राम-मंदिर को भ्रष्ट कर रहा , सेना को कमजोर कर दिया ;
कानून-व्यवस्था पूरी चौपट , ई वी एम को चोर कर दिया ।
तृप्तीकरण कर दिया अधिकतम , हिंदू का हक छीन रहा है ;
प्रेस-मीडिया करी नपुंसक , सच्ची-खबरें सब लील रहा है ।
मित्र-देश बन रहे हैं दुश्मन , विदेश नीति का पूर्ण दीवाला ;
कितना घटाया सम्मान देश का ? पूरा देश बेच डाला ।
लगातार बढ़ रहा है कर्जा , जो विदेश से आता है ;
दो लाख करोड़ की सीमा लांघी , और भी बढ़ता जाता है ।
राजनीति इसकी नफरत की , महाकुटिल मक्कार है ;
हिंदू – जनता पर जादू डाला , अब्राहमिकों का यार है ।
हिंदू – धर्म मिटा देने का , इसका गंदा – एजेंडा है ;
बहुत पुराना अब्राहमिकों का , ये ग्लोबल – एजेंडा है ।
“ए सी वाई पी एल” की साजिश , जो उनका हथियार है ;
अरबों – खरबों डॉलर – दीनार , पुरस्कार हथियार है ।
हिंदू – मंदिर तोड़ रहा है , तीर्थ – स्थल को नष्ट कर रहा ;
धर्मभ्रष्ट हिंदू को करने , कसर न कोई छोड़ रहा ।
चरित्रहीन दस – प्रतिशत हिंदू , वे ही इसके साथी हैं ;
वामी ,कामी, जिम्मी ,सेक्युलर , अब्बासी – हिंदू के साथी हैं ।
शत – प्रतिशत ये धर्म के द्रोही , सरकारी – अब्बासी – हिंदू ;
हुआ मानसिक खतना इनका , कहीं से नहीं है हिंदू ।
नब्बे – प्रतिशत धर्माचार्य , चरित्रहीन मक्कार हैं ;
धर्म का ये व्यापार कर रहे , धर्म के ये गद्दार हैं ।
बहुत बुरी हालत है देश की, कभी भी कुछ भी हो सकता है ;
गजवायेहिंद को न रोका तो , गृहयुद्ध हो सकता है ।
अब्बासी – हिंदू यही चाहता , पर हिंदू अनजान है ;
हिंदू ! अपनी जान बचाओ , तब ही तुझे जहान है ।
संघर्ष की क्षमता खो रहा है हिंदू , क्योंकि धर्म से दूर है ;
मरने – मारने को जो तत्पर , जिनको जन्नत की हूर है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अपना अस्तित्व बचाना है ;
धर्म बचेगा तो देश बचेगा , भारतवर्ष बच जाना है ।
एक ही दल इसमें सक्षम है , “एकम् सनातन भारत” दल ;
अच्छी सरकार बनाओ इसकी , ई वी एम का छीनो बल ।
ई वी एम हटाना होगा , अच्छी सरकार बनाना होगा ;
सुख समृद्धि सुरक्षा सबको , “राम-राज्य” को लाना होगा ।