मीडिया, इतिहासकार हो या फिर बुद्धिजिवी अपने हित को साधने के लिए और कांग्रेस के गांधी-नेहरू परिवार की चापलूसी में उनकी करतूतों को छिपाते रहे हैं। वो काम आज भी जारी है। गांधी-नेहरू परिवार की तानाशाही को ढंकने के लिए रामचंद्र गुहा जैसे इतिहासकार आज भी मनमाने तथ्य गढ़ने में जुटे हैं। वह मोदी को तानाशाह बताने के लिए नेहरू को लोकतंत्रवादी बताने में भी कोई संकोच नहीं करते। उन्होंने 26 जनवरी को एक ट्वीट करते हुए लिखा है ‘मैं नहीं चाहता कि हमारा देश ऐसा हो जाए जहां लाखों लोग एक व्यक्ति के हां में हां मिलाते दिखे। मैं एक मजबूत विपक्ष चाहता हूं’। अपने इस बयान को सही ठहराने के लिए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के उस बयान का सहारा लिया जो 26 जनवरी 1950 में गणतंत्र की स्थापना अवसर पर दिया गया था। गुहा ने नेहरू की कथनी को तो बताया लेकिन करनी कभी नहीं बताई।
"I do not want India to be a country in which millions of people say 'yes' to one man. I want a strong opposition".
Thus Jawaharlal Nehru, speaking in 1950, the year the Republic was founded.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) January 26, 2019
रामचंद्र गुहा को समझना चाहिए कि वह उस युग में नहीं रहते जहां पैसे के बल पर सबकुछ दबा देने के लिए उनके जैसे इतिहासकार तैयार रहते थे। आज सोशल मीडिया का दौर है सबकुछ सामने आ जाता है। रामचंद्र गुहा को नेहरू समेत गांधी परिवार के जयकारा लगाने के लिए सोशल मीडिया ने क्या खूब आईना दिखाया है
In 1950, Romesh Thapar criticized Nehru in his journal, Cross Roads.
Nehru banned the journal. Romesh Thapar went to SC
May 26, 1950 : Thapar won the case!
1951, Nehru made an amendment to Article 19 (1a) of constitution against "abuse of freedom of speech and expression!" https://t.co/lzTngAPBvD
— Nitin Gupta (@Nitin_Rivaldo) January 26, 2019
रामचंद्र गुहा के ट्वीट पर उन्हें आईना दिखाते हुए नितिन गुप्ता ने लिखा है कि किस प्रकार देश के पहले प्रधानमंत्री ने संविधान लागू होने के एक साल बाद ही मीडिया की आवाज दबाने की नींव रख दी थी। यह वाकया साल 1950 का है जब रोमेश थापड़ ने अपनी पत्रिका में जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की थी। अपनी आलोचना देख नेहरू ने उस पत्रिका पर बैन लगा दिया। रोमेश चंद्रा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए और केस जीत गए। नेहरू को अपनी यह हार बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने साल 1951 में अभिव्यक्ति के अधिकार के दुरुपयोग के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 19 (1) में संशोधन कर दिया। बाद इस संशोधन के माध्यम से कई पत्रकारों तथा पत्र-पत्रिकाओं पर शिकंजा कसते रहे।
इतना ही नहीं कई किताबों के लेखक रहे आनंद रंगनाथन ने नेहरू से लेकर नेहरू गांधी परिवार के सदस्यों के अभी तक की पोल खोल कर रख दी है। किस प्रकार ये लोग मीडिया से लेकर कोर्ट तक का उपयोग अपने हित के लिए करते रहे हैं।
आइये देखते हैं नेहरू-गांधी परिवार की तानाशाही
216. @INCIndia asked its members to take a “positive stand AGAINST criticism" of Nehru and "emphasised that those who criticise him are TRAITORS.”
The authors of this letter, demanding Nehru's resignation, were ARRESTED and JAILED. (h/t @alok_bhatt) https://t.co/msW0aHOvIN pic.twitter.com/xnlDlOnG1I
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 5, 2018
ये वही कांग्रेस है जो अपने नेता और कार्यकर्ताओं को नेहरू की आलोचना को सकारात्मक भाव से लेने की नसीहत देती है जबकि नेहरू की आलोचना करने वालों को देशद्रोही का तमगा देती रही है। मालूम हो कि इस संदर्भ में पत्र लिखकर नेहरू से इस्तीफा मांगने वाले उस लेखक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। धन्य हो जवाहर लाल नेहरू की लोकतांत्रितकता और धन्य हो उन्हें सबसे बड़े लोकतांत्रिक कहने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा।
217. @INCIndia's Nehru unsubscribed and BANNED @timesofindia from his house because he thought they were on a mission to criticise him. He DEMANDED an apology from Blitz for reporting that Indira had received expensive sarees from an unknown businessman. [Reminiscences, Mathai] pic.twitter.com/hlzxgtQ7r6
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 6, 2018
अभिव्यक्ति के अधिकार के कितने बड़े समर्थक नेहरू रहे हैं इसका एक उदाहरण यह भी है। नेहरू ने तो टाइम ऑफ इंडिया पर अपने घर में बैंन कर दिया था क्योंकि उन्हें आभास हो गया था कि यह उनकी आलोचना का मिशन चला रहा है। एक बार तो उन्होंने ब्लिट्ज से माफी मांगने को कहा था क्योंकि उसने एक अनाम व्यवसायी द्वारा इंदिरा गांधी को एक कीमती साड़ी देने पर खबर लिख दी थी।
218. @INCIndia's Nehru told @htTweets editor that he was the LOWEST form of human existence. Nehru then approached the employer and got the editor FIRED, his column BANNED. Possibly the first (non-digital) case of tagging the employer. [Reminiscences of the Nehru Age, Mathai] pic.twitter.com/wlB2TfhhBw
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 6, 2018
नेहरू ने तो एक बार हिंदुस्तान टाइम्स के एक संपादक को नौकरी से सिर्फ इसलिए निकलवा दिया क्योंकि उन्हें नीच कह दिया था। इसके लिए नेहरू ने न केवल मालिक से संपर्क कर उसे नौकरी से निकलवा दिया बल्कि उसके कॉलम भी बैन करा दिए थे। क्या नरेंद्र मोदी के बारे में ऐसी कोई कहानी बतायी जा सकती है?
236. @INCIndia's Nehru DISMISSED the first ever democratically elected Communist govt, of Kerala, in 1959. Congress was part of Vimochana Samaram, that instigated violent protests, police action. The US Ambassador went on record saying CIA FUNDED Cong to foment trouble in Kerala. pic.twitter.com/DlGANES1Fv
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) September 1, 2018
देश में लोकतंत्र को किसी ने सबसे ज्यादा मजाक बनाया तो वह खुद पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। उन्होंने पहली बार 1959 में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई कम्युनिस्ट की सरकार को केरल में बर्खास्त कर दिया था। उस समय अमेरिका के राजदूत ने साफ कहा था कि कांग्रेस ने सीआईए के पैसे से केरल में उत्पात मचाने का काम किया है ताकि केरल सरकार को बर्खास्त किया जा सके।
221. @INCIndia ORDERED massive raids at the @IndianExpress building and its owner R Goenka's guesthouse, incensed at the paper's investigative reports on Reliance-Govt nexus courtesy Arun Shourie & @sgurumurthy who was ARRESTED under Official Secrets Act. https://t.co/sSwWVejqhC pic.twitter.com/AQ8yqaxnnU
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 6, 2018
क्या मोदी ने अभी तक अपने हित के लिए किसी मीडिया हाउस को परेशान किया है? उदाहरण ढूंढे न मिले लेकिन किसी प्रकार कांग्रेस के शासनकाल में केंद्र सरकार और रिलायंस के अवैध संबंध उजागर किए जाने पर इंडियन एक्सप्रेस बिल्डिंग तथा उसके मालिक रामनाथ गोयनका के गेस्टहाउस पर छापे मारे गए। इतना ही नहीं इस मामले में अरुण शौरी और एस गुरुमुर्ति को तो गिरफ्तार भी किया गया था। वही अरुण शौरी जो राहुल गांधी की वंदना गाने में जुटे हैं।
235. @INCIndia wanted to BAN the Communists from taking part in democratic elections. (via @IndiaHistorypic) pic.twitter.com/doeY2KQxGl
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) September 1, 2018
इंदिरा गांधी ने तो कम्युनिस्ट पार्टी को लोकतांत्रिक चुनाव में भाग लेने से रोकने तक की योजना बना ली थी। इंदिरा गांधी कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध तक लगाने का विचार कर रही थी। लेकिन आज वह कम्युनिस्ट पार्टी और उससे जुड़े पत्रकार राहुल-सोनिया और अब प्रियंका गांधी की चरणवंदना गाने में लगे हैं।
222. @INCIndia ORDERED the COMPLETE takeover of the @IndianExpress building & press after the raids [following @sgurumurthy's reports] that were widely condemned. The UNPRECEDENTED annexation of the entire building was in VIOLATION of Supreme Court orders. https://t.co/k3BQgXQoQl pic.twitter.com/lOBeRHhsVQ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 6, 2018
छापे के बाद इंडियन एक्सप्रेस बिल्डिंग और प्रेस पर पूरी तरह से कब्जा करने का आदेश किसी और की नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार ने ही दी थी। उस समय कांग्रेस सरकार की इस कार्रवाई की पूरी निंदा हुई थी। कांग्रेस सरकार के इशारे पर आरोप लगाया गया था कि एक्सप्रेस बिल्डिंग सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करता है।
224. @INCIndia's Pandey & Pandey HIJACKED a plane carrying 126 passengers, shouting "Indira Gandhi Zindabad" and demanding that she be released & all cases against her withdrawn. @INCIndia REWARDED both Pandeys with election tickets. (h/t @NupurSharmaBJP) https://t.co/Zjn8ZKYD0l pic.twitter.com/iumVfFfLeP
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 10, 2018
कांग्रेस के दौर में ही ऐसा संभव हुआ था कि पांडेय सरनेम के इंदिरा गांधी के दो समर्थकों ने एक हवाई जहाज का अपहरण कर लिया था। उस हवाई जहाज में 126 यात्री सवार थे। पांडेय ने सभी यात्रियों को छोड़ने के लिए इंदिरा गांधी के खिलाफ तब तक दायर सभी मामले वापस लेने की मांग की गई थी। बाद में कांग्रेस ने दोनों पांडेय बधुओं को चुनाव टिकट देकर पुरस्कृत किया था।
230. @INCIndia's Indira Gandhi got @swamy39 SACKED from his job just because she didn't like his books, theories, and ideas. Dr Swamy went to court and won. It took him 22 years. https://t.co/AH8mXFaXQE pic.twitter.com/7pIA1sfNnz
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) August 8, 2018
एक बार इंदिरा गांधी ने तो वर्तमान भाजपा नेता सुब्रमनियन स्वामी को उनकी नौकरी से महज इसलिए हटा दिया था क्योंकि इंदिरा गांधी को न तो उनकी किताब पसंद थी न ही उनके सिद्धांत और न ही विचार। स्वामी ने इंदिरा गांधी के आदेश के खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया। कोर्ट से हालांकि उन्हें जीत मिली लेकिन उन्हें यह जीत हासिल करने में 22 साल लग गए।
225. @INCIndia comprehensively RIGGED the 1987 J&K elections through rampant malpractices, arrests, curfews; even recalling a defeated candidate (GM Shah) who had trudged back home dejected and declaring him the winner.
Here is @ShashiTharoor himself ADMITTING to the Rigging. pic.twitter.com/jDbFeQZp8w
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 19, 2018
कांग्रेस पार्टी सिर्फ मीडिया को ही धत्ता नहीं बताती रही है। कांग्रेस पार्टी एक भी लोकतांत्रि संस्थान के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आई है। जम्मू-कश्मी में चुनाव के दौरान वह घटना किसको याद नहीं है जब कांग्रेस पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता राजीव गांधी ने 1987 में वहां चुनाव जीतने के लिए हर शक्ति को आजमाया था। राजीव गांधी ने उस समय न केवल लोगों को बेवजह गिरफ्तार कराया था, बल्कि राज्य में कर्फ्यू लगा दिया था। इतना ही नहीं हर प्रकार से हार गए अपने उम्मीदवार को बुलाकर जिता दिया था।
223. @INCIndia's member files a Police complaint against @NetflixIndia, @SacredGames_TV, and @Nawazuddin_S for referring to Rajiv Gandhi as Fattu (Pussy); asks for FIR to be filed under IPC and the IT act. (h/t @dibyabttb) https://t.co/hyoNXv4H56 pic.twitter.com/qtjI1yqwFn
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 10, 2018
कांग्रेस के शासनकाल में ही राजीव गांधी को फट्टू कहने पर कांग्रेस के एक नेता ने नेटफ्लिक्स से लेकर सैक्रेड गेम टीव तथा नवाजुद्दीन सिद्दिकी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। तथा इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा था।
228. @INCIndia BANNED one of India's greatest director, Ritwik Ghatak's 1970 documentary Amar Lenin. Film was later released only after Indira Gandhi personally saw and approved of it. (via @sanchat48) https://t.co/A554uXSCXx https://t.co/flLL7EBwkr pic.twitter.com/f8N7iRcT9f
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) August 8, 2018
कांग्रेस ने अपने समय में किसी फिल्मकार को भी नहीं छोड़ा है। सत्तर के दशक में कांग्रेस ने महान निदेशक रितविक घातक की डॉक्यूमेंट्री अमर लेनिन पर बंदिश लगा धी। उसे तब तक पास नहीं किया गया जब तक इंदिरा गांधी ने खुद उस डॉक्यूमेंट्री को देख नहीं लिया। और अनुमति नहीं दे दी।
229. @INCIndia ORDERED TV coverage of the Tiananmen Square Massacre to be TONED DOWN. Consequently, the I&B Minister KK Tewary CENSORED the events at Tiananmen Square in which 10,454 people demanding FoS were butchered. https://t.co/cd42ETW8Ak https://t.co/4t6qTuitmQ pic.twitter.com/VyTKOXPrQ5
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) August 8, 2018
चीन के प्रति राहुल गांधी का लगाव आज का नहीं है, यह पुस्तैनी है। जब चीनी सरकार ने थ्यानमन चौक पर लोकतंत्र के समर्थकों का नरसंहार कराया था तब भी केंद्र में बैठी कांग्रेस सरकार ने देश के मीडिया को उस घटना को नहीं दिखाने का आदेश दिया था। मालूम हो कि उस समय चीनी सरकार ने देश में लोकतंत्री की मांग करने वाले करीब साढ़े दस हजार लोगों का नरसंहार करा दिया था।
232. @INCIndia intimidated, hounded, harassed journalist @chitrasd while she investigated the Bofors Scam, resulting ultimately in her getting fired. https://t.co/rTbdpC30E5 pic.twitter.com/sM1XfPiHBJ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) August 25, 2018
राजीव गांधी के कार्यकाल में चित्रा सुब्रमनियन नाम की एक पत्रकार को इसलिए नौकरी से निकलवा दिया गया क्योंकि वह अपनी रिपोर्ट के लिए बोफोर्स घोटाले की जांच पड़ताल में जुटी थी। इतना ही नहीं उसे काफी सताया भी गया था।
URL : social media showed the miror to Ramchandra Guha on praising Nehru!
Keywords : congress, communist, jawaharlal nehru, Indira gandhi. rajiv gandhi