धन्यवाद “संदीप-देव” को
“राष्ट्रीय समलैंगिक संघ” , दुराचार जिसका आधार ;
जिनकी शादी न हो सकती , आपस में करते व्यभिचार ।
या तो कोई सन्यासी होवे , या ब्रह्मचर्य का व्रत होवे ;
वरना चरित्रहीनता होगी , देश का बेड़ा-गर्क ही होवे ।
बहुत बड़े गद्दार भरे हैं , हिंदुओं के बीच में ही हिंदू ;
चरित्रहीन व भ्रष्टाचारी , सब के सब अब्बासी – हिंदू ।
हिंदू – धर्म का चोला ओढ़े , बहुत बड़े मक्कार हैं ;
धर्म – सनातन के दुश्मन हैं , धर्म के ये गद्दार हैं ।
जबसे हांडी फूट गई है , कूकर की जात सामने आई ;
हिंदू बहुत बड़े भ्रम में था , अब सच्चाई सामने आई ।
धन्यवाद “संदीप-देव” को , जिसने नंगा कर डाला ;
तार-तार कर दिया है पूरा , पोस्टमार्टम कर डाला ।
धर्म – सनातन पर जो हमलावर , वो तो मृतक समान है ;
इनकी आत्मा कुचल चुकी है , नहीं आत्मसम्मान है ।
जो कुछ जिसके मन में होता , सभी जगह वो दीखे है ;
जाकी रही भावना जैसी , प्रभु भी वैसा दीखे है ।
तुलसीदास का सत्य वचन है , साफ दिखाई देता है ;
अब्बासी – हिंदू कैसा है ? उसका वक्तव्य बताता है ।
मैन्युफैक्चरिंग – फाल्ट है इनमें , कभी नहीं ये सुधरेंगे ;
दूर रहा हो जो शास्त्रों से , ऐसे वचन ही बोलेंगे ।
“संदीप-देव” को साधुवाद है , इसी तरह से लगे रहो ;
टीवी – मीडिया बिका हुआ है , हिंदू ! इनसे बचे रहो ।
सार-सार को ग्रहण करो सब , थोथा सभी उड़ाना है ;
अब्बासी-हिंदू की चिंदी-चिंदी करके,उसको हमें उड़ाना है ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , सर्वश्रेष्ठ है भारतवर्ष ;
रामायण , गीता , महाभारत , हिंदू पढ़ना पूरे – वर्ष ।
सच्चे – धर्म को हिंदू जानेगा , अंधकार मिट जायेगा ;
समलैंगिक – अब्बासी हिंदू , राष्ट्र – पटल से हट जायेगा ।
न्याय का शासन लाना होगा, अच्छी सरकार बनाना होगा ;
खुलेआम समलैंगिक वाले , इनको दंड दिलाना होगा ।
अब्बासी-हिंदू का समलैंगिक से , पूरा-पूरा गठजोड़ है ;
मजहब वालों को आकर्षित करने का,उनका जोड़मतोड़ है।
सोच समझकर वोट को देना , हिंदू का कर्तव्य है ;
गंदे – लोगों को साफ करेंगे , हिंदू का संकल्प है ।