पहले भाग में आपने देखा कि देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग से संबंधित अक्षित बारू जैसे विद्यार्थी जो कांग्रेस – वामपंथी विचारधारा से नही जुडे थे, उनके साथ कांग्रेस – वामपंथी विचारधारा से जुडे हुए प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में 25 में से मात्र 13 – 14 अंक ही दिए गए थे । चूँकि अक्षित बारू ABVP से जुडे थे अत: सहायक प्राध्यापक द्वारा अक्षित बारू को 15 – 16 अंक दिए गए थे जबकि आकाश नामक विद्यार्थी जो कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुडा था, उसे वामपंथी विचारधारा से जुड़े हुए अन्य प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने पढ़ाया है और उनके द्वारा आकाश को 25 में 23 – 24 अंक दिए गए थे । इतना ही नही सौरभ वाजपेयी जी द्वारा कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस सन्देश’ के पृष्ठ 28 – 29 पर आकाश का एक आलेख अगस्त, 2022 में प्रकाशित भी करवाया, आलेख का शीर्षक है – “सावरकर माने अफसोस, सावरकर माने भय, सावरकर माने साम्प्रदायिकता” ।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि आकाश नामक यह शोधार्थी ‘नेशनल मूवमेंट फ्रंट’ की वैचारिकी ईकाई से जुडा हुआ है । ‘नेशनल मूवमेंट फ्रंट’ के संस्थापक सदस्य “डा. सौरभ वाजपेयी” हैं जो देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं ।
आकाश नामक इस शोधार्थी को वामपंथी विचारधारा से जुड़े हुए अन्य प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने पढ़ाया हैऔर उसे कालेज़ की आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में 25 में 23 – 24 अंक दिए गए थे । हालांकि अपने कॉलेज के दिनों से ही आकाश सौरभ वाजपेयी जी के संपर्क में आ गया था । कालांतर में शोधार्थी बनते – बनते वह कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस – सन्देश’ में स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले वीर सावरकर जी के बारें में ऐसे अनाप – शनाप लेख लिखने लगा । कितना हास्यासपद है कि ‘नेशनल मूवमेंट फ्रंट’ नामक गैर सरकारी संस्था जो स्वयं को स्वतंत्रता सेनानियों के लिए समर्पित संस्था कहती है, वास्तव में वह भारतीय स्वाधीनता संग्राम से जुडे में कांग्रेस के नेताओं का महिमामंडन करती है और उसकी वैचारिकी शाखा से आकाश जैसे दिगभ्रमित लोग वीर सावरकर जैसे क्रांतिकारियों के लिए इस प्रकार के गलत शब्दों का उपयोग करते हैं ।
यद्दपि दिल्ली विश्वविद्यालय ने आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में स्पष्ट दिशा – निर्देश जारी किया हुआ है कि 10 अंक एसाईन्मेंट के, 10 अंक क्लास टेस्ट के और 05 अंक अटेंडेंस के ।
आपने यह भी इस वीडियो के पहले भाग में देखा कि देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग के एक सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार जी के खिलाफ ABVP ने एक छोटा सा धरना – प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया । उन विद्यार्थियों का कहना था कि अभिषेक कुमार जी द्वारा क्लास में उनके साथ पक्षपाती व्यवहार कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है । क्लास में अभिषेक कुमार जी द्वारा RSS, BJP, ABVP के खिलाफ गलत शब्दों का उपयोग करके उन्हें आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) तथा SEC (Skill Enhancement Course) के पेपर में कम अंक देने की धमकी दी जाती है । जिसकी लिखित शिकायत विद्यार्थियों ने कालेज के प्राचार्य महोदय को दिया । प्राचार्य महोदय ने उन्हें उचित संज्ञान लेकर कार्यवाही करने का पूरा आश्वासन दिया है ।
अभिषेक कुमार
जबसे हमने देशबंधु कालेज के इतिहास विभाग से संबंधित कुछ सहायक प्राध्यापकों के चेहरों से नकाब हटाया है और उनके द्वारा इतिहास पढाए जाने वाले विद्यार्थियों को, खासकर जो उनकी विचारधारा का समर्थन न करे, उसे किस प्रकार वें आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) तथा SEC (Skill Enhancement Course) के पेपर में कम अंक देने की धमकी देते हैं, तबसे इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ देशभर में आक्रोश फैला है । मेरे पास भी कई लोगों के फोन आए और इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों की करतूतों को सार्वजनिक करने पर इन्डिया स्पीक डेली का धन्यवाद किया है । आप सभी शुभचिंतकों का आभार एवं धन्यवाद ।
इन्डिया स्पीक डेली पर इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों की करतूतों को सार्वजनिक करने पर देशबंधु कालेज – प्रशासन हरकत में आ गया है और प्राचार्य (प्रिंसिपल) जी ने एक कमेटी का गठन भी कर दिया है । परंतु कमेटी के सदस्यों का नाम देखकर आप चौंक जाएंगे । इस कमेटी का एक सदस्य अश्विनी शंकर भी है । यह वही अश्विनी शंकर है जो इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों का सरगना है । यानी ‘बिल्ली को जिम्मेदारी दे दी गई कि वह दूध की रखवाली करे’ ।
अश्विनी शंकर
जब इस कमेटी के सदस्य के रूप में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष अश्विनी शंकर जी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) – देशबन्धु कालेज ने देखा तो उन्हें तुरंत इसका विरोध किया और इस कमेटी से अश्विनी शंकर जी का नाम हटाने के लिए अपना ज्ञापन दिया । परंतु ABVP के इस ज्ञापन पर अभी तक देशबन्धु कालेज प्रशासन ने अभी तक कोई संज्ञान नही लिया है । ABVP के कार्यकर्ताओं का कहना है कि देशबन्धु कालेज के प्रिंसिपल सर पर दबाव बनवाकर इस कमेटी में अश्विनी शंकर जी को सदस्य के रूप में रखवाया गया है ताकि इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों की इन काली करतूतों को छिपाया जा सके और मामले को रफा – दफा किया जा सकें ।
ABVP के कार्यकर्ताओं ने यह भी जानकारी दिया कि इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के बचाव में अश्विनी शंकर जी द्वारा निर्देशित NSUI, CYSS और वामपंथी संगठनों की छात्र ईकाई से जुडे हुए विद्यार्थियों के द्वारा एक नया नाटक रचा गया । वह नाटक था – CYSS, NSUI और वामपंथी संगठनों की छात्र ईकाई से जुडे हुए विद्यार्थियों के द्वारा एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के बचाव में हस्ताक्षर अभियान चलाने का तथा देशबन्धु कालेज के प्रिंसिपल से मिलकर उनके सम्मुख अपना समर्थन प्रकट करने का ।
इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों तथा इनके सरगना अश्विनी शंकर जी को पता तो सब है कि क्लासरूम में शिक्षक के लिए सभी विद्यार्थी एक समान होते हैं और शिक्षक के लिए क्लास रूम के बच्चों में धार्मिक, क्षेत्रीय, भाषाई, आर्थिक इत्यादि आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नही करना चाहिए, क्लासरूम के अन्दर विद्यार्थियों को अपना “कैडर (अपनी पार्टी का कार्यकर्ता)” बनाना चाहिए और पाठ्यक्रम (सिलेबस) से बाहर विभेदकारी बातों को क्लासरूम के अन्दर चर्चा करना चाहिए क्योंकि यदि क्लासरूम के अन्दर शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को संघ – गाथा, मोदी – चालीसा, केजरीवाला – कथा, राहुल गांधी – कहानी नही पढ़ाना चाहिए, विरोधी विचारधारा के लोगों के लिए अपशब्द कहना इत्यादि बातें की जाएंगी तो क्लास का माहौल भी खराब होता है और उसका असर विद्यार्थियों के मानस पर सीधा पडता है । साथ ही क्लासरूम में इस प्रकार की बेफिजूल बातें की जाएंगी तो सिलेबस खत्म ही नही होगा । जबकि होना यह चाहिए कि यदि सिलेबस में ऐसा कोई विषय है तो क्लासरूम के अन्दर शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को विभिन्न विचारधाराओं से संबंधित सभी लेखकों की पुस्तकों का गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए । ताकि उनके अन्दर स्वत: एक समझ विकसित हो सके ।
परंतु इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के द्वारा विद्यार्थियों को अपना “कैडर (अपनी पार्टी का कार्यकर्ता)” बनाने का कार्य कई वर्षों से किया जाता रहा है । जब भी कोई विद्यार्थी इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के विरोध में अपनी आवाज उठाता है उसे ये एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापक आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) तथा SEC (Skill Enhancement Course) के पेपर में कम अंक देते हैं और परीक्षा में फेल करने की धमकी देते हैं । संभवत: यह पहली बार है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) – देशबन्धु कालेज से जुडी एक छात्रा अंजलि ने हिम्मत दिखाई और इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ देशबन्धु कालेज के प्रिंसिपल सर को अपनी लिखित शिकायत दी । जब यह बात इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों को पता चली तो उनके बचाव में अश्विनी शंकर जी द्वारा निर्देशित NSUI, CYSS और वामपंथी संगठनों की छात्र ईकाई से जुडे हुए विद्यार्थियों के द्वारा एक नया नाटक रच दिया गया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) – देशबन्धु कालेज की एक कार्यकर्ता अंजलि के खिलाफ निर्देशित NSUI, CYSS और वामपंथी संगठनों की छात्र ईकाई से जुडे हुए विद्यार्थियों को उतार दिया गया ।
इनका ईकोसिस्टम इतना मजबूत है जिसका अन्दाजा हम इस घटना से लगा सकते हैं । देशबन्धु कालेज में मोदी@20 नामक पुस्तक पर चर्चा करने के लिए भारत सरकार के कानून मंत्री श्री किरेन रिजिजू तथा दक्षिणी दिल्ली के मा. सांसद श्री रमेश विधुडी जी आए । जिसका विरोध अश्विनी शंकर जी के निर्देशन में इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने कुछ इस प्रकार लच्छेदार भाषा के साथ किया ।
इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों की इन लच्छेदार बातों से ही यह अन्दाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार सरकार के ये अपने विरोध का अपना एजेंडा लागू करते होंगे । जब इन विरोधी पार्टियों को भारत की जनता ने नकार दिया है तो इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को अपना कार्यक्षेत्र बनाकर विद्यार्थियों को ही अपना “कैडर” बनाना प्रारंभ कर दिया है ।
जब इन्डिया स्पीक डेली की टीम ने इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों की पृष्ठभूमि देखा तो हम सब आश्चर्यचकित हो गए कि किस प्रकार “मोदी – विरोध” से इनका सोशल मीडिया एकाऊंट भरा पडा है । इसमें से सौरभ वाजपेयी जी समेत कई सहायक प्राध्यापक CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध – प्रदर्शन किया था और वहाँ पर अपना भाषण भी दिया था । यह सब जान – समझकर आपके मन में भी इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों के प्रति छवि स्पष्ट हो जाएगी । इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के सोशल मीडिया पोस्ट को आप भी देखिए और स्वयं चिंतन कीजिये :-
उपेन्द्र कुमार
सौरभ वाजपेयी
शाकिर
इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के सरगना अश्विनी शंकर द्वारा बुलाए गए तथा देशबंधु कालेज के इतिहास विभाग में हुए विभिन्न बेबीनारों में आए हुए कुछ इतिहासकारों द्वारा बेबीनार में बोले गए उदबोधन का यूट्यूब लिंक : –
प्रो. इरफान हबीब :-
प्रो. आदित्य मुखर्जी :-
प्रो. हंगलू :-