विपुल रेगे। ‘एनिमल’ की भव्य सफलता के बाद रणबीर कपूर का स्टारडम चमक गया है। ‘रामायण’ पर उनका एक बड़ा प्रोजेक्ट मार्च में शुरु होने जा रहा है। रामायण पर आधारित ‘आदिपुरुष’ प्रभास के करिश्मे से सफल तो हो गई लेकिन इसके कारण प्रभास को बहुत आलोचनाएं झेलनी पड़ी। ‘आदिपुरुष’ में जिस तरह रामायण का अपमान किया गया, उसके बाद दर्शक इस विषय को लेकर उत्साहित नहीं हैं। इसके अलावा रणबीर कपूर ने ‘एनिमल’ में एक अल्फ़ा मेल की भूमिका निभाई है। रणबीर का ‘एनिमल लुक’ अब उनसे चिपक चुका है क्योंकि ये उनके कॅरियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई है। ऐसे में श्रीराम की भूमिका में दर्शक उन्हें कैसे ‘सहन’ कर सकेंगे, ये बड़ा प्रश्न है।
रणबीर कपूर इन दिनों लगातार ख़बरों में बने हुए हैं। हाल ही में उन्हें रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से अभिषेक समारोह में पत्नी आलिया भट्ट सहित आने का निमंत्रण मिला है। रणबीर कपूर जल्द ही नीतीश तिवारी के निर्देशन में रामायण पर आधारित फिल्म की शूटिंग शुरु कर देंगे। संभव है कि इस फिल्म के पीआर के सरकार से अच्छे संबंधों के चलते रणबीर और आलिया को निमंत्रण भेजा गया हो। रणबीर राम मंदिर के अभिषेक समारोह में आएँगे तो खबर बनेगी और इसका भरपूर लाभ रामायण वाली फिल्म को मिलेगा।
ताज़ा स्टेटस ये है कि फिल्म में सीता की भूमिका निभाने वाली आलिया भट्ट बाहर हो चुकी है और उनके स्थान पर प्रसिद्ध तमिल अभिनेत्री साईं पल्लवी को लिया गया है। रामायण पर फिल्म बनाते समय निर्माता और निर्देशक को सावधानी रखनी पड़ती है। यदि ज़रा भी ऊंच-नीच हुई तो दर्शक भड़क जाते हैं और कलाकारों का तो कॅरियर ही संकट में आ जाता है। याद कीजिये ‘आदिपुरुष’ के संवाद लिखने वाले मनोज मुन्तशिर को। उन्हें देशव्यापी विरोध का सामना करना पड़ा था। नई वाली रामायण के साथ सबसे बड़ी दिक्कत रणबीर कपूर की छवि है। ये सर्वविदित है कि वे मांस और शराब के आदी हैं।
एक इंटरव्यू में रणबीर ये भी स्वीकार कर चुके हैं कि उन्हें ‘बीफ’ पसंद है। रणबीर की पीआर उनकी छवि बनाए रखने के लिए तमाम जतन करती रहती है। पिछले वर्ष अक्टूबर में ये खबर आई कि रामायण पर आधारित फिल्म की शूटिंग से पहले रणबीर मांस और शराब छोड़ देंगे। हालांकि इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई और न ही रणबीर ने ऐसा कुछ किसी इंटरव्यू में कहा। नीतीश तिवारी और रणवीर कपूर की फिल्म की शूटिंग मार्च में शुरु होगी, जिसके अगस्त 2024 तक पूरी होने की संभावना है। फिल्म की कहानी भगवान राम और माता सीता पर केंद्रित होगी, जो सीता हरण से राम-रावण के युद्ध की कथा प्रस्तुत करेगी।
रणबीर कपूर इस फिल्म में श्री राम की भूमिका निभा रहे हैं और हाल ही में ‘एनिमल’ की रिलीज ने पूरी कहानी बदलकर रख दी है। नीतीश के लिए मुश्किल ये है कि ‘एनिमल’ से रणबीर की जो ताज़ा इमेज बनी है, उसे कैसे ब्रेक किया जाए। शायद अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक में जाना इस इमेज को तोड़ने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है। हमारे पौराणिक नायकों पर यदि फिल्म बनानी है तो इसके लिए प्रचलित कलाकारों को नहीं लिया जाना चाहिए। ऐसा करने से उनकी पहले से स्थापित इमेज फिल्म में ‘राम’ के कैरेक्टर को वास्तविक नहीं बनने देती।
रणबीर और साईं को लेने के बजाय नीतीश को देशभर में राम और सीता को खोजने का एक टैलेंट हंट चलाना चाहिए था। लाखों में से दो कलाकार राम और सीता की भूमिका के लिए चुने जाते। हालाँकि नीतीश ने इतना तामझाम करने के बजाय प्रचलित कलाकारों को लेने का निर्णय लिया। ‘आदिपुरुष’ में भी ठीक यही गलती हुई थी। उस फिल्म में सीता की भूमिका कृति सेनन को दे दी गई और सब जानते हैं कि उनकी छवि एक ग्लैमरस लड़की की है। सीता के किरदार में कृति बुरी तरह फेल हुई। रणबीर कपूर को राम की भूमिका में लेना निर्देशक का एक बड़ा गलत निर्णय भी सिद्ध हो सकता है।
बड़े महाकाव्यों पर फ़िल्में व्यावसायिक सोच के साथ नहीं बनाई जाती। रामानंद सागर ने ‘रामायण’ को बेचने की सोच के साथ नहीं बनाया था। रिचर्ड एटनबरो ने ‘गांधी’ को बेचने की सोच के साथ नहीं बनाया था। शायद यही कारण है कि उन प्रस्तुतियों में एक ईश्वरीय स्पर्श महसूस होता है। ‘गाँधी’ में मुख्य भूमिका निभाने वाले बेन किंग्सले ने बापू बनने के लिए मांसाहार छोड़ा। गोरी चमड़ी को सांवला करने के लिए रोज़ घंटों धूप का सेवन किया। इससे बढ़कर उन्होंने महात्मा गाँधी को आत्मसात किया। क्या रणबीर कपूर भी राम को आत्मसात करने के लिए संयमित जीवन जी रहे हैं और राम को विचार रहे हैं ? राम की भूमिका में उतरने के लिए अयोध्या जाने से काम नहीं होगा, उनको श्री राम की शरण में जाना होगा। तब शायद राम का आशीष मिल सके।