मूलाधिकार का हनन हो रहा , सबसे ज्यादा हिंदू का ;
अस्सी प्रतिशत है बहुसंख्यक , पर दोयम- दर्जा हिंदू का ।
मंदिर पर सरकारी-कब्जा,धार्मिक-शिक्षा का अधिकार नहीं;
त्योहारों में भी रुकावट , खुलकर मनाने का अधिकार नहीं।
बेईमान – धिम्मी सरकारें , भरी हुयी हैं भारत में ;
जेहादी हमले नहीं रोकती , हिंदू मरता है भारत में ।
कहीं नहीं कानून का शासन , सत्ता की खुदगर्जी है ;
वामी ,सेक्युलर ,जिम्मी ,जेहादी , इनकी ही मनमर्जी है ।
देश में हिंदू पूरे – शोषित , इनकी आजादी फर्जी है ;
कैसे जियेंगे ? कितना जियेंगे ? ये गुंडों की मर्जी है ।
स्वार्थ,लोभ,भय,भ्रष्टाचार का , जगह-जगह पर शासन है ;
यूपी व आसाम छोड़ दो , यहां न्याय का शासन है ।
हिंदू की आवाज दबाती , ज्यादातर सरकारें हैं ;
तरह – तरह हिंदू को लूटें , ऐसी ये सरकारें हैं ।
हिंदू का धन लूट – लूट कर , जजिया में बंटवाती हैं ;
गैर – हिंदू भवनों की हिफाजत , मंदिर को तुड़वाती हैं ।
मानवाधिकार का हनन हो रहा , हिंदू का इस देश में ;
कोई नहीं हिंदू की सुनता , उसके खुद के देश में ।
सत्यनिष्ठ जितने अधिवक्ता , उनका ये कर्तव्य है ;
यू एन ओ में करें शिकायत , बतलायें मंतव्य हैं ।
जितने नरसंहार हुये हिंदू के , यू एन ओ में बतलायें ;
हिंदू की जान की क्या है कीमत ? ये भी उनको बतलायें ।
भारत-सरकार तभी सुनती है, भीतर-बाहर का दबाव हो ;
भारत में हिंदू बेचारा , उसका न कोई दबाव हो ।
यू एन ओ का हस्तक्षेप अब , बहुत-बहुत आवश्यक है ;
मानवता भी तभी सुरक्षित , हिंदू – रक्षा आवश्यक है ।
हिंदू भी कमजोरी त्यागें , अपना साहस – शौर्य जगायें ;
सही-सही इतिहास को जानें, अपना सारा अज्ञान मिटायें ।
सोशल-मीडिया ज्ञान का सागर,उसमें नित-नित डुबकी मारो
ज्ञान के मोती भरे पड़े हैं , पूरे सागर को छान मारो।
जैसे ही अज्ञान मिटेगा , साहस – शौर्य भी आ जायेगा ;
शस्त्र – शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण , अत्याचार तभी जायेगा ।
हिंदू- सम्मान सदा हो सुरक्षित , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ;
यूपी-आसाम का सीएम लाकर,देश का पीएम उसे बनाओ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”