अब तक जितना भी धन लूटा , सब मंदिर को वापस हो ;
धन-संपत्ति सभी कुछ वापस , सारी भूमि भी वापस हो ।
अरबों – खरबों रुपया लूटा , अब तक इन सरकारों ने ;
लाखों हेक्टेयर भूमि को छीना , भारत की सरकारों ने ।
चोर, उचक्के, डाकू, अपराधी , वो भी इनसे बेहतर हैं ;
धर्म के दुश्मन – राष्ट्र के दुश्मन , ये ही सबसे बदतर हैं ।
महामूर्ख व कायर – हिंदू , वो भी जिम्मेदार है ;
क्यों ऐसे नेता को चुनते ? जो पूरे मक्कार हैं ।
मंदिर का धन लूटने वाले , वो सरकारी – हिंदू हैं ;
सत्ताच्युत ऐसे नेता हों , जो अब्बासी – हिंदू हैं ।
हमको धर्म बचाना है , व सारे मंदिर लेना है ;
अब केवल कट्टर – हिंदू को , अपने वोटों को देना है ।
अब्बासी – हिंदू कोई न जीते , एक-एक वोट को तरसाना ;
कट्टर – हिंदू सरकार बनाकर , सारे मंदिर वापस पाना ।
मंदिर के संग साथ-साथ , अब तक लूटा धन वापस हो ;
जितनी भी भूमि थी मंदिर की , पूरी-पूरी सब वापस हो ।
वक्फ-बोर्ड की रचना जैसी, हिंदू का मंदिर – बोर्ड बनाओ ;
एक-एक इंच भूमि वापस हो,पूरी दौलत भी वापस लाओ ।
भारत की जो भी सरकारें, क्या किसी में इतनी हिम्मत है ?
इसी से हिंदू-राष्ट्र बनाकर , हमें संवारना किस्मत है ।
एकमात्र बस मार्ग यही है, मंदिरों को वापस पाने का ;
हिंदू-राष्ट्र बनाओ भारत , तब सब कुछ वापस आने का ।
अब तक हिंदू विकल्पहीन था, पर अब “हिंदू-ब्रह्मास्त्र” है ;
धर्मयुद्ध हम ही जीतेंगे , “नोटा” का “ब्रह्मास्त्र” है ।
हर चुनाव में वोट किसे दें ? सारे हिंदू तय कर लें ;
केवल कट्टर- हिंदू ही चुनना , बाकी को बाहर कर दें ।
किसी भी दल का या निर्दल हो , केवल कट्टर-हिंदू हो ;
जहां नहीं ऐसा प्रत्याशी , तब तो केवल “नोटा” ही हो ।
जीते केवल कट्टर – हिंदू , या वो चुनाव निरस्त हो ;
केवल इसी मार्ग पर चलकर , अब्बासी – हिंदू पस्त हो ।
जितने होंगे विजयी प्रत्याशी , कट्टर-हिंदू ही ज्यादा होंगें ;
उनकी ही सरकार बनेगी , हिंदू – स्वप्न पूर्ण होंगे ।
सबसे बड़ा स्वप्न हिंदू का , भारत को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ;
सारे मंदिर वापस होंवें , सब लुटी हुई संपत्ति को पाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”