विपुल रेगे। गुरुवार को मार्वल की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘थॉर लव एंड थंडर’ विश्वभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। फिल्म को समीक्षकों की मिश्रित प्रतिक्रियाओं का सामना बॉक्स ऑफिस पर करना पड़ेगा। भारत व हॉलीवुड के समीक्षकों ने फिल्म को बहुत हल्का बताते हुए इसकी भयंकर आलोचना की है। हालांकि मार्वल की फ़िल्में उसकी करोड़ों की फैन फॉलोइंग से चलती है और विश्वभर में मार्वल के पास सबसे अधिक टीनएजर्स और युवाओं की करोड़ों की फॉलोइंग है। फिल्म कुछ कमज़ोर हो तो भी बॉक्स ऑफिस पर वे पैसा बटोर ले जाते हैं।
फिल्मों की सिनेमेटिक यूनिवर्स खड़ी करने का विचार मार्वल के निर्माताओं के दिमाग की उपज है। सुना है अब बॉलीवुड वाले भी अपनी एक यूनिवर्स क्रिएट करने जा रहे हैं। थॉर मार्वल की सिनेमेटिक यूनिवर्स का एक ख़ास कैरेक्टर है। इस किरदार के विश्व में करोड़ों प्रशंसक हैं। थॉर सन 2011 में आया था। तब उसका चरित्र भिन्न था। जबसे थॉर को यूनिवर्स के साथ जोड़कर एवेंजर का रुप दिया गया, वह कुछ कॉमिक हो गया।
इस फिल्म में थॉर और उसका हथौड़ा कॉमेडियन और सह कॉमेडियन की भांति प्रस्तुत किये गए हैं। इस बात को स्वीकार करना पड़ेगा कि इस फिल्म में थॉर का प्रस्तुतिकरण जानदार नहीं रहा है। वह तो गुणवत्ता वाले वीएफएक्स, अच्छा थ्रीडी, शानदार कॉमेडी और एक्शन के कारण फिल्म का कायम रहता है। चूँकि ये फिल्म किशोर वय के दर्शकों को टारगेट कर बनाई गई है, इसलिए एक प्रेम कहानी और कथानक को कॉमिक टच दिया गया है।
मार्वल का निशाना लगभग सही लगा है क्योंकि उस आयुवर्ग के दर्शकों को फिल्म पसंद आ रही है। थॉर की भूमिका करने वाले क्रिस हेम्सवर्थ इस फिल्म में उखड़े से दिखाई देते हैं। शायद मन ही मन वे इस किरदार के प्रस्तुतिकरण से खुश नहीं थे। यदि हम थॉर के 2011 वाले अवतार को देखे, तो वह एक डिसेंट सा युवा था। वह एक अन्य ग्रह एस्गार्ड से आया है, इसलिए उसमे पृथ्वीवासियों सी चालाकी भी नहीं थी। और अब हम थॉर को देखे तो वह पूरी तरह परिवर्तित है।
नाटली पोर्टमैन और क्रिस हेम्सवर्थ के बीच रोमांस की वापसी हुई है। इस बार कथानक में भावनाओं का ज्वर कुछ अधिक दिखता है। जेन फॉस्टर कैंसर के अंतिम चरण में है और संघर्ष कर रही है। ऐसे में थॉर उसकी ज़िंदगी में लौटता है। जेन और थॉर की इस प्रेम कहानी को वेदना के साथ प्रस्तुत किया गया है। क्रिश्चियन बेल का किरदार फिल्म का मुख्य आकर्षण है। गोर्र द गॉड बुचर का ये किरदार देवताओं की ह्त्या करता है। क्रिश्चियन बेल के इस किरदार को बहुत खौफ के साथ पेश किया गया है।
ये एक ऐसा खलनायक है, जो आसानी से काबू में नहीं आता। इसी कारण दर्शक की रुचि फिल्म के अंत तक बनी रहती है। जियूस के किरदार में रसेल क्रो बहुत ही भद्दे दिखाई दिए हैं। वे किसी एंगल से देवता नहीं दिखाई देते और ऊपर से उनकी बिगड़ी हुई फिटनेस खेल बिगाड़ देती है। युवा और किशोर वय के दर्शकों के लिए फिल्म में बहुत मसाले हैं। ये मनोरंजक है इसमें कोई संदेह नहीं। किन्तु जिस रफ़्तार से मार्वल की फ़िल्में आ रही हैं, उससे बॉक्स ऑफिस पर भविष्य में एकरसता आ सकती है।
एवेंजर्स : एन्ड गेम और डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस के बाद मार्वल को कुछ समय के लिए बड़ा अंतराल लेने की आवश्यकता थी। आवश्यकता से अधिक फ़िल्में इस यूनिवर्स में बिग बेंग भी ला सकती है। ये फिल्म तो संभल जाएगी लेकिन भविष्य के लिए इसने खतरे का संकेत तो दे ही दिया है।