विपुल रेगे। अनंत और विशालकाय ब्रम्हांड में निवासरत अनेक उन्नत सभ्यताओं की कल्पना तो प्राचीन समय से की जाती रही है। साठ के दशक में एक लेखक हुए फ्रेंक हर्बर्ट। फ्रेंक ने अपनी अधिकांश कहानियां साइंस फिक्शन में लिखी थी। उनकी लिखी किताबों में ‘ड्यून’ बहुत चर्चित रही थी। अंग्रेज़ी शब्द ‘ड्यून’ का अर्थ रेत का टीला होता है। इसी किताब और इसी शीर्षक से कैनेडियन फिल्म निर्देशक डनी विलिनोव ने एक दर्शनीय फिल्म का निर्माण किया है। मैं चकित हूँ कि हिन्दी पट्टी में दर्शकों ने इस गंभीर साइंस फिक्शन का हृदय से स्वागत किया है।
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एक लेखक जब कल्पनाओं की उड़ान भरता है तो वह एक संपूर्ण विश्व का निर्माण करता है। उसके विश्व में समाज का चित्रण होता है। बहुत से पात्र होते हैं। दो समाजों का परस्पर संघर्ष दिखाया जाता है। परंपराएं और धार्मिक रीतियों का वर्णन भी होता है। फ्रेंक ने सुदूर ब्रम्हांड में निवासरत अति विकसित सभ्यताओं के आपसी संघर्ष को दिखाया है। वह संघर्ष जातीय न होकर राजनीतिक अधिक दिखाई देता है।
डनी विलिनोव ने फ्रेंक की लिखी 416 पन्नों की किताब को अपनी फिल्म में विस्तारित किया है। कुशलता से उसके पात्रों को जीवंत किया है। विश्वभर के दर्शकों के बीच ड्यून चर्चा का विषय बनी हुई है। मुझे इसके पीछे एक ही कारण दिखाई देता है, और वह है नयापन। इसे मैं स्पेस फिल्मों के क्षेत्र का नवाचार कहूंगा। इसका कथानक और दृश्यावली स्टार वार्स, अवतार, मार्वल के सुपरहीरोज की मंडली से सर्वथा भिन्न है। निर्देशक ओपनिंग शॉट में कहानी को वर्ष 10191 में ले जाता है।
पॉल एट्रेडीज ओशियन ग्रह के राजवंश का उत्तराधिकारी है। उसके पिता को उसका शत्रु अराकीज ग्रह का प्रभार देता है। वास्तव में ये शत्रु को अनजाने ग्रह पर घेरने की चाल के तहत किया जा रहा है। अराकीज़ एक शुष्क ग्रह है। यहाँ रेगिस्तान के अलावा एक मूल्यवान वस्तु पाई जाती है, जो विभिन्न ग्रहों पर शासन कर रहे राजवंशों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
जो अराकीज पर राज करता है, वह मूल्यवान वस्तु ‘स्पाइस’ अन्य ग्रहों को महंगे दाम पर बेचता है। स्पाइस के बिना वे लोग इंटरस्टेलर यात्राएं नहीं कर सकते। इंटरस्टेलर यात्रा एक आकाशगंगा से दूसरी आकाशगंगा की यात्रा को कहा जाता है। पॉल अपने परिवार के साथ अराकीज जा पहुँचता है और उनके साथ साजिशों का दौर शुरु हो जाता है। वार्नर ब्रदर्स की ये फिल्म ज़ाहिर है कि एक बड़ी सीरीज को स्थापित करने की एक ओपनिंग फिल्म है।
किसी भी सुपरहीरो को स्थापित करने के लिए यही ढंग अपनाया जाता है। ड्यून की अगली किश्तों को युवा पॉल एट्रेडीज आगे लेकर जाएगा। पॉल की भूमिका टिमोथी चेलेमे ने निभाई है। टिमोथी एक उभरते हुए युवा अभिनेता हैं। जिस किरदार के लिए उनका चयन किया गया है, वह कोई बॉडी बिल्डर नहीं है लेकिन हुनरमंद तलवारबाज़ है। उसकी आंतरिक शक्तियां बहुत प्रबल है।
इस फिल्म का वीएफएक्स बेजोड़ है। थियेटर में थ्रीडी के साथ इसे देखने का अनुभव बहुत विलक्षण है। कहानी तो अभी शुरु ही हुई है। अब ये कथा रेगिस्तान में चलेगी। एक ऐसी उजाड़ रेगिस्तान, जहाँ गहराई में एक दैत्य उनका शत्रु है, साथ ही पॉल को मारने के लिए भी सेना चल पड़ी है। वार्नर ब्रदर्स ने सफलतापूर्वक एक नया सुपरहीरो स्थापित कर दिया है।
ये बच्चों का सिनेमा नहीं है। इसमें राजनीति है, इसमें क्रूरता है। इसका दर्शक वर्ष 15 के आयुवर्ग से शुरु होता है। इसका गंभीर कथानक और संकेत बच्चे नहीं समझ सकते। कुल मिलाकर इस सप्ताहांत ड्यून आपके मनोरंजन को एक नया आयाम दे सकती है, बशर्ते आप इसे थियेटर में देखें। ड्यून दर्शक को थियेटर में लौटा लाई है। जो काम बीस बॉलीवुड की फ़िल्में न कर सकी, वह पॉल एट्रेडीज ने कर दिखाया है।