जनरल रावत की मौत का बदला (भाग-5)
परम्परा अब्बासी – हिंदू की , भारत में बहुत पुरानी है ;
इस्लामी-शासन में हुई थी पैदा , अब पा चुकी जवानी है ।
भारत भर में भरे हुये हैं , वामी ,कामी , जिम्मी , सेक्युलर ;
सब के सब अब्बासी – हिंदू , धर्म-द्रोह करते हैं रेगुलर ।
धर्म के दुश्मन , देश के दुश्मन , दुश्मन हैं मानवता के ;
राजनीति में बहुमत इनका , ये साथी दानवता के ।
प्रेस , मीडिया , शिक्षा-जगत में , बॉलीवुड में , टीवी में ;
जिम्मेदार यही हैं सारे , देश की हरेक त्रासदी में ।
लगातार हावी हैं गुंडे , क्योंकि हिंदू ! सोया है ;
कई सदियों से नींद चल रही , इसी से अब तक रोया है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , क्या मौत की निद्रा सोना है ?
सेना तक कमजोर हो चुकी , भारत का यही तो रोना है ।
अब रोने का समय नहीं है , हिंदू ! जागो कि लड़ना है ;
जनरल रावत की मौत का बदला , हिंदू ! तुमको लेना है ।
जनरल रावत की मौत का मतलब , देशभक्ति की मौत है ;
जो भी इसमें षड्यंत्रकारी , उनकी निश्चित अब मौत है ।
देशभक्ति की उठे सुनामी , धार्मिक – शिक्षा साधन है ;
“राम-राज्य” लेकर आना है , “धर्म-सनातन” माध्यम है ।
“राम-राज्य” हिंदू ! पायेगा , तीनों – ताप नष्ट होंगे ;
दैहिक – दैविक – भौतिक तापा , कभी नहीं आगे होंगे ।
मानवता ही विजयी होगी , दानवता सब मिट जायेगी ;
धर्म से पूरा शासन होगा , गुंडो की नानी मर जायेगी ।
“एकम सनातन भारत” दल ही, रामकाज ये कर सकता है ;
हिंदू का रामबाण ये दल है , “राम-राज्य” ला सकता है ।
कर्तव्य यही हिंदू का पहला , इस दल को सहयोग करो ;
तन से , मन से , अपने धन से , पूरा-पूरा सहयोग करो ।
सभी दलों ने बहुत छला है , अब तक केवल हिंदू को ;
हिंदू ! अब तक लुटा है जब भी , श्रेय है अब्बासी-हिंदू को ।
जितने भी भारत के नेता,नब्बे-प्रतिशत तक अब्बासी-हिंदू ;
शासन और प्रशासन दोनों में , छाये हुये अब्बासी-हिंदू ।
इनका हुआ मानसिक – खतना , कभी नहीं ये सुधरेंगे ;
धर्म – प्राण हिंदू हों इकट्ठे , तो ही हिंदू के दिन बहुरेंगे ।
“एकम् सनातन भारत” दल की, धर्म-ध्वजा के नीचे आओ ;
इसकी सरकार बनानी होगी , तब ही “राम-राज्य” पाओ ।