पूरा विश्व कोरोना की वैक्सीन ढूँढने में प्रयासरत है, क्योंकि वैक्सीन ही एकमात्र तरीक़ा है जो मॉडर्न मेडिसिन की इज़्ज़त बचा सकता है। कोरोना ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है, परन्तु पिछले 9 महीनों में मॉडर्न मेडिसिन कोई स्थायी उपाय नहीं निकाल पाई। वैक्सीन क्या है? यह कैसे शरीर को कैसे सुरक्षा प्रदान करता है और क्या यह कोरोना में कारगर साबित हो सकता है?
वैक्सीन इम्यूनिटी को एडवांस में आने वाली समस्या की सूचना देता है, जिससे मुसीबत आने पर इम्यूनिटी अविलंब एक्शन ले सके। वैक्सीन के ज़रिये जिस जीवाणु/विषाणु से सुरक्षा प्रदान करवानी होती है, उसी जीवाणु/विषाणु को कम मात्रा में कंट्रोल्ड तरीक़े से शरीर में प्रविष्ट किया जाता है। जीवाणु/विषाणु के अंदर प्रवेश करते ही इम्यूनिटी एक्शन में आ जाती है और उपयुक्त एन्टीबॉडी बनाकर अंदर आये हुये जीवाणु/विषाणु को समाप्त कर देती है। इस प्रक्रिया से इम्यूनिटी को उस जीवाणु/विषाणु से लड़ने के लिये उपयुक्त एन्टीबॉडी का ज्ञान हो जाता है और जब भी अटैक होता है तो इम्यूनिटी एन्टीबॉडी बनाकर जीवाणु/विषाणु को परास्त कर आपको सुरक्षा प्रदान करती है। अत: प्रत्येक जीवाणु/विषाणु के लिये एक वैक्सीन बनाना होगा। ध्यान रहे कि उपयुक्त एवं पर्याप्त एन्टीबॉडी बनाने के लिये भी आपकी इम्यूनिटी का स्ट्रॉन्ग होना ज़रूरी है।
कोरोना वाइरस एक वाइरस नहीं है बल्कि इसका पूरा परिवार है और भारत में अभी तक सात तरह के कोरोना वाइरस मिले हैं। इसका तात्पर्य यह है कि यदि किसी भी व्यक्ति को कोरोना से पूरी पूरी तरह सुरक्षित होना है तो उसे सात वैक्सीन लगवाने होंगे। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में क्या यह संभव है? फ़िलहाल अभी एक भी वैक्सीन नहीं बन पाई और किसी भी वैक्सीन के कॉमर्शियल प्रोडक्शन में कम से कम दो साल का समय लगता है। अत: वैक्सीन कब, कहाँ और कितने लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगा आप स्वयं अंदाज़ा लगा सकते हैं। आपको कोरोना वैक्सीन की वास्तविकता को समझ कर अपने जीवन को कोरोना से सुरक्षित करने का इंतज़ाम स्वयं करना होगा।
कमान्डर नरेश कुमार मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
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