ध्या में विकार, वन में रहने वाले का गांव में आना, अचानक वृक्ष की शाख टूट कर गिर जाना, एक जाति के पशु का दूसरी जाति के पशु के साथ मैथुन करना, आकाश में तुरही का बजना, ऋतुओं के विपरीत लक्षण दिखाई देना तथा प्रकृति के विरुद्ध अनहोनी घटनाओं के घटित होने को उत्पात कहते हैं।

उत्पातों का फल-

शिवलिंग, देवमूर्ति और देवस्थानों का बिना कारण फटना, कम्पन होना, उनमें पसीना आना, उनका रोना, गिरना, उनमें शब्द होना (उनका वमन करना और खिसकना) राजा व राज्य के लिए कष्टदायक है।” जिस राजा के राज्य में बिना अग्नि ज्वाला दिखाई दे और काष्ठ युत प्रज्वलित न हो तो उस राजा और देश को पीड़ा होती है।” देवगृह (प्रासाद) घर, तोरण या ध्वज अग्नि के बिना ही बिजली से दग्ध हो जाये तो छः माह बाद निश्चय ही अन्य राजा की सेना का आगमन होता है।” रात्रि के समय मेघरिहत आकाश में नक्षत्रों का अदर्शन और दिन में दर्शन हो तो अधिक भयकारी होता है।”

उल्कापात का वर्णन

हम प्रायः आकाश में किसी चमकीले तारे को टूट कर गिरता हुआ देखते है, वस्तुतः यह उल्का है, जो चमकीले कण-से बिखेरती हुई-सी पृथ्वी तल पर बड़े-बड़े कोयले या राख की आकृति में गिरती है। वराहमिहिर ने:

१. धिष्ण्या

२. उल्का

३. अशनि

४. बिजली

५. तारा

इन पाँच भेदों में उल्का को विभाजित किया। उल्का १५ दिन में, धिष्ण्या १५ दिन में, अशनि तीन पक्ष (पैंतालिस दिन) में, बिजली छः दिन में, इसी तरह तारा छः दिन में फल देती है ।”

उल्का के आकृति भेद-

आकृति भेद से उल्कापात के शुभ व अशुभ दोनों प्रकार के फल कहे हैं। उल्का यदि प्रेत, शस्त्र, गधा, ऊँट, बन्दर, सूअर, हल, मृग, गोह, साँप, धूम के समान या दो सिर वाली हो तो ये सभी आकृतियाँ पाप फल देने वाली अशुभ होती हैं।

इसके विपरीत ध्वज, मत्स्य, हाथी, पर्वत, कमल, चन्द्रमा, घोड़ा, बिखरी हुई धूल, हंस, श्रीवृक्ष, वज्र (हीरा), शंख, या स्वस्तिक रूप वाली उल्का दिखाई दे तो लोगों का कुशल और सुभिक्ष करती है।

उल्का गिरने का स्थान

उल्का यदि देवता की मूर्ति पर गिरे तो राजा और राष्ट्र को भय, इन्द्र ध्वज के ऊपर गिरे तो राजाओं को भय और घर पर गिरे तो गृहपति को पीड़ित करती है। दिक्पति ग्रह यदि उल्का से हत हो तो उस दिशा में रहने वाले मनुष्यों को, खलिहान (खेत) में गिरे तो किसानों को और छोटे मन्दिर के पास के वृक्ष पर उल्का गिरे तो पूज्य व्यक्तियों को पीड़ित करती है। पुरद्वार पर यदि उल्का गिरे तो पुर का, द्वार के किंवाड़ पर गिरे, तो पुरवासियों का, ब्रह्मा के मन्दिर पर गिरे तो ब्राह्मणों का और गोष्ठ (गायों के स्थान) पर गिरे तो गायों का पालन करने वाले ग्वालों का नाश होता है।

महर्षि नारद ने भी उपरोक्त रीति से पांच प्रकार की उल्काओं का विस्तार से वर्णन किया है। वराहमिहिर एवं नारद के वचनों में काफी साम्यता है। नारद ने आकृति व भेद के अतिरिक्त मृदु, दारुण, उग्र, मिश्र संज्ञक नक्षत्रों के भेद से, स्थिर, क्षिप्र व चर संज्ञक नक्षत्रों के भेद से, जिस नक्षत्र में उल्कापात हो, उस नक्षत्र के अधिपति देवता एवं देव, मनुष्य व राक्षसगण के भेद से अलग-अलग फलादेश निर्दिष्ट किये हैं।”

Related

TAGGED: sanatan dharm, Sanatan dharma, sanatan hindu dharm, sanatan sanskriti, Sanatani
ISD News Network September 6, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
ISD News Network
Posted by ISD News Network
Follow:
ISD is a premier News portal with a difference.
Previous Article मांस के ‘पिंक रिवोल्यूशन’ में अब पूर्वोत्तर का ‘मिथुन’ भी शामिल
Next Article बीजेपी बन गई धन्ना सेठ पार्टी, एक साल में बीजेपी की संपत्ति 1056 करोड़ बढ़ी !
Leave a comment Leave a comment

Share your CommentCancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

कलियुग चरम पर है !
हिंदू पता चलते किया लड़की से बलात्कार,मुस्लिम लड़की को छोड़ दिया, गाजियाबाद गैंगरेप मामले में 24 घंटे में दो एनकाउंटर, 5 आरोपी गिरफ्तार !
मणिपुर में उग्रवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी में 13 लोगों की मौत !
इस्लामिक जिहादियों के भारतवर्ष के सबसे बड़े शत्रु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के लिये संत समाज का समर्थन जुटाने के लिये हरिद्वार में सात दिवसीय पदयात्रा करेंगे यति सन्यासी

You Might Also Like

सनातन हिंदू धर्म

भगवान के व्यूहावतार, वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न एवं अनिरूद्ध की कथा

November 30, 2023
सनातन हिंदू धर्म

वासुदेव संकर्षण प्रद्युम्न अनिरुद्ध नाम विवेचन

November 30, 2023
पूरब का दर्शन और पंथसनातन हिंदू धर्म

अशांति से जूझ रही दुनिया को हिन्दू धर्म के मूल्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए

November 25, 2023
statues were broken!
अपराधसनातन हिंदू धर्म

चार मंदिरों में की तोड़फोड़, प्रतिमाओं को किया खंडित !

November 22, 2023
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2023 - Kapot Media Network LLP.All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?