कमलेश कमल। ‘धर’ शब्द बना है– ‘धृ’ धातु से, जो धारण-करने या सँभालने के अर्थ में प्रयुक्त होता है। ‘हलधर’ बलराम को कहा जाता है; क्योंकि वे हल धारण करते थे। मुरलीधर(वंशीधर) और ‘चक्रधर’ तो साक्षात् श्रीकृष्ण हैं। यही ‘धर’ शब्द फ़ारसी में जाकर ‘दार’(फ़ारसी में स्त्रीलिंग) बन गया। हिस्सेदार, ज़िम्मेदार (जिम्मेवार अशुद्ध शब्द है।), ज़मानतदार, ज़मींदार, ज़मींदारी इत्यादि शब्दों में ‘दार’ का अर्थ स्पष्ट है।
★ ध्यानाकर्षण :–
यदि ज़मीन एक से अधिक जगह पर हो तो ज़मींदार कहा जाएगा; ‘ज़मीनदार’ नहीं। ज़मीन का बहुवचनात्मक रूप ‘ज़मीं’ है। हाँ, किसी प्लॉट अथवा भूखंड का कोई ज़मीनदार हो सकता है; ज़मींदार नहीं। यह भी जानना चाहिए कि धर से फ़ारसी में ‘दर’ नहीं; दार बना है। दर का फ़ारसी में अर्थ दरवाज़ा(दरवाजा अशुद्ध है।), भीतर आदि है।
आपका ही,
कमल