संदीप देव । मेवात के दंगे में अभिषेक राजपूत, शक्तिसिंह, प्रदीप शर्मा, व दो होमगार्ड समेत करीब चार से पांच हिंदुओं की मौत हुई है। सरकार का मंत्री हो, सत्ता पक्ष की भाजपा पार्टी का नेता अथवा विपक्ष का कोई नेता, कोई भी मृतक हिंदुओं के घर नहीं गया है, मुआवजा देना तो दूर रहा!
लेकिन हरियाणा सरकार का 2017 का रिकार्ड देखिए! नेताओं के ‘प्रिय वर्ग’ से मरे जुनैद के लिए सरकार तत्काल तड़प उठी थी। अपने ‘पसमांदा सुल्तान’ को खुश करने के लिए खट्टर सरकार ने 10 लाख का मुआवजा उसके परिवार को दिया था।
भारत का हर राजनीतिक दल हिंदुओं के प्रति घृणा से भरा है, फिर भी हिंदू उन पार्टियों की दरी बिछाने से बाज नहीं आ रहा है।
पार्टीबाजी के चक्कर में एक हिंदू दूसरे हिंदू की मौत पर भी चुप रहता है कि अरे यह तो मेरी सरकार के शासन में मौत हुई है तो चुप रहो! हां, तब तक चुप रहना, जब तक तुम्हारी बारी न आ जाए!