लखनऊ, 3 सितंबर: कोटि-कोटि सनातनी आस्था की प्रतीक अवधपुरी अपने खोए हुए वैभव को प्राप्त करने को सज-संवर रही है। करीब पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के उपरांत अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद भविष्य की जरूरतों के लिहाज से अयोध्या तैयार हो रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के कायाकल्प पर 2000 करोड़ अधिक की राशि खर्च कर रही है।
पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर हो रहे विकास के कार्य
राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और वहां बनने वाली दुनियां की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। सरकार के अनुमान के अनुसार 2020 से 2031 के दौरान इस संख्या में तीन गुने 2.2 करोड़ से 6.8 करोड़ से अधिक की वृद्धि होगी। आने वालों को बेहतर सुविधाएं मिलें। उनके दिलो-दिमाग पर अयोध्या की अच्छी और अमिट छवि हो।
अयोध्या के कायाकल्प पर खर्च होंगे 2000 करोड़ अधिक की राशि
इसकी वह औरों से चर्चा करें ताकि वह भी अयोध्या आएं। इस सबके लिए अयोध्या को तैयार किया जा रहा है। अगर सभी विभागों को जोड़ लिया जाय तो दो हजार करोड़ रुपये से अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी है। मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से 258.12 करोड़ रुपये की लागत से समेकित पर्यटन के लिए विकास के कई काम जारी हैं। कुछ पूरे भी हो चुके हैं।
पर्यटन विभाग की ओर से 258 करोड़ रुपये के काम जारी,
इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कून्डों की जीर्णोद्धार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पार्किंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाना है।
वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय होगी नव्य अयोध्या इसके अलावा एक नव्य अयोध्या का भी निर्माण भी होना है।
ऐसी अयोध्या जो वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय हो। इसके लिए उप्र आवास-विकास परिषद ने 639 एकड़ भूमि भी चिन्हित की है। फिलहाल अयोध्या में राम की पैड़ी के सुंदरीकरण, यहां के फसॉड इंप्रूवमेंट के सिविल कार्य, बहुउद्देशीय हाल, गुप्तार घाट और लक्ष्मण किला घाट और रामकथा का विस्तारीकरण, राजा दशरथ की समाधि के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है।
विभाग केंद्र को शीघ्र भेजेगा 200 करोड़ रुपये के कार्यों का प्रस्ताव
पंच कोसी परिक्रमा पर परिक्रमा करने वालों के विश्राम के लिए जगह-जगह छाजन बनाने, मल्टी लेवेल कार पार्किंग, बस स्टैंड, क्ववीन-हो मेमोरियल का सुंदरीकरण और यात्री निवास के उच्चीकरण का काम जारी है।आवास एवं शहरी नियोजन विभाग,लोकनिर्माण, नगर विकास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई एवं जल शक्ति, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की ओर से भी अयोध्या के कायाकल्प के लिए काम कर हैं। इन सबके कामों को जोड़ दें तो अयोध्या के विकास पर आने वाले समय में केंद्र और प्रदेश सरकार 2000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है।
होटल इंडस्ट्री को बधाई अयोध्या किसी शहर की संभावनाओं का अंदाजा बाजार को सबसे पहले लगता है। अयोध्या में पर्यटक आएंगे तो उनके ठहरने की भी व्यवस्था उनके बजट में होनी चाहिए। इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर होटल इंडस्ट्री के लिए अयोध्या निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है। 2018 में नयी पर्यटन नीति आने के बाद वहां के लिए 20 प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। इसमें एक-एक होटल और रीसॉर्ट के अलावा 12 बजट, 3 हेरीटेज और बाकी सामान्य होटल है। नव्य अयोध्या के निर्माण के साथ इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर भी अपने लक्जरी ब्रांड के साथ अयोध्या आएंगे।
Jai Ho..