विपुल रेगे। हैरिसन फोर्ड की ‘इंडियाना जोन्स’ सीरीज विश्वभर में बहुत लोकप्रिय है। शुक्रवार इसका पांचवा और अंतिम भाग रिलीज हो गया। सन 1981 से ‘इंडी’ दुनिया के दर्शकों का चहेता बना हुआ था। रहस्य, रोमांच और पुरातात्विक अभियानों में रुचि रखने वाले दर्शकों ने ‘इंडियाना जॉन्स’ को सिर माथे पर रखा। शुक्रवार को ‘इंडियाना जोन्स एंड द डायल ऑफ़ डेस्टिनी’ में ‘इंडियाना जोन्स का सफर हमेशा के लिए ख़त्म हो गया। अस्सी के हो चुके इंडियाना ने सिल्वर स्क्रीन पर अपनी विदाई का रोमांचकारी उत्सव मनाया है।
अस्सी वर्षीय हैरिसन फोर्ड ने 1967 में फिल्म संसार में कदम रखा था। उन्हें मुख्यतः ‘स्टार वार्स सीरीज’ और ‘इंडियाना जोन्स’ के लिए जाना जाता है। अमेरिकन राष्ट्रपति की भूमिका में उन्होंने एक शानदार फिल्म ‘एयर फ़ोर्स वन’ भी की। ‘इंडियाना जोन्स एंड द डायल ऑफ़ डेस्टिनी’ और फोर्ड की बाकी फिल्मों में एक ही अंतर है। बाकी की चार फिल्मों का निर्देशन स्टीवन स्पीलबर्ग ने किया था लेकिन वे अंतिम कड़ी पर काम करने के लिए तैयार नहीं हुए इसलिए जेम्स मेंगोल्ड को निर्देशन की कमान सौंपी गई।
अब की बार कहानी सन 1944 से शुरु होती है। दूसरे विश्वयुद्ध में यूरोप के मित्र देशों की मुक्ति के दौरान नाज़ी लड़ाके ऑक्सफोर्ड से इंडियाना जोन्स और उसके साथी आर्कियोलॉजिस्ट बेसिल शॉ को पकड़ लेते हैं। इन दोनों को एक युद्धक ट्रेन से दूसरे ठिकाने पर ले जाया जा रहा है। इसी दौरान ट्रेन पर हमला होता है। इंडियाना और बेसिल बच निकलते हैं और उनके हाथ लगता है सिरैक्यूसन गणितज्ञ आर्किमिडीज़ द्वारा बनाया ‘डायल’ का आधा हिस्सा। आर्किमिडीज़ ने इस डायल की ताकत जानने के बाद इसे दो टुकड़े कर अलग-अलग छुपा दिया था। ये डॉयल समय की उन दरारों को खोज सकता है, जिनमे से होकर समय की यात्रा की जा सकती है। इस अनोखे डायल की कहानी बरसों बाद फिर शुरु होती है, जब इंडी बूढ़ा हो जाता है।
इंडी का ये आखिरी अभियान उतना ही खतरनाक है, जितना Ark of the Covenant को खोजने का था। इंडी एक बार हिमालय गया था, जहाँ उसे पवित्र शक्तियों वाला पत्थर मिला था। एक चुनौतीपूर्ण अभियान में वह ईसा मसीह द्वारा अंतिम भोज में इस्तेमाल किया प्याला खोजने गया था। पिछले अभियान में इंडी ने दूसरी दुनिया से आए एलियंस की क्रिस्टल युक्त खोपड़ियां अमेजन से खोज निकाली थी।
हैरिसन फोर्ड ने अपनी फिल्म के बारे में कहा कि ‘हमने चार बेहतरीन फिल्में बनाईं, लेकिन मैं इस सर्कल को बंद करना चाहता था और लगभग मेरी उम्र के गेटअप में आखिरी फिल्म बनाना चाहता था।’ फोर्ड ने फिल्म की शूटिंग में अपना कंधा तोड़ लिया था लेकिन बस एक महीने बाद ही इस अस्सी साल के युवा ने घोड़े पर शानदार सीक्वेंस देकर दिखाया कि इंडी की संघर्षशीलता उसके व्यक्तित्व में समा गई है। ‘इंडियाना जोन्स’ की पांचवी किश्त निर्देशक बदल जाने के बावजूद उतनी ही हंगामेदार और रोमांचक है। एक्शन सीक्वेंस ऐसे कि आप स्क्रीन से आंखें नहीं फेर सकते हैं।
हैरिसन के साथ मुख्य भूमिका में हेलेना शॉ ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। मार्वल की तरह इस कहानी के रिबूट होने की संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखाई देती। lucasfilm का ये स्टाइल ही नहीं है कि वे अपने ‘मास्टरपीस’ रिबूट करे। बहरहाल विश्व सिनेमा का एक मशहूर कैरेक्टर हमसे विदा ले चुका है। ‘इंडियाना जोन्स’ के रोमांचक अभियान थम चुके हैं। अस्सी वर्षीय इंडी साठ के कालखंड में घर के बरामदे में बैठा गर्म कॉफी के घूंट भर रहा है और उसका प्रिय हैट व चाबुक दीवार पर लटके हुए इंडी के साहसिक कारनामों को याद करते हैं।
इंडी की वह सिग्नेचर ट्यून कानों में गूंज रही है, जिसे लिजेंड्री म्यूज़िक कंपोज़र जॉन विलियम्स ने 91 वर्ष की आयु में बनाया था। हैरिसन फोर्ड ने पांच फिल्मों का ‘सर्कल’ बड़े ही गरिमामयी ढंग से पूरा किया है। यदि आप इंडी के प्रशंसक हैं तो आपको ये देखना ही चाहिए।