आवश्यकता है तत्काल देश को , राष्ट्रभक्त इक नेता की ;
चरित्रवान, सामर्थ्यवान, शौर्यवान, धर्म शिरोमणि नेता की।
सत्यनिष्ठ हो , कर्तव्यनिष्ठ हो , सदा राष्ट्र की बात करे ;
लफ्फाजी बिल्कुल भी न हो , सदा ठोस वो काम करे ।
गुंडों से एकदम निर्भय हो , विधि सम्मत ढंग से काम करे ;
जहां जरूरत हो सख्ती की , वहां न ढुलमुल बात करे ।
अभी भी पार्टी सर्वश्रेष्ठ है , केवल नेता को बदलो ;
सर्वश्रेष्ठ ही नेता लाओ , राष्ट्र की किस्मत को बदलो ।
कोताही बिल्कुल मत करना , वरना सत्ता चली जायेगी ;
मुश्किल से जो दिया जला था , उसकी लौ बुझ जायेगी ।
आने वाली सारी पीढ़ी , कभी माफ न कर पायेगी ;
इतना नीचे गिरेगी पार्टी , कभी न फिर ऊपर आयेगी ।
सहयोगी जितने भी संगठन, कमजोर सभी को कर डाला;
अब तो संदेहास्पद है निष्ठा , हिंदू – द्रोह जो कर डाला ।
अनगिनत घाव हो चुके राष्ट्र पर,तुझ पर कोई भी न असर;
मजहब वालों को दूध मलाई ,उनके लिये सारेअवसर ।
जितना भीषण हो पक्षपात , उतना ही होगा रक्तपात ;
कैसा है सर पर सन्निपात ? करता है राष्ट्र पर वज्रपात ।
अब कार्यकारिणी मिलकर बैठे , नेतृत्व में होवे परिवर्तन ;
पार्टी में जो भी सर्वश्रेष्ठ , उससे ही होवे परिवर्धन ।
जब सर्वश्रेष्ठ नेता होगा , सब बिगड़े काम बन जायेंगे ;
अब तक रहते थे मुरझाये , सारे चेहरे खिल जायेगें ।
अल्पसंख्यकवाद मिट जायेगा व राष्ट्रवाद आ जायेगा ;
हर जगह योग्यता हो आगे , आरक्षण सब मिट जाएगा ।
तुष्टीकरण कहीं न होगा , देशद्रोह मिट जायेगा ;
मर्यादित होगी आबादी , गुंडा तत्व पिट जायेगा ।
पक्षपात जब हट जायेगा , समरसता देश में आयेगी ;
कोई न ऊंचा कोई न नीचा, राष्ट्रीय एकता आ जायेगी ।
शक्तिमान भारत होगा , सारे दुश्मन थर्रायेगें ;
आतंकवाद मिट जायेगा , सुख शांति सभी पा जायेंगे ।
“वंदे मातरम -जय हिंद”
रचनाकार: बृजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”